Friday, November 15, 2024
HomeराजनीतिCM उद्धव को साबित करना ही होगा बहुमत: सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को...

CM उद्धव को साबित करना ही होगा बहुमत: सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से किया इनकार, शिवसेना के काम न आई सिंघवी की दलीलें

सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या फ्लोर टेस्ट के लिए कोई अवधि तय है, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि इसे 6 महीने के भीतर नहीं कराया जा सकता।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत साबित करने के लिए कहा है, जिसके खिलाफ शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुँची है। पार्टी के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने ये याचिका दायर की। कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बतौर अधिवक्ता उनकी पैरवी की। उनकी दलील थी कि बिना ये जाने वोटिंग कैसे कराई जा सकती है कि कौन इसके योग्य हैं और कौन नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या फ्लोर टेस्ट के लिए कोई अवधि तय है, जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि इसे 6 महीने के भीतर नहीं कराया जा सकता। सिंघवी ने कहा कि जिन लोगों को 21 जून को अयोग्य घोषित किया गया है, अगर स्पीकर के ऊपर निर्णय छोड़ दिया जाए तो वो उस दिन वोट नहीं दे सकेंगे। उन्होंने राज्यपाल र अतिरिक्त हड़बड़ी बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने 34 विधायकों द्वारा राज्यपाल को भेजे पत्र को पढ़ते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से इसका अर्थ है कि वो अपनी सदस्यता खुद छोड़ रहे हैं।

उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल का हर एक्शन कानूनी समीक्षा से गुजर सकता है। अभिषेक सिंघवी ने कहा कि क्या कल फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो आसमान गिर पड़ेगा? उन्होंने विधायकों की बगावत को कानून का उल्लंघन करार दिया। इधर उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने कहा उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट में कहा- “मुझ से कोई ग़लती हुई हो तो माफ़ी चाहता हूँ, सबके सहयोग के लिए आभार।” कैबिनेट ने औरंगाबाद का नाम “संभाजी नगर” रखने का भी निर्णय लिया।

हालाँकि, विपक्षी वकील ने कहा कि विधानसभा के फ्लोर से अच्छा बहुमत साबित करने की अच्छी जगह कौन होगी? इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को होने वाले फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -