असद्दुदीन ओवैसी के नेतृत्व वाले इस्लामी संघठन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल ने फैसला किया है कि साल 2021 में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में वे अपनी दावेदारी रखेंगे।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामिक संगठन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी से तय करने को कहा है कि वे AIMIM को दोस्त समझती हैं या फिर दुश्मन।
बता दें पार्टी ने राज्य में अभी तक कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है और न ही यहाँ इनकी आधिकारिक रूप से कोई कमेटी है। लेकिन हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता असीम वकार ने अपनी ताकत का बखान करते हुए बयान जरूर दिया, “ये सच है कि तादाद में कम हैं, लेकिन हमें छूना मत। हम ATOM BOMB हैं। दीदी! हमें आपकी दोस्ती भी कुबूल और आपकी दुश्मनी भी। आपको तय करना है कि आप हमें दोस्त समझते हो या फिर दुश्मन।”
Ye Sach hai ki ham tadaad me Kam hai,
— syed asim waqar (@syedasimwaqar) July 29, 2019
Lekin chhu mat Lena ham #Atom_Bomb hai ,,#DIDI
hame apki dosti Bhi kubul
Hame aapki Dushmani bhi kubul ,
Ye apko tai krna hai ki aap hamko apna dost manti hai ya Dushman@asadowaisi@aimim_nationalhttps://t.co/1p4PeYwzGH
हालाँकि, जिस ट्विटर अकॉउंट से वकार ने ये बयान दिया है, वो सत्यापित नहीं हैं, लेकिन फिर भी ये बयान इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि वकार के इस अकॉउंट को ओवैसी द्वारा खुद फॉलो किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित नजरूल मंच ऑडिटोरियम में AIMIM के बंगाल कार्यकर्ताओं की मीटिंग आखिरी समय में कैंसिल होने के बाद AIMIM और TMC के बीच तनाव बढ़ गया है। नजरुल मंच के अधिकारियों ने इस मामले पर बात करने से इंकार कर दिया है क्योंकि ये ऑडिटोरियम सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के अधीन है जिसकी मुखिया खुद ममता बनर्जी हैं।
हालाँकि, इससे पहले AIMIM ने धर्मताल में 28 जुलाई को अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की थी। जहाँ AIMIM के महाराष्ट्र एमएलए वारिस पठान भी मौजूद थे। इस दौरान असीम वकार ने घोषणा करते हुए कहा था कि इस्लाम यहूदियों के ख़िलाफ़ अपने शुरुआती दौर से संघर्ष कर रहा है। यहाँ उन्होंने भीड़ को जोर से ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्लाने को भा कहा, ताकि उसकी आवाजें अमेरिका और इजराइल तक पहुँच सके।
Alhamdulillah: #AIMIM National Spokesperson Janab @syedasimwaqar Attended a Successfull #PublicMeeting at Dharamtalla #WestBengal @asadowaisi pic.twitter.com/RqbFE8jkQw
— Shaik Hussam (@shaik_hussam) July 29, 2019
वहीं, भाजपा बंगाल ईकाई के महासचिव सांतनु बासु ने इस पूरे मामले पर बयान देते हुए कहा है कि एआईएमआईएम केवल चुनावी समझ के लिए टीएमसी के साथ सौदेबाजी कर रही है।
गौरतलब है अगर बंगाल की राजनीति में AIMIM अपने किस्मत आजमाती है तो राज्य की राजनीति के साथ टीएमसी की राजनीति में भी बहुत बदलाव देखने को मिलेगा। क्योंकि बंगाल में मुस्लिमों की तादाद बहुत ज्यादा है और टीएमसी मुख्यत: इन्हें ही अपना वोट बैंक समझती हैं। ऐसे में अगर मुस्लिमों के सामने AIMIM जैसा इस्लामिक संगठन विकल्प के रूप में मौजूद होगा तो निसंदेह ही वे उसे वोट देंगे। इस तरह AIMIM के आने से बंगाल में मतदाताओं के वोट बँटने की संभावना बढ़ जाएगी। बता दें प्रदेश में हिंदुओं पर पहले से ही समर्थन देने के लिए भाजपा के रूप में विकल्प मौजूद है, जिसका असर हमने लोकसभा चुनाव में देखा है।