Saturday, November 23, 2024
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यूपी ATS ने 2 रोहिंग्याओं को दबोचा, पासपोर्ट-वोटर आईडी-आधार कार्ड सब इनके पास: अपना घर भी बनवा रहा था अरमान, वोट के लिए प्रधान एजाज ने बनवा दिए दस्तावेज

पुलिस पूछताछ में मोहम्मद अरमान ने खुद के रोहिंग्या होने की बात कबूली। अरमान के मुताबिक, उसने साल 2008 में चोरी-छिपे मणिपुर बॉर्डर से भारत में इंट्री की थी।

उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने बलिया जिले से मंगलवार (14 मार्च, 2023) को 2 रोहिंग्याओ को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए रोहिंग्याओं के नाम अबू तल्हा उर्फ़ मोहम्मद अरमान और अब्दुल अमीन है। रोहिंग्याओं के पास 3 भारतीय पासपोर्ट सहित अन्य पहचान पत्र बरामद हुए हैं। पासपोर्ट और अन्य कागजात बनवाने में इजहारुल हक नाम के स्थानीय व्यक्ति ने मदद की थी। पुलिस ने मंगलवार (21 मार्च, 2023) को इजहारुल हक़ को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अभी 4 अन्य नामजद आरोपित फरार हैं जिनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।

3 पासपोर्ट, कर चुका खाड़ी देशों की यात्रा

यह कार्रवाई बलिया जिले के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में हुई है। इस मामले में शिकायतकर्ता ATS इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी हैं। ATS के मुताबिक, उन्हें कुछ लोगों के भारत में अवैध तौर पर रहने और कुछ अन्य के द्वारा उनकी मदद किए जाने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर शुरुआती जाँच में एक रोहिंग्या का नाम सामने आया, जिसने कुछ स्थानीय लोगों की मदद से भारतीय पासपोर्ट बनवा रखा था। वह रोहिंग्या उसी पासपोर्ट पर दुबई और बहरीन की यात्रा भी कर चुका था।

जब ATS ने इस मामले में और गहराई से छानबीन की तो पता चला कि पासपोर्ट बनवा चुका रोहिंग्या मोहम्मद अरमान पश्चिम बंगाल के हुगली जनपद के पंडुआ क्षेत्र में जमीन खरीद कर अपना निजी मकान भी बनवा रहा था। जमीन की रजिस्ट्री अरमान ने फर्जी भारतीय पहचान पत्र से करवाई थी। पश्चिम बंगाल में रोहिंग्या ने स्थानीय विधायक प्रतिनिधि के माध्यम से अपने आधार कार्ड का पता उत्तर प्रदेश के बलिया से बदलवा कर पुरुषोत्तम नगर पंडुआ जिला हुगली करवा लिया था।

लखनऊ, कोलकाता और जेद्दा के पासपोर्ट

14 मार्च 2023 (मंगलवार) को ATS को मोहम्मद अरमान के बलिया उमरगंज में किसी मोहम्मद निसार नामक व्यक्ति से मिलने आने की सूचना मिली। सूचना सही पाई गई और ATS ने एक टैक्सी स्टैंड पर खड़े 2 रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए पहले व्यक्ति की पहचान अराकान म्यांमार के रहने वाले मोहम्मद अरमान और दूसरे की पहचान बांग्लादेश रोहिंग्या कैम्प कॉक्स बाजार के अब्दुल अमीनके तौर पर हुई।

दोनों की तलाशी में ATS को 3 भारतीय पासपोर्ट मिले। पहले 2 पासपोर्ट मोहम्मद अरमान के नाम पर थे। जबकि तीसरा पासपोर्ट मोहम्मद हामिद के नाम पर है। पहला पासपोर्ट लखनऊ, दूसरा जेद्दा और तीसरा कोलकता से जारी हुआ है। तीसरे पासपोर्ट पर मोहम्मद हामिद भी विदेश यात्रा कर चुका है।

आगे की तलाशी में मोहम्मद अरमान के पास भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी बलिया जिले का वोटर कार्ड और 1 पैन कार्ड भी मिला। मोहम्मद अरमान के पास 2 आधार कार्ड भी मिले जिसमें एक आधार UP के बलिया जिले और दूसरा पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का है। तीसरा आधार कार्ड मोहम्मद हामिद का बरामद हुआ जो पश्चिम बंगाल के हुगली का बनाया गया था। आरोपितों के पास से एक पंजाब नेशनल बैंक का एक ATM कार्ड और विदेशी संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत के सिक्के मिले।

