“यहाँ किसी ने गोली नहीं चलाई। वह (सिपाही सौरभ देशवाल) पुलिस की गोली से मरा है और पुलिस अब हमें परेशान कर रही है। हम क्या तुम्हें बदमाश लगते हैं?” ये शब्द हैं उस गाँव के मुस्लिमों के, जहाँ हिस्ट्रीशीटर कादिर को पकड़ने गई SOG के सिपाही सौरभ देशवाल की गुंडों ने घेरकर हत्या की थी।
यह घटना 25 मई, 2025 को गाजियाबाद के नाहल गाँव में हुई थी। ऑपइंडिया इस घटना के बाद 28 मई, 2025 को इस नाहल गाँव पहुँची। यहाँ हमें कादिर के कुछ पड़ोसी मिले, जिनसे बातचीत हुई। कादिर की चार मंजिला कोठी से करीब 300 मीटर की दूरी में सभी मकानों पर ताले लगे हुए हैं।
यहाँ रहने वाले लोग अपने-अपने रिश्तेदारों या फिर जान पहचान वालों के यहाँ जा चुके हैं। भले ही कादिर के कुछ पड़ोसी हमसे पुलिस प्रशासन की कार्रवाई में मदद करने की बात कैमरे पर कर रहे थे। लेकिन हकीकत यह है कि पूरे बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है।
कादिर की कोठी से करीब 200 मीटर पहले हमारी मुलाकात यहाँ मौजूद मस्जिद के इमाम से हुई। घटना से खुद को अनजान बताते हुए इमाम मोहम्मद फकरूद्दीन ने बताया, “मैं बाहर का रहने वाला हूँ और यहाँ करीब डेढ़ वर्ष से मस्जिद में रहकर नमाज पढ़ाता हूँ लेकिन घटना के बाद से लोग मस्जिद नहीं आ रहे हैं।” इमाम ने कहा कि जो हुआ है गलत हुआ है।
नाहल गाँव की 90% आबादी मुस्लिम
ऑपइंडिया इसके बाद हिस्ट्रीशीटर कादिर के चार मंजिला कोठी के बाहर पहुँचा। हमें दिखा कि यहाँ भारी पुलिसबल तैनात है। कुछ पुलिसवाले आराम कर रहे थे तो कुछ पुलिस वाले गश्त कर रहे थे। कुछ कोठी के सामने कुर्सियों पर बैठे हुए थे।
इस बीच कोठी के सामने मिले एक बुजुर्ग फतेह मोहम्मद ने बताया कि वह बाजार में छोले भटूरे की दुकान लगाते हैं, लेकिन जब से यह घटना हुई है तब से यह दुकान बंद है। कादिर के बारे में पूछने पर बोले कि हम कादिर को नहीं जानते लेकिन इस घटना में हम किसी को दोषी नहीं मानते।
फ़तेह मोहम्मद ने कहा कि अब पुलिस परेशान कर रही है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस बेगुनाहों को घरों से उठा रही है। फ़तेह मोहम्मद ने बताया कि गाँव में 90% मुस्लिम एवं 10% गैर मुस्लिम आबादी हैं। यहीं हमारी टीम को टोपी लगाए एक मुस्लिम युवा मिला। वह बाइक पर बैठा हुआ था।
उसने भी फ़तेह मोहम्मद का दावा ही दोहराया। उसने कादिर को पहचानने से इनकार किया। ऑपइंडिया को यहीं पर इरफान नाम के बुजुर्ग मिले। उन्होंने बताया कि कादिर उनका भतीजा है और उसने सात दिन पहले ही जान से मारने की धमकी दी थी।
रिपोर्टर के सवाल से भड़का कादिर का पड़ोसी दुकानदार
ऑपइंडिया को कादिर का पड़ोसी दुकानदार भी मिला। उसने घटना के बारे में जानने से इनकार किया लेकिन पुलिस पर आरोप जड़ दिए। उसने दावा किया कि सौरभ देशवाल पुलिसकी गोली से मरा है। उसने कहा, “सौरभ पुलिस की गोली से मरा है हम क्या रात को गोली लेकर बैठे थे?”
In Ghaziabad, locals from the Muslim community are spreading rumours over Constable Saurabh Deshwal's murder. When @Keshavmalan93 questioned them, some turned aggressive and even got physical. pic.twitter.com/Li9sHgQWs7
— OpIndia.com (@OpIndia_com) June 1, 2025
उसने हमारी टीम से बदतमीजी भी की। दुकानदार ने सवालों से भड़कते हुए हमें धक्का दिया और हिंसक होने का प्रयास किया। वहीं इसके बाद हमने 15-20 लोगों से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन अधिकांश लोग खुद को घटना से अंजान बताते हुए आरोपित कादिर के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचते रहे।
सौरभ देशवाल के गाँव में पसरा सन्नाटा
नाहल, गाजियाबाद से निकलने के बाद ऑपइंडिया की टीम शामली के बधेव गाँव में पहुँची। यह सौरभ देशवाल का गाँव है। गाँव में चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है दोपहर के समय सुनसान पड़ी गाँव की गलियाँ सौरभ के बलिदान का शोक मनाते दिखीं।
गाँव का हर व्यक्ति इस हत्या से स्तब्ध था। यहाँ हम गाँव के बीचों बीच बने बने सौरभ देशवाल के घर पहुँचे। 3 मंजिला अधूरे से मकान के बरामदे में 10-15 लोग गमगीन बैठे हुए थे। उनके बीच एक पुराना सा कुर्ता पहने(जिस पर दाग लगे है) पिता उत्तम कुमार बैठे हुए थे।
उत्तम कुमार की आँखों में आँसू सूख चुके हैं। गहरे गम में डूबे पिता को देख लगता है कि उन्हें यकीन ही नहीं कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। पूछने पर कहते हैं वह बहुत बहादुर था। उन्हें योगी सरकार से न्याय उम्मीद है।
बगल में चारपाई पर बैठे सौरभ की बुआ के लड़के की आँखों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। वह कहते हैं कि सौरभ बेहद मिलनसार और बहादुर था। सौरभ देशवाल के परिजनों ने बताया कि वह अपना समय गायों की सेवा में लगाते थे। यहीं बैठे एक और रिश्तेदार कादिर का हश्र विकास दुबे और अतीक अहमद जैसा चाहते हैं।
घर के अंदर बैठी सौरभ की माँ और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। सौरभ का खुद का परिवार बसने से पहले उजड़ गया। उनकी पत्नी बदहवास थीं। सौरभ का विवाह 2020 में ही हुआ था। उनकी पत्नी और माँ के गले में बात करने के लिए जान नहीं थी। ऑपइंडिया ने उनसे बात नहीं की।
सौरभ के घर से वापस आते हुए एक महिला ने कहा कि सभी आरोपितों का एनकाउंटर होना चाहिए और कादिर के घर पर बुलडोजर भी चलना चाहिए। आप ऑपइंडिया की यह ग्राउंड रिपोर्ट नीचे लगे लिंक पर देख सकते हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस कादिर, उसके भाई आदिल समेत कई अपराधियों को पकड़ चुकी है। सौरभ देशवाल के परिवार को ₹50 लाख दिए जाने की घोषणा की जा चुकी है। हालाँकि, उनका परिवार कहता है कि उन्हें उनका बेटा वापस चाहिए।
–साथ में अनुराग मिश्रा