119 कुल लेख
रचना कुमारी
अन्य
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय: प्रेसीडेंसी कालेज से BA करने वाले वह पहले भारतीय, अंग्रेजी नौकरी और उसी के विरोध में ‘वंदे मातरम्’
सरकारी नौकरी में होने के कारण बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय किसी सार्वजनिक आन्दोलन में प्रत्यक्षतः भाग नहीं ले सकते थे, पर उनका मन...
अंतरराष्ट्रीय
पहले पाकिस्तान जैसी थी कश्मीर के दलित-हिंदुओं की स्थिति, 370 का छला हिन्दू समाज पीढ़ियों से उठा रहा था कचरा
नाले-पेशाब-पखाना साफ करते हिंदू दलितों की जो हालत आज पाकिस्तान में है, वही हालत अनुच्छेद 370 के उन्मूलन से पहले भारत के जम्मू-कश्मीर में थी।
राजनीति
कैप्टन अमरिंदर सिंह की ईदी: मुस्लिम बहुल मलेरकोटला को बनाया पंजाब का नया जिला
मुस्लिम बहुल मलेरकोटला पंजाब का 23वाँ जिला बन गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईद के मौके पर इसकी घोषणा की।
देश-समाज
कोरोना संकट में कोविड सेंटर बने मंदिर, मस्जिद में नमाज के लिए जिद: महामारी से जंग जरूरी या मस्जिद में नमाज?
मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते बीएमसी के प्रमुख अस्पतालों में बेड मिलना एक बड़ी चुनौती बन गई है। मृतकों का आँकड़ा भी डरा रहा है। इस बीच कई धार्मिक स्थल मदद को आगे आ रहे हैं और मुश्किल समय में इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
राजनैतिक मुद्दे
महाराष्ट्र की सियासत में नया मोड़: परमबीर के लेटर बम से शिवसेना-NCP की दोस्ती में दरार, बिहार दोहराए जाने के आसार
एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मौत मामले में घिरी महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर मुश्किलों के दौर से गुजर रही है। मामले में पूर्व पुलिस कमिश्नर के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर वसूली का आरोप लगाने के बाद से महाविकास अघाड़ी सरकार में अंदरूनी खटपट भी तेज हो गई है।
राजनैतिक मुद्दे
राहुल गाँधी ने केरल की जनता से ‘उत्तर-दक्षिण’ कर वही किया जो उनके नेता उनसे करते हैं, जो उनको पसंद है – चापलूसी
असल में कॉन्ग्रेस नेता तो झूठ और सच के फेर में नहीं फँसते- वे तो बस वही बोलते हैं जो राहुल गाँधी को पसंद होता है। केरल की जनता के साथ भी राहुल यही प्रयोग कर रहे हैं।
अन्य
एक पागल, भारत के बारे में उसका पढ़ना… और Oxford का बनना: आखिर क्यों काट लिया था उसने अपना लिंग?
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में जिस तरह से शब्द के हर रुप को सुसज्जित और व्यवस्थित किया गया है, उसे देखकर क्या कोई यह सोच भी सकता है कि...
सामाजिक मुद्दे
चुनने की आजादी बेटियों का अधिकार, समानता की हकीकत को पुरुषों को स्वीकार करना होगा
24 जनवरी को 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' (National Girl Child Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लड़कियों के सम्मान और महत्व को बढ़ावा देना है।