Friday, October 18, 2024
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अर्पित त्रिपाठी

अवध से बाहर निकला यात्री...

10 करोड़ घरों में पहुँचा गैस सिलिंडर, महिलाओं को मिली धुएँ से आजादी: उज्ज्वला से बदल गई करोड़ों घरों की किस्मत

2014 में देश के मात्र 55% जबकि 2016 में जब उज्ज्वला योजना चालू की गई थी तब देश के 61% घरों में ही एलपीजी की पहुँच थी। अब लगभग हर घर में यह सुविधा पहुँच चुकी है।

2019 में 16% गाँवों में ही ‘नल से जल’, आज 75% गाँवों में ‘हर घर नल जल’: मोदी सरकार ने खर्चे ₹1.82 लाख करोड़,...

मोदी सरकार द्वारा चालू किए गए जल जीवन मिशन के अंतर्गत देश के 75% घरों को सीधे नल से जल पहुँचाया जा रहा है। अब देश के 19.3 करोड़ ग्रामीण घरों में से 14.5 करोड़ घर स्वच्छ जल पा रहे हैं।

पक्का मकान जिन आँखों के लिए था सपना, मोदी सरकार ने उनके लिए बना दिए 3.3 करोड़ घर: जानिए प्रधानमंत्री आवास योजना से कितना...

देश में इस योजना के तहत अब तक 4.12 करोड़ घरों को मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से 3.3 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। बाक़ी का निर्माण चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रो में इस योजना का लाभ पाने वालों में से 44% लाभार्थी दलित या जनजातीय समुदाय से आते हैं।

निताशा कौल को कॉन्ग्रेसी सरकार ने बुलाया… जो कहती है कश्मीर में हिंदू नरसंहार कभी नहीं हुआ, J&K पर है भारत का कब्जा

निताशा कौल कश्मीरी पंडित है, वह इंग्लैण्ड में रह कर भारत के खिलाफ जहर फैलाती है और दावा करती है कि कश्मीर पर भारत का कब्जा है। निताशा ने भाजपा और आरएसएस के विरुद्ध भी जहर फैलाया है।

10 सालों में गाँवों में आई समृद्धि, अधिक खर्च कर रहे लोग, शहरों के मुकाबले ज्यादा खरीद रहे, गरीबी अब 5% के आसपास

देश में शहर की तुलना में गाँव में खर्च तेजी से बढ़ रहा है। गाँवों में एक व्यक्ति अब प्रतिमाह औसतन ₹3773 जबकि शहर में ₹6459 खर्च कर रहा है। दोनों के बीच अब 71% का अंतर है, जो कि 2011-12 में 84% था।

1947 में स्वतंत्र हुआ भारत, 47 साल में बना केवल एक AIIMS: पहले वाजपेयी फिर मोदी ने PMSSY से इलाज किया सुलभ, 10 साल...

मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान 15 AIIMS को देश भर में मंजूरी दी है, इनमें से 12 में MBBS की पढ़ाई और OPD चालू हो चुकी है।

मोदी सरकार ने खेती-किसानी को दिया खूब खाद-पानी, फिर ‘किसानों’ के नाम पर तमाशा क्यों? जानिए 10 साल में कैसे बदली कृषि क्षेत्र की...

कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार के कार्यों पर गौर करें तो इस तथ्य को बल मिलता है कि इस किसानो के नाम पर चल रहे तमाशे का मकसद राजनीतिक है।

51 करोड़ अकाउंट, 35 करोड़ रुपे कार्ड, ₹2 लाख करोड़ डिपॉजिट: ‘जनधन’ से गरीबों को डायरेक्ट लाभ, करप्शन फुर्र

प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत अब तक 51 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। यह योजना देश में वित्तीय बदलाव लाने में सफल रही है।