कर्नाटक (Karnataka) की भाजपा ने राज्य में हलाल मांस (Anti Halal Bill) की प्रतिबंधित करने के लिए विधानसभा में बिल लाने का निर्णय किया है। अगर यह बिल सदन में पास हो जाता है और कानून लागू हो जाता है तो कर्नाटक भारत का पहला राज्य बन जाएगा, जो हलाल मीट पर प्रतिबंध लागू करेगा। हालाँकि, इस बिल को लेकर हंगामा होने के आसार हैं, क्योंकि कॉन्ग्रेस ने इसका विरोध किया है।
दूसरी ओर, विधानसभा में विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) के चित्र के अनावरण को लेकर कॉन्ग्रेस (Congress) ने बसवराज बोम्मई सरकार (Basavaraj Bommai Government) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। चित्र का अनावरण कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने किया।
Belagavi | VD Savarkar's portrait unveiled in Karnataka Assembly hall. Congress MLAs have staged a protest with LoP Siddaramaiah writing to Speaker to install portraits of personalities like Valmiki, Basavanna, Kanaka Dasa, BR Ambedkar, Sardar Vallabhbhai Patel and many others. pic.twitter.com/Esgdl8bdgP
— ANI (@ANI) December 19, 2022
भाजपा के विधान पार्षद एन रविकुमार ने इस बिल को सदन में लाने की पहल की है। इसमें भारतीय खाद्य सुरक्षा और सुरक्षा संघ (FSSAI) के अलावा किसी अन्य संस्था के खाद्य प्रमाणन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। इस संबंध में रविकुमार ने इस संबंध में राज्यपाल थावरचंद गहलोत को लिखा था।
रविकुमार ने इसे निजी विधेयक के रूप में पेश की का विचार किया था, लेकिन अब वे इसे सरकारी विधेयक के रूप में पेश कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व के समर्थन और सहयोग के बाद उन्होंने इसे सरकारी विधेयक के रूप में पेश करने की योजना बनाई है।
रविकुमार ने कहा कि बाजार को अवैध रूप से नियंत्रित करने के लिए कुछ अनधिकृत संस्थाएँ खाद्य प्रमाणन के काम जुटी हुई हैं। इसको खत्म करने के प्रयास के तहत इस विधेयक को सदन में पेश किया जाएगा। वहीं, कॉन्ग्रेस ने इस प्रस्तावित विधेयक का विरोध किया है।
परिषद में कॉन्ग्रेस के विपक्ष के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि पार्टी ने सदन के अध्यक्ष से इस बिल को मंजूर नहीं करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की एक रणनीति है। इसके आधार पर वह मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है।
इस साल अप्रैल में भी हलाल मीट को लेकर कर्नाटक में बवाल हुआ था। हिन्दू संगठनों ने उगादी उत्सव के दौरान हलाल मांस का बहिष्कार करने की अपील की थी। बता दें कि हलाल मीट को लेकर देश भर में बहस होती रही है और इसे जानवरों के प्रति क्रूरता कहा जाता है।
हलाल अरबी भाषा का शब्द है। हलाल प्रक्रिया में जानवर के श्वसन नली को थोड़ा सा काट कर छोड़ दिया जाता है। इससे वह लंबे समय तक तड़पता रहता है। इस्लाम में जानवरों के हलाल करने के बाद ही उसे खाने की बात कही गई है। इसलिए मुस्लिम समुदाय हलाल पर जोर देता है।
हलाल में जानवर को मारने की क्रूर प्रक्रिया के कारण नीदरलैंड, जर्मनी, स्पेन, साइप्रस, ऑस्ट्रिया, ग्रीस और बेल्जियम में इस पर बैन लगाया गया है। साल 2021 में बेल्जियम ने हलाल पर प्रतिबंध लगाते हुए नियम कहा था जानवरों को मारने से पहले अनिवार्य रूप से उसे पहले बेहोश किया जाए। इससे हलाल मांस पर अपने आप रोक लग जाए।