Saturday, November 23, 2024
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झुंड में घेरना, नग्न होने की धमकी देना, सैनिक से लेकर पत्रकारों तक से सवाल: कौन हैं मणिपुर की ‘मीरा पैबिस’, जिनसे निपटने के लिए ट्रेंड महिला बल की हो रही डिमांड

उपद्रवियों को छुड़ाकर ले जाने से मुख्यमंत्री का इस्तीफा फाड़ने वाली महिलाओं के समूह को आप उपद्रवी कहें या राजनीतिक समर्थक या फिर कुछ और, लेकिन मणिपुर में ऐसा हर समूह खुद को 'मीरा पैबिस' कहता है।

हिंसा प्रभावित मणिपुर में ‘मीरा पैबिस’ से निपटने के लिए प्रशिक्षित महिला बलों की माँग की गई है। ‘मीरा पैबिस’ को जानने से पहले कुछ घटनाओं पर गौर करिए। 21 जुलाई 2023 को न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में मैतेई महिलाओं का एक समूह एक घर को आग के हवाले करते दिख रहा था। यह घर 4 मई 2023 को हुई उस घटना के आरोपितों में से एक का था, जिसमें महिलाओं का नग्न परेड निकालकर उनका गैंगरेप किया गया।

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद से मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे, उन्हें बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग हो रही है। हाई कोर्ट के एक फैसले के कारण राज्य में मई में हिंसा भड़की थी। आपको ध्यान होगा कि 30 जून 2023 को यह खबर आई थी कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह अपने पद से इस्तीफा देने वाले हैं। फिर खबर आई कि महिला समर्थकों के एक समूह ने गवर्नर हाउस जाने से पहले ही उन्हें घेर लिया और उनका त्यागपत्र फाड़ दिया

इससे पहले 24 जून को सेना ने बताया था कि मणिपुर की राजधानी इंफाल में उसे 12 उपद्रवियों को छोड़ना पड़ा। इन उपद्रवियों की रिहाई के लिए महिलाओं की अगुवाई में सैकड़ों की भीड़ सड़क पर आ गई थी। उपद्रवियों को लेकर जा रहे सैन्य बल को घेर लिया गया। सुरक्षा बलों ने महिलाओं से हटने की लगातार अपील की, लेकिन वह बेअसर रही। आखिरकार सेना ने महिलाओं पर बल प्रयोग नहीं करने का फैसला करते हुए उपद्रवियों को छोड़ दिया।

इस घटना के चंद दिन बाद सेना के स्पेयर कॉर्प्स ने बताया था कि मणिपुर में दंगाई महिलाओं को ढाल बना रहे हैं। महिलाओं का समूह सुरक्षा बलों के अभियान में बाधा डाल रही हैं। महिलाओं की भीड़ जमा कर कर ऐसी-ऐसी हरकतें की जा रही हैं, जिससे भारतीय सेना को उत्तर-पूर्वी राज्य में शांति बहाली में खासी परेशानी आ रही है। एक वीडियो शेयर कर इसके बारे में बताया गया था। बताया था कि जिन गाड़ियों में हथियारबंद दंगाई चलते हैं, उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएँ भी होती हैं ताकि सुरक्षा बलों को रोका जा सके।

इन सभी घटनाओं में कॉमन बात महिला समूहों की संलिप्तता है। अब आप इन महिला समूहों को राजनीतिक समर्थक कहें या उपद्रवी या फिर कुछ और, लेकिन मणिपुर में ऐसा हर समूह खुद को ‘मीरा पैबिस’ कहता है। समाज की वरिष्ठ महिलाओं के हाथ में ऐसे समूहों की कमान होती है। जब भी इन्हें अपने समुदाय या खुद के साथ अन्याय होता दिखता है, ये ऐसे ही खड़ी हो जाती हैं। इनका मणिपुर के समाज में दबदबा इस बात से भी समझा जा सकता है कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर का दौरा किया था तो विभिन्न नागरिक/समाजिक समूहों के साथ उनकी बैठक का हिस्सा ‘मीरा पैबिस’ भी थे।

रिपोर्टों के अनुसार अब सुरक्षा बलों ने इन ‘मीरा पैबिस’ से निपटने के लिए प्रशिक्षित महिला कर्मियों की माँग की है। बताया गया है कि इन समूह ने न केवल अर्धसैनिक बलों की आवाजाही को ‘रोका’ है, बल्कि गंभीर अपराधों को अंजाम देने में ‘मदद’ भी की है। इस स्थिति का हवाला देते हुए राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के काम में जुटे अधिकारियों ने महिला अर्धसैनिक बलों की ज्यादा बटालियन की आवश्यकता बताई है। खासकर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की महिला बटालियन जिसे दंगों से निपटने में बेहद सक्षम माना जाता है।

असम राइफल्स में महिला जवानों की संख्या काफी कम है और अधिकारियों का मानना है कि वे कानून-व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। सेना के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि खुद को ‘मीरा पैबिस’ बताने वाली महिलाओं का समूह अक्सर दबाव डालने के लिए नंगा हो जाने की धमकी देती हैं। सैन्य आवाजाही रोकने के लिए रास्तों में डंडा लेकर खड़ी हो जाती हैं। झुंड बनाकर सुरक्षा बलों को रोकने वाली ‘मीरा पैबिस’ पत्रकारों को भी नहीं छोड़तीं। बताया जाता है कि मणिपुर में रिपोर्टिंग करने गए पत्रकार हों या सुरक्षा बल के जवान, ‘मीरा पैबिस’ की सदस्य उन्हें घेरकर उनसे बहस करती हैं। उन्हें अपने पहचान-पत्र दिखाने को कहती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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