Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाजआजम खान ने लग्जरी रिसॉर्ट 'हमसफर' के लिए सरकारी जमीन कब्जाया, नोटिस जारी

आजम खान ने लग्जरी रिसॉर्ट ‘हमसफर’ के लिए सरकारी जमीन कब्जाया, नोटिस जारी

अजय पाल शर्मा ने बताया कि पुलिस ने राजस्व रिकॉर्ड, भुगतान रसीद और जिनसे जमीन ली गई है उन पक्षों के साथ जमीन के करार का सभी ब्योरा माँगा गया है। खरीदी गई जमीन का मूल्य कई सौ करोड़ रुपए बताया जा रहा है।

आज़म खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। उनके कारनामों की लिस्ट काफी बड़ी होती जा रही है। सपा सांसद आज़म खान पर जमीन हथियाने के 26 नए मामलों के बाद अब एक और करोड़ों रुपए के जमीन घोटाले में नाम सामने आया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने आजम खान को रामपुर में लग्जरी रिसॉर्ट हमसफर के लिए सरकारी जमीन कब्जाने को लेकर नोटिस जारी किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन के एक बड़े हिस्से को कब्जाने का आरोप लगाया है। इस जमीन पर लक्ज़री गेस्ट हाउस का निर्माण किया गया है। सपा सांसद आजम खान के खिलाफ सरकारी और किसानों की कृषि योग्य भूमि हथियाने के सिलसिले में लगातार मामले दर्ज किए जाने के बाद उनको भूमाफिया घोषित कर दिया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय भी आजम खान के निजी विश्वविद्यालय के खाते में विदेशों से दान मिलने से संबंधित कथित धनशोधन के आरोपों की भी जाँच कर रहा है। ईडी ने रामपुर पुलिस से आजम खान के खिलाफ दर्ज मामलों की सूची पूरी सूची माँगी है। खबर ये भी है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने आजम खान के स्टाफ को मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित जमीन के सभी सौदों का ब्योरा देने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस अधीक्षक (रामपुर) अजय पाल शर्मा ने बताया कि पुलिस ने राजस्व रिकॉर्ड, भुगतान रसीद और जिनसे जमीन ली गई है उन पक्षों के साथ जमीन के करार का सभी ब्योरा माँगा गया है। खरीदी गई जमीन का मूल्य कई सौ करोड़ रुपए बताया जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने यह भी कहा, “हमें बिक्री अभिलेख की जाँच करने की जरूरत है और असली विक्रेता से इसका सत्यापन करना है। साथ ही हम उन खातों की भी जाँच करना चाहते हैं जिनसे भुगतान हुआ है। जिन पक्षों ने भुगतान प्राप्त किया है उनका सत्यापन करना है।”

जानकारी के मुताबिक उनके ऊपर पहले ही इस मामले से सम्बंधित 26 शिकायतें दर्ज हो चुकी थीं लेकिन पिछले दिनों की खबर है कि सपा सांसद और उनके करीबियों पर फिर 8 नई शिकायतें दर्ज हुई हैं।

इस मामले के मद्देनजर रामपुर पुलिस ने बुधवार (जून 24, 2019) को जज के सामने उन किसानों के बयान भी दर्ज करवाए थे जिनकी जमीनें जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए कब्जाई गई। इन पीड़ित किसानों के बयानों को जुलाई 25, 2019 न्यायधीश के सामने दर्ज करवाया गया था।

वहीं, बता दें जमीन कब्जाने के पिछले मामले में पीड़ित किसानों में से कुछ किसानों के परिवारवालों ने बीते रविवार को राजभवन पहुँचकर राज्यपाल से न्याय की गुहार लगाई थी। जिसके बाद राज्यपाल राम नाईक ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जौहर यूनिवर्सिटी का अधिग्रहण करने की बात कही थी।

उन्होंने अपने पत्र में उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष फैसल खान का जिक्र करते हुए कहा था कि वे कई बार जौहर यूनिवर्सिटी में कई अनियमितताओं की शिकायत कर चुके हैं। इस मामले के मद्देनजर फैसल 8 जुलाई को राज्यपाल से भी मिले थे और उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा था।

जिसमें उनका कहना था कि ‘यूनिवर्सिटी में 80 प्रतिशत जमीन सरकार और किसानों से कब्जाई गई है और 20 प्रतिशत जमीन चंदे के पैसे से खरीदी गई है। बावजूद इसके वहाँ बच्चों से मोटी फीस वसूली जाती है। जिसकी कमाई जौहर ट्रस्ट को जाती है और ये जौहर ट्रस्ट आजम खान के घर का निजी ट्रस्ट है।’

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।

जिस संभल में हिंदुओं को बना दिया अल्पसंख्यक, वहाँ की जमीन उगल रही इतिहास: मंदिर-प्राचीन कुओं के बाद मिली ‘रानी की बावड़ी’, दफन थी...

जिस मुस्लिम बहुल लक्ष्मण गंज की खुदाई चल रही है वहाँ 1857 से पहले हिन्दू बहुतायत हुआ करते थे। यहाँ सैनी समाज के लोगों की बहुलता थी।
- विज्ञापन -