सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या कहना इस घटना का बेहद सतही आँकलन कहा जा सकता है। जैसे-जैसे जाँच आगे बढ़ रही है, इसमें हर दिन और हर पल नया खुलासा हो रहा है।
पूरे दिन बर्फ की सिल्ली पर बैठा रहा और जलन ऐसी कि 'जिया जले, जाँ जले, सिल्ली पर धुआँ चले' हो गया। जैसे ऊर्ध्वपाती पदार्थ होते हैं न जो ठोस से सीधा गैसीय अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं, वैसे ही आप यकीन मानिए कि बर्फ की सिल्ली ठोस बर्फ से सीधे वाष्पीकृत हो रही थी और रत्ती भर भी पानी नहीं बन पा रहा था।
भारत की पत्रकारिता में यह रवीश का सबसे बड़ा योगदान है। अच्छी योजनाओं और सरकारी कार्यों में भी, खोज-खोज कर कमियाँ बताई जाने लगी हैं। देखा-देखी बाकी वामपंथी एंकरों और पुराने चावल पत्रकारों ने भी, अपनी गिरती लोकप्रियता बनाए रखने के लिए, अपने दैनिक शौच से पहले और फेफड़ों से चढ़ते हर खखार (हिन्दी में बलगम) के बाद, मोदी और सरकार को गरियाना अपना परम कर्तव्य बना लिया है।
डोकलाम में दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद राहुल गाँधी वीडियो लेकर इसलिए आए, क्योंकि ये चीनी सेना के समर्थन में हैं। उन्होंने चीन की गोद में बैठकर भारत सरकार की असफलताओं पर 'चर्चा' की।