Friday, May 10, 2024
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‘आपके पार्सल में अवैध चीजें मिली हैं’: खुद को साइबर सेल या पुलिस थाने से बताने वालों को भी न भेजें रुपए, देखें महिला पत्रकार के साथ क्या हुआ

कॉल पर फर्जी पुलिस वालों ने यह भी कहा कि घटना का जिक्र किसी से न करें, क्योंकि मामला संवेदनशील है। उन्होंने इससे जुड़ा एक फर्जी डॉक्यूमेंट और भेजा।

देश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसमें कोई शक नहीं कि लोगों में स्कैम्स को लेकर जागरूकता बढ़ी है, लेकिन शातिर साइबर अपराधी भी लोगों को ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं। ठगी के लिए अब फोन कॉल और व्हाट्सएप्प (WhatsApp) का इस्तेमाल हो रहा है। ठगी करने वाले फर्जी कागजात, आईडी और दूसरे डॉक्यूमेंट्स का ऐसा इस्तेमाल करते हैं कि पढ़ा-लिखा इंसान भी चक्कर खा जाए। यदि समझ में आ गया तो बच गए, नहीं तो चुटकियों में खाता खाली।

ऐसा ही एक वाकया पेश आया पत्रकार गीतिका रस्तोगी के साथ। उन्होंने ट्विटर पर थ्रेड के जरिए अपने साथ हुए फ्रॉड के कोशिश की पूरी कहानी साझा की। बकौल गीतिका, उन्हें सबसे पहले फेडएक्स कंपनी के नाम से एक फोन कॉल आया। उन्हें बताया गया कि उनका एक पार्सल बताए पते पर नहीं पहुँच सका है, क्योंकि इसमें अवैध समान रखे हुए थे। कॉलर के अनुसार, गीतिका ने मुंबई से ताइवान एक पार्सल भेजा था जिसमें नशे का सामान पाया गया।

गीतिका आगे बताती हैं कि कॉलर ने उन्हें पार्सल की डिटेल बताई और कहा कि मामले में पुलिस जाँच कर रही है। कॉलर ने फिर मुंबई पुलिस साइबर सेल का बताते हुए एक व्यक्ति को फोन पर जोड़ा। गीतिका को यहीं संदेह हुआ। इसके बाद व्हाट्सएप्प पर उन्हें एक पुलिस ऑफिसर का आईकार्ड भेजा गया। व्हाट्सएप्प पर ही फर्जी ‘एसआई नरेश गुप्ता बनर्जी’ ने गीतिका का बयान दर्ज किया। एसआई बनर्जी ने गीतिका से कई सवाल पूछे। इस दौरान बैकग्राउंड का भी पूरा ख्याल रखा गया था। फोन पर किसी व्यस्त पुलिस स्टेशन सी आवाजें भी सुनाई दे रही थीं।

इतने में गीतिका को सबूत के साथ बताया गया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कई गैरकानूनी बैंक खाते खोलने व गैरकानूनी लेन देन के लिए किया गया है। इसका इस्तेमाल हवाला ट्रांजैक्शन के लिए किया गया है। व्हाट्सएप्प पर तस्वीरें और खबरों का स्क्रीनशॉट भेजा गया। बताया गया कि आपकी आईडी का इस्तेमाल जेरोल्ड नामक किसी व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है, जिसे मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले की जाँच की जा रही है। यदि आपको इस केस से निकलना है तो हमारा सहयोग करना होगा।

कॉल पर फर्जी पुलिस वालों ने यह भी कहा कि घटना का जिक्र किसी से न करें, क्योंकि मामला संवेदनशील है। उन्होंने इससे जुड़ा एक फर्जी डॉक्यूमेंट और भेजा। इस दौरान आश्वासन दिया गया कि आप फिक्र मत कीजिए, 20-30 मिनट में आप केस से बाहर हो सकती हैं। इस केस में लगभग 150 लोगों से पूछताछ चल रही है। आपके बैंक खातों की जाँच के लिए आप कुछ रुपए हमें ट्रांसफर करें। नकली पुलिस वालों ने गीतिका से वेरिफिकेशन के नाम पर 95 हजार 499 रुपए माँगे। उन्होंने कहा कि या तो आप पैसे भेजें अन्यथा मुंबई आ कर थाने में हाजिरी लगाएँ।

क्राइम ब्राँच के नकली पुलिस वालों ने गीतिका को आश्वासन दिया कि जाँच के बाद उनके रुपए भेज दिए जाएँगे। इस पर गीतिका ने कहा कि मैं पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकती। इस पर फॉड कॉलर्स ने धमकी दी कि पैसे न भेजने पर खाता 2-3 सालों के लिए फ्रीज कर दिया जाएगा। या तो रुपए भेजो, अन्यथा मुंबई पहुँचो। इस पर गीतिका ने मुंबई आने के लिए तैयार होने की बात कही। इसके बाद फोन काट दिया गया।

गीतिका को डर है कि स्कैमर्स के पास अब भी उनकी आधार डिटेल है। इस तरह के मामले हर रोज सामने आते हैं। कई लोग तो अपनी मेहनत की कमाई पलक झपकते खो देते हैं। फोन से फ्रॉड का ये मॉडल, पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। पहले इसका केन्द्र झारखंड का जामतारा माना जाता था, लेकिन जानकार बताते हैं कि इसी तर्ज पर देश के कई इलाकों से ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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