Friday, November 15, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयगुजरात दंगों पर BBC की प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री: प्रधानमंत्री मोदी को मिला ब्रिटिश पीएम ऋषि...

गुजरात दंगों पर BBC की प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री: प्रधानमंत्री मोदी को मिला ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक का साथ, मुस्लिम सांसद को ऐसे लगाई लताड़

ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने बुधवार (18 जनवरी 2023) को ट्वीट कर बीबीसी को निशाने पर लिया और उसे पक्षपाती बताया। उन्होंने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए बीबीसी की आलोचना की। 

साल 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots 2002) पर बनी BBC की डॉक्युमेंट्री का मामला ब्रिटिश संसद में पहुँच गया। हालाँकि, इस विवाद में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का बचाव किया।

दरअसल, पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश सांसद इमरान हुसैन ने संसद में गुजरात दंगे का मुद्दा उठाया। इस पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस डॉक्यूमेंट्री में अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से वह सहमत नहीं हैं।

बता दें कि साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी आग लगाकर 59 हिंदुओं को जिंदा जलाकर मारने के बाद गुजरात के गोधरा सहित अन्य जगहों पर दंगे भड़क उठे थे। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थी। इस्लामवादी, वामपंथी और प्रोपेगेंडा फैलाने वाली विदेशी एजेंसियाँ इस दंगे का दोष पीएम मोदी पर मढ़ने का लगातार प्रयास करती रही हैं।

इसी तरह की प्रोपेगेंडा के तहत ब्रिटेन की मीडिया एजेंसी BBC ने एक डॉक्यमेंट्री बनाई है। इस डॉक्यूमेंट्री में BBC ने दंगों का दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डालने की कोशिश की है। यही नहीं, उनकी छवि इस्लाम विरोधी भी दिखाने की कोशिश की है।

India: The Modi Question शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई BBC की इस सीरीज में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। बीबीसी ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैये, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।

सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटिश संसद में कहा, “वह (पीएम नरेंद्र मोदी) इस हिंसा (गुजरात दंगों) के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। यह देखते हुए कि सैकड़ों लोगों को क्रूरता से मार दिया गया था और यहाँ ब्रिटेन सहित भारत और दुनिया भर के परिवार अभी भी न्याय के बिना हैं। क्या प्रधानमंत्री (यूके पीएम) विदेश कार्यालय में अपने राजनयिकों से सहमत हैं कि मोदी सीधे तौर पर जिम्मेदार थे और क्या विदेश कार्यालय को जातीय संहार के इस गंभीर कार्य में उनकी संलिप्तता के बारे में पता है?”

इस पर प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम की सरकार की लंबे समय से चली आ रही स्थिति स्पष्ट है और वह बदली नहीं है। ऋषि सुनक ने आगे कहा, “निश्चित रूप से हम किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो। लेकिन, मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूँ, जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।”

इतना ही नहीं, ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने बुधवार (18 जनवरी 2023) को ट्वीट कर बीबीसी को निशाने पर लिया और उसे पक्षपाती बताया। उन्होंने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए बीबीसी की आलोचना की। 

लॉर्ड रेंजर ने अपने ट्वीट में लिखा, “बीबीसी न्यूज, आपने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित भारत के प्रधानमंत्री को अपमानित करने के साथ-साथ भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका की भी बेइज्जती की है। हम दंगों और लोगों की मौत की निंदा करते हैं, लेकिन आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।”

इस डॉक्यूमेंट्री पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा, “हमें लगता है कि यह डॉक्यूमेंट्री एक प्रोपोगेंडा का हिस्सा है। इसकी कोई सत्यता नहीं है। इस पक्षपातपूर्ण सीरीज को भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है।” 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा बुधवार (18 जनवरी 2023) को कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री उन एजेंसी और व्यक्तियों का प्रतिबिंब है, जो इस कहानी को फिर से फैला रहे हैं। इस कोशिश इसके पीछे के एजेंडे के बारे में सोचने पर मजबूर करता है।  

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -