Friday, November 22, 2024
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ज्ञानवापी ढाँचे में सर्वे का काम फिर शुरू, मुस्लिम पक्ष ने किया बहिष्कार: जुमे की नमाज को लेकर ASI ने कुछ घंटों के लिए सर्वेक्षण रोका, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा, "हमने सर्वे के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसकी आज सुनवाई होनी है। इसकी जानकारी वाराणसी के अधिकारियों को दी गई है। शीर्ष अदालत के आदेश तक सर्वे को रोका जाए।"

इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय के बाद वाराणसी के ज्ञानवापी ढाँचा परिसर में सर्वे का काम आज शुक्रवार (4 जुलाई 2023) से फिर शुरू हो गया है। इस दौरान सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए है। सर्व का काम सुबह लगभग 8 बजे शुरू हुआ था। इस दौरान मैपिंग, चार्टिंग और डॉक्यूमेंटेशन का काम किया गया। इसके बाद नमाज के लिए काम रोक दिया गया।

आज होने वाला सर्वे दो चरणों में हो रहा है। सुबह 8 बजे से शुरू होकर 12 चलने वाला सर्वे का काम पूरा हो गया है। इसके के मैपिंग और चार्टिंग किया गया और सर्वे में मिले प्रतीकों का डॉक्यूमेंटेशन का काम किया गया। दूसरे चरण के सर्वे का काम 2:30 बजे से फिर शुरू होगा, जो शाम को 5 बजे तक चलेगा। इस दौरान ASI के 61 सदस्य शामिल होंगे।

आज के सर्वे के पहले चरण में ज्ञानवापी के पहले दिन के सर्वे में ASI की टीम ने हिंदू धर्म चिह्नों को इकट्ठा करके एक जगह स्टोर किया। इन प्रतीकों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। सर्वे के लिए ASI की 43 सदस्यीय टीम को चार हिस्सों में बाँटा गया था और परिसर को चार भाग में बाँटकर अलग-अलग हिस्सों में लगाया गया था।

सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के लोग शामिल रहे, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसका बहिष्कार कर दिया। मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी नहीं पहुँचा। वहीं, आज जुमा होने कारण इलाके को सील कर दिया गया है और भारी संख्या में सिक्योरिटी फोर्सेज को तैनात किया गया है। जुमे की नमाज को देखते हुए ASI ने सर्वे का काम दो चरणों में किया।

  • सर्वे के दौरान परिसर की खुदाई नहीं होगी। इसके लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और रेडियो वेव की फ्रीक्वेंसी के जरिए पता लगाया जाएगा कि जमीन या दीवार के अंदर क्या है। इसके अलावा, कार्बन डेटिंग से भी साक्ष्यों की जाँच की जाएगी। सर्वे का काम 5-6 तक चल सकता है।

हिंदू पक्ष के सोहनलाल आर्य ने कहा कि पिछले सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर शिव और पार्वती की मूर्तियाँ, वराह (विष्णु का शूकर अवतार), घंटियाँ, त्रिशूल और कई अन्य साक्ष्य सहित कई कलाकृतियां मिली थीं। यह दर्शाता है कि यह स्थान एक मंदिर है।

    बताते दें कि वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने ASI को सर्वे करके 4 अगस्त 2023 को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। हालाँकि, मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट और फिर हाईकोर्ट पहुँच गया, जिसके कारण इसमें विलंब हो गया। ऐसे में हलफनामा दायर करके कोर्ट से और वक्त माँगा गया है।

    उधर, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे जारी रखने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एक बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा, “हमने सर्वे के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसकी आज सुनवाई होनी है। इसकी जानकारी वाराणसी के अधिकारियों को दी गई है। शीर्ष अदालत के आदेश तक सर्वे को रोका जाए।”

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    ऑपइंडिया स्टाफ़
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    कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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