Wednesday, May 22, 2024
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देश में PM मोदी का जलवा बरकरार, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के बीच ज्यादा लोकप्रिय: 2024 में तीसरी बार BJP सरकार की वापसी के संकेत

फाइनेंसियल एक्सप्रेस के अनुसार, 18-30 आयु वर्ग के बीच के 66% युवा प्रधानमंत्री के काम से प्रसन्न हैं। वहीं, 31-45 आयु वर्ग के 64% लोग उनसे प्रसन्न हैं। 45 से अधिक की आयु वाले 64% लोग प्रधानमंत्री के कामकाज से प्रसन्न हैं। इस सर्वे में यह भी सामने आया है कि अधिक पढ़े लिखे लोग प्रधानमंत्री को ज्यादा प्रसन्न करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता लगातार 9 वर्षों से बनी हुई है। एक नए सर्वे में अब यह सामने आई है कि प्रधानमंत्री मोदी को देश के पश्चिमी हिस्से में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। वहीं, पुरुषों के मुकाबले महिलाएँ उन्हें ज्यादा पसंद करती हैं।

इंडियाबुल्स-इप्सॉस द्वारा किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि देश के 10 में से 6 लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर पसंद करते हैं। देश के उत्तरी हिस्से के 72% लोग, पूर्वी हिस्से में 73%, पश्चिमी हिस्से में 80% और दक्षिणी हिस्से में 31% लोग उन्हें पसंद करते हैं।

इस सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बड़े से लेकर छोटे, सभी प्रकार के शहरों में अभी भी बरकरार है। टियर-1 शहरों में जहाँ 76% जनता उन्हें पसंद करती है तो टियर-2 शहरों में 64% और टियर-3 शहरों में 62% लोग उन्हें पसंद करते हैं।

इंडियाबुल्स-इप्सॉस के इस सर्वे में यह भी सामने आया कि जहाँ 64% पुरुष प्रधानमंत्री मोदी के काम को पसंद करते हैं। वहीं, 65% महिलाएँ उनके काम को पसंद करती हैं।प्रधानमंत्री की लोकप्रियता सभी आयु वर्ग में बनी हुई है।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस के अनुसार, 18-30 आयु वर्ग के बीच के 66% युवा प्रधानमंत्री के काम से प्रसन्न हैं। वहीं, 31-45 आयु वर्ग के 64% लोग उनसे प्रसन्न हैं। 45 से अधिक की आयु वाले 64% लोग प्रधानमंत्री के कामकाज से प्रसन्न हैं। इस सर्वे में यह भी सामने आया है कि अधिक पढ़े लिखे लोग प्रधानमंत्री को ज्यादा प्रसन्न करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के यह आँकड़े अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को फायदा दिलाने में सहायक होंगे। सर्वे में ऐसे लोगों की राय ली गई है जो कि वोट देते हैं। बदलते माहौल और बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ ही प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का बना रहना यह दर्शा रहा है कि अगले चुनावों में उन्हें विशेष कठिनाई का सामना ना करना पड़े।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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