Wednesday, November 20, 2024
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एयरइंडिया की फ्लाइट में मिला कारतूस, चेकिंग के वक्त सीट पॉकेट से निकला: पुलिस जाँच में जुटी, दुबई से दिल्ली आया था विमान

एयर इंडिया की एक इंटरनेशनल उड़ान में कारतूस मिलने की खबर है। यह विमान दुबई से दिल्ली आया था। कारतूस जहाज की एक सीट के पॉकेट में रखा हुआ था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कारतूस फ्लाइट में कैसे पहुँचा। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस जाँच में जुट गई है। घटना रविवार (27 अक्टूबर 2024) की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 27 अक्टूबर को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 916 दुबई से दिल्ली पहुँची थी। सवारियाँ उतर जाने के बाद जब विमान की तलाशी हुई तो उसकी एक सीट के पॉकेट में कारतूस मिला। हालाँकि इस कारतूस से किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फ़ौरन ही मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और जाँच-पड़ताल में जुट गई।

फ़िलहाल अभी तक पुलिस के हाथ भी खाली हैं। कोई यात्री कारतूस ले कर कैसे तमाम सुरक्षा तंत्र को नाकाम करते हुए जहाज तक पहुँच गया यह पहेली अभी पुलिस नहीं सुलझा पाई है। विमान में करतूस मिलने की घटना तब सामने आई है जब 26 अक्टूबर से पहले 13 दिनों के अंदर विमानों के अंदर बम होने की 300 से अधिक झूठी शिकायतें और धमकियाँ रिकॉर्ड की गईं थीं। इसके अलावा खालिस्तानी पन्नू ने भी धमकी जारी कर कहा था 1 नवंबर से 19 नवंबर के बीच फ्लाइट में सफर न करें।

‘फारुख ने किया बहन से रेप, अश्लील वीडियो वायरल कर शादी तुड़वाई’: कौशांबी के युवक ने CM योगी से लगाई मदद की गुहार, UP पुलिस ने जाँच शुरू की

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एक युवक अपनी बहन के साथ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर CM योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगा रहा है। युवक ने आरोप लगाया है कि फारुख नाम के लड़के ने उसकी बहन को बेहोश करके रेप किया और फिर उसकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रहा है।

गुहार लगाने वाला शख्स कह रहा है कि फारुख ने उसकी बहन को ना सिर्फ ब्लैकमेल किया, बल्कि उससे लाखों रुपयों की उगाही भी की। जब लड़की की शादी कहीं तय हुई तो फारुख ने उसे भी तुड़वा दिया।बताया जा रहा है कि घटना कौशाम्बी जिले के थाना क्षेत्र कड़ाधाम की है। यहाँ एक विधवा महिला अपनी एक बेटी और एक बेटे के साथ रहती है। महिला के दोनों बच्चे बालिग हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेटा मेहनत-मजदूरी करके घर-परिवार चलाता है, जबकि बेटी घर पर ही रहती थी। इस परिवार के पड़ोस में फारुख नाम का युवक रहता है। कहा जा रहा है कि फारुख ने महिला की बेटी से जान-पहचान बढ़ाकर उसे विश्वास में ले लिया। कुछ दिनों के बाद फारुख ने लड़की को मिलने के बुलाया और नशीला पदार्थ खिलाकर उसे बेसुध कर दिया और उसी हालत में उसका रेप किया।

इस दौरान फारुख ने लड़की का अश्लील वीडियो भी बना डाला। बलात्कार के बाद फारुख आए दिन पीड़िता को 5 लाख रुपए और गहने देने के लिए ब्लैकमेल करने लगा। इनकार करने पर वह फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा। पीड़ित परिवार लम्बे समय तक लोक-लाज के डर से चुप रहा। लड़की के भाई के मुताबिक, थोड़ा-थोड़ा करके वो फारुख को 5-6 लाख रुपए दे चुका है।

लड़की के भाई का आरोप है कि पैसे मिलने के बाद फारुख का लालच बढ़ता गया। वह 5 लाख रुपए और माँगने के साथ-साथ पीड़िता की शादी के लिए रखे गए सोने के गहनों को भी हड़पने की साजिश रचने लगा। इस बीच लड़की का रिश्ता उसके परिजनों ने तय कर दिया। इस बात से फारुख भड़क गया। उसने लड़की की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो वायरल लड़के को भेजकर रिश्ता तुड़वा दी।

लड़की की किसी तरह परिजनों ने शादी की तो फारुख ने उसके पति को वीडियो भेजकर शादी तुड़वा दी। इतना ही नहीं, इस वीडियो को लड़की के रिश्तेदारों को भी भेज दिया। परेशान होकर पीड़िता के भाई ने वीडियो जारी करके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। लड़की के भाई ने कहा कि फारुख ने धमकी दी कि अगर थाने में शिकायत की तो जान से मरवा देगा।

इस मामले पर एडिशनल एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि अश्लील वीडियो वायरल होने का मामला संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस पीड़ित परिवार से संपर्क करके तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि हर पहलू की गहनता से जाँच होगी और दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

शाइना एनसी को ‘इम्पोