Sunday, September 8, 2024
Homeदेश-समाजलंदन में खालिस्तानियों का फिर उपद्रव: भारतीय उच्चायोग के सामने तिरंगे पर डाला गोमूत्र,...

लंदन में खालिस्तानियों का फिर उपद्रव: भारतीय उच्चायोग के सामने तिरंगे पर डाला गोमूत्र, भारतीय युवक ने राष्ट्रीय ध्वज की बचाई लाज

इससे पहले मार्च 2023 में भी खालिस्तानी आतंकियों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान आतंकियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय झंडे को निकालकर फेंक दिया था और वहाँ खालिस्तानी झंडा टाँग दिया था। इस कृत्य की भारत ने कड़ी निंदा की थी। बाद में उच्चायोग में पहले से भी बड़ा तिरंगा लगा दिया गया था।

ब्रिटेन में खालिस्तानी आतंकियों की हरकतें बढ़ती जा रही हैं। अब उन्होंने 2 अक्टूबर 2023 को गाँधी जयंती के अवसर पर लंदन के भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे पर गोमूत्र डाला गया। खालिस्तानियों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को भी गोमूत्र पीने के लिए कहा। इसका वीडियो सामने आया है।

वीडियो में एक खालिस्तानी कह रहा है कि वो लोग भारतीय उच्चायोग के लिए गिफ्ट के तौर पर गोमूत्र लेकर आए हैं। उसने उच्चायोग के अधिकारियों से कहा कि वे बाहर आएँ और यह गिफ्ट लें। वहीं एक अन्य खालिस्तानी ने कहा कि भारत वाले गाँधी जयंती मना रहे हैं। वे गोमूत्र पीकर जश्न मना सकते हैं। इस तरह खालिस्तानी गोमूत्र के नाम पर हिंदुओं का मजाक उड़ा रहे हैं।

एक अन्य खालिस्तानी ने कहा कि वह पहले भी पीएम मोदी को गोमूत्र देने आ चुका है। उसने आगे कहा कि चंद्रमा पर जो चंद्रयान गया था, वह भी इसलिए बंद हो गया क्योंकि भारतीय गोमूत्र जैसी चीजों का उपयोग करते हैं। इसके बाद खालिस्तानी गुरुचरण सिंह भारतीय उच्चायोग की दीवार के पास तिरंगा रखकर उस पर गोमूत्र डालते दिखाई दे रहा है। गुरुचरण, गुरूपतवंत सिंह पन्नू के प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से जुड़े खालसा यूके का सदस्य है।

इस दौरान एक खालिस्तानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गोमूत्र पीने के लिए कह रहा है। वहीं मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा भारत को धमकी देता नजर आ रहा है। मौके पर मौजूद सुरक्षा अधिकारी हाथ पर हाथ धरे खड़े रहे। वहीं एक अन्य वीडियो में एक भारतीय जमीन पर पड़े तिरंगे को उठाकर ले जाता दिखाई दिया।

बता दें कि इससे पहले मार्च 2023 में भी खालिस्तानी आतंकियों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया था। इस दौरान आतंकियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय झंडे को निकालकर फेंक दिया था और वहाँ खालिस्तानी झंडा टाँग दिया था। इस कृत्य की भारत ने कड़ी निंदा की थी। बाद में उच्चायोग में पहले से भी बड़ा तिरंगा लगा दिया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -