Monday, December 23, 2024
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केरल CM को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने याद दिलाई ‘लक्ष्मण रेखा’: आरोपों पर कहा- ‘मेरे हस्तक्षेप को साबित करें तो दे दूँगा इस्तीफा, वर्ना वे कुर्सी छोड़ें’

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आगे कि कहा, "मैंने (सीएम विजयन पर) कोई आरोप नहीं लगाया है। सीएम के सचिव को बर्खास्त कर दिया गया है। क्या वह बिना सीएम की जानकारी के मामले में शामिल लोगों को संरक्षण दे रहे थे? फिर, यह सीएम की क्षमता का प्रतिबिंब है।”

केरल की वामपंथी सरकार राज्यपाल को प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रही है। यही कारण है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (CM Pinarayi Vijayan) की सरकार के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है। विजयन सरकार ने राजभवन पर राजनीतिक हस्तक्षेप करने का आरोप मढ़ा है। वहीं, राज्यपाल ने कहा कि अगर केरल सरकार एक भी ऐसा उदाहरण दे देगी तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

केरल के मुख्यमंत्री विजयन को चुनौती देते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अगर वे राजनीतिक हस्तक्षेप का एक भी उदाहरण दिखा देंगे तो वे राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे देंगे। दरअसल, राज्यपाल ने सीएम विजयन द्वारा विश्वविद्यालयों में की गई कुलपतियों की नियुक्ति पर सवाल उठाया था। इसे सीएम ने राजनीतिक हस्तक्षेप बता दिया था।

आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “वे (सीएम) बार-बार कह रहे हैं कि मैं आरएसएस के लोगों को लाने के लिए ऐसा कर रहा हूँ। अगर मैंने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए एक भी व्यक्ति, आरएसएस ही नहीं किसी भी व्यक्ति, को नामित किया है तो मैं इस्तीफा दे दूँगा। अगर वह इसे साबित नहीं कर पाए तो क्या वह इस्तीफा देने के लिए तैयार होंगे?”

राज्यपाल ने आरोप लगाया, “सीएम कह रहे हैं कि मैं एक समानांतर सरकार चला रहा हूँ और वे कह रहे हैं कि वे शिक्षा क्षेत्र में सुधार कर रहे हैं। कैसे? विश्वविद्यालयों में CPIM नेताओं के कम पढ़े-लिखे और अयोग्य रिश्तेदारों के पदों को भरकर?”

इतना ही नहीं, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोना तस्करी मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम आने को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “मैं देख रहा हूँ कि तस्करी गतिविधियों को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संरक्षण दिया जाता है। अगर राज्य सरकार, मुख्यमंत्री कार्यालय और सीएम के करीबी लोग तस्करी की गतिविधियों में शामिल हैं तो मेरे लिए हस्तक्षेप करने का आधार है। ऐसे मुद्दे हैं जिनमें मुझे हस्तक्षेप करना चाहिए।”

राज्यपाल ने विजयन सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “मैंने विश्वविद्यालय से संबंधित हर फाइल लौटा दी है। सभी के लिए एक ‘लक्ष्मण रेखा’ है। राज्यपाल के कॉल का जवाब नहीं दे रहे मुख्यमंत्री उस ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर रहे हैं। सीएम कार्यालय में लोग तस्करी को संरक्षण दे रहे हैं।”

उन्होंने आगे कि कहा, “मैंने (सीएम विजयन पर) कोई आरोप नहीं लगाया है। सीएम के सचिव को बर्खास्त कर दिया गया है। क्या वह बिना सीएम की जानकारी के मामले में शामिल लोगों को संरक्षण दे रहे थे? फिर, यह सीएम की क्षमता का प्रतिबिंब है।” बता दें कि विजयन और उनके परिवार पर सोना तस्करी में शामिल होने का आरोप गोल्ड तस्करी कांड की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने लगाया था।

स्वप्ना सुरेश ने कहा था, “इस मामले में मैंने अदालत से केरल के मुख्यमंत्री, उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, विजयन की पत्नी कमला, बेटी वीणा, उनके अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व नौकरशाह नलिनी नेट्टो और पूर्व मंत्री के.टी. जलील की संलिप्तता के बारे में भी बताया है। साथ ही मैंने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की माँग करते हुए याचिका भी दायर की है।”

इसके पहले राज्यपाल खान ने कहा था कि केरल सरकार द्वारा राज्य में शराब की बिक्री को बढ़ावा दिया जा रहा है और विजयन सरकार केरल को ड्रग्स कैपिटल बना रही है। उन्होंने कहा, “सभी शराब पीने के खिलाफ अभियान चलाते हैं। यहाँ शराब पीने को बढ़ावा दिया जा रहा है। कितने शर्म की बात है।” उन्होंने आगे कहा, “हमने तय किया है कि हमारे (केरल के) विकास के लिए लॉटरी और शराब ही काफी है। शत-प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य के लिए यह कितनी शर्मनाक स्थिति है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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