अरमान के पास आईफोन भी बरामद हुआ है। जब ATS ने मोहमद अरमान से फोन का लॉक खोलने को कहा तब उसने जानबूझकर कई बार गलत कोड डाला। इस से उसका फोन परमानेंट लॉक हो गया था।

2014 लोकसभा चुनाव से पहले वोट बढ़ाने के लिए बना वोटर कार्ड

पुलिस पूछताछ में मोहम्मद अरमान ने खुद के रोहिंग्या होने की बात कबूली। अरमान के मुताबिक, उसने साल 2008 में चोरी-छिपे मणिपुर बॉर्डर से भारत में इंट्री की थी। वह बलिया के सगीर अहमद की दुकान पर नौकरी कर रहा था। अरमान के मुताबिक, सगीर अहमद का बेटा शैद अली उसके रोहिंगा होने की बात जानता था। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बलिया में उमरगंज के ग्राम प्रधान एजाज के भाई निसार ने वोट बढ़वाने के लिए कुछ पैसों में मोहम्मद अरमान का वोटर कार्ड बनवा दिया।

इसी वोटर कार्ड से मोहम्मद अरमान ने बाद में आधार कार्ड, बैंक खाता और पैन कार्ड भी बनवा डाला। कुछ समय बाद बलिया के ही इजहारुल नाम के व्यक्ति ने अरमान पैसों के बदले पासपोर्ट का ऑफर दिया। अरमान ने इसे कबूल कर दिया और थोड़े समय बाद अरमान का पासपोर्ट भी बन गया। इसी पासपोर्ट पर अरमान ने बहरीन और सऊदी अरब की यात्रा भी की। अरमान अक्टूबर 2022 में खाड़ी देशों की यात्रा कर के भारत लौटा था।

फर्जीवाड़े में पूरा रोहिंग्या परिवार शामिल

सऊदी अरब से लौट कर अरमान दिल्ली के त्रिलोकपुरी में रहा। भारत में उसके भाई ताहिर और एक अन्य रिश्तेदार उस्मान को भी अरमान द्वारा किए जा रहे फ्रॉड का पता था, लेकिन उन सभी ने इसे छिपाए रखा। इस दौरान अरमान के दूसरे भाई इरफ़ान और हामिद नाम के व्यक्ति ने पश्चिम बंगाल को रहने के लिए सुरक्षित बताते हुए उसे वहाँ बुलाया। इस सलाह पर हुगली में अरमान किराए का मकान ले कर रहने लगा। कुछ दिनों बाद अरमान अपने भाई मोहम्मद इरफ़ान के साथ हुगली में ही फर्जी कागजातों से जमीन खरीद कर अपना निजी घर भी बनवाने लगा था।

अरमान के भाई इरफ़ान के एक दोस्त ने अवैध तौर पर बॉर्डर पार कर रहे अन्य रोहिंग्याओं को देश के अलग-अलग हिस्सों में ले जाने की एवज में पैसे देने का ऑफर दिया।

अरमान ने ये ऑफर मान लिया और बांग्लादेश के कॉक्स बाजार से आए अब्दुल अमीन नाम के रोहिंग्या का कागजात भी अपनी ही तरह बनवाने का जिम्मा ले लिया। यही काजगात बनवाने वह अमीन को ले कर बलिया पहुँचा था। अब्दुल अमीन ने भी अपने कागजात में फर्जी जन्मतिथि दिखाई है। अब्दुल ने भी अपने सहयोगी के तौर पर हमीद का नाम लिया। अब्दुल अमीन ने भी अवैध तौर पर बॉर्डर पार किया था। पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 419 / 420/467/468/471/370/ 120 बी / 34 IPC 12(1), 12 (2) पासपोर्ट अधिनियम व 14 विदेशी अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है।

इस मामले में मोहम्मद अरमान, अब्दुल अमीन के बाद ATS ने सोमवार (20 मार्च 2023) को इजहारुल को भी गिरफ्तार कर लिया है। फरार मोहम्मद इरफ़ान, हमीद, शैद अली और निसार की तलाश जारी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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