Saturday, November 23, 2024
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ईरान में महसा अमिनी की हत्या पर खबर छापने वाली महिला पत्रकार गिरफ्तार: पुलिस ने सामान जब्त किया, ट्विटर अकॉउंट भी सस्पेंड

नीलोफर के वकील ने बताया, "ईरान के सुरक्षा बलों ने मेरी मुवक्किल के घर पर छापा मारा और शार्ग अख़बार की पत्रकार नीलोफर को गिरफ्तार कर लिया। नीलोफर के घर की तलाशी ली गई और उसके कई सामानों को ज़ब्त कर लिया गया है।"

ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच महसा अमिनी की मौत की खबर प्रकाशित करने वाली महिला पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 22 सितम्बर 2022 को हुई है। महिला पत्रकार के वकील मोहम्मद अली कामफिरौजी ने इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। नीलोफर जिस अख़बार में काम करती हैं उसका नाम शार्ग है।

फ़ारसी भाषा में किए गए ट्वीट में नीलोफर के वकील ने बताया, “ईरान के सुरक्षा बलों ने मेरी मुवक्किल के घर पर छापा मारा और शार्ग अख़बार की पत्रकार नीलोफर को गिरफ्तार कर लिया। नीलोफर के घर की तलाशी ली गई और उसके कई सामानों को ज़ब्त कर लिया गया है। अभी ये तय नहीं है कि उस पर कौन से आरोप लगाए जाएँगे। नीलोफर के बारे में आगे कोई भी खबर या तो मैं या उनके पति मोहम्मद होसैन अजरलो द्वारा दी जाएगी।”

रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तारी से पहले पत्रकार नीलोफर का ट्विटर अकॉउंट भी सस्पेंड कर दिया गया था। फिलहाल अभी यह तय नहीं है कि नीलोफर का हैंडल ईरान के प्रशासन के अनुरोध पर सस्पेंड हुआ है या किसी अन्य कारण से। नीलोफर की गिरफ्तारी के साथ ईरानी सुरक्षा बलों ने देश भर में अन्य प्रदर्शनकरियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है।

गिरफ्तार हुए हैं और भी पत्रकार

गौरतलब है कि अमिनी की मौत के मामले में पत्रकार नीलोफर की गिरफ्तारी पहला मामला नहीं है। इस से पहले ईरान सरकार विरोधी प्रदर्शन करने वाले कई अन्य पत्रकार भी गिरफ्तार हो चुके हैं। कुछ ही दिन पहले यल्डा मोएरी नाम की एक ईरानी फोटो जर्नलिस्ट को ईरानी अधिकारियों ने राज्य विरोधी विरोध प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय वो तेहरान शहर में हिजाब स्ट्रीट पर हिंसक हो गई भीड़ की कवरेज कर रहीं थीं। इस गिरफ्तारी की पुष्टि उनके पिता घोलमरेज़ा मोएरी ने की थी। इसके अलावा उन्होंने इस कार्रवाई की शिकायत पत्रकारों की आवाज उठाने वाले संस्थान CPJ से की थी।

पहले याल्डा और अब नीलोफर की गिरफ्तारी पर CPJ के उत्तरी अफ्रीका के कार्यक्रम समन्वयक सदस्य शरीफ मंसूर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, “ईरानी अधिकारी यह समझ लें कि पत्रकारों को बंद कर के वो देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को छिपा नहीं पाएँगे। दोनों पत्रकारों को तत्काल रिहा किया जाए। ईरान सरकार पत्रकारों पर मनमानी कार्रवाई से बाज़ आए।”

गौरतलब है कि गलत तरीके से हिजाब पहनने के नाम पर ईरान (Iran) की मोरल पुलिस द्वारा पिटाई के कारण कोमा में गई 22 साल की महसा अमिनी (Mahsa Amini) की शुक्रवार (16 सितंबर 2022) को राजधानी तेहरान में मौत हो गई थी। 13 सितंबर को अमिनी को गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। तेहरान की मोरल पुलिस ने अपने बालों को पूरी तरह नहीं ढँकने का आरोप लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसे उसे एक हिरासत केंद्र में लेकर बुरी तरह पीटा गया था। तब से पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है जिसमें कई लोगों को पुलिस ने गोली मार दी है और कईयों को गिरफ्तार किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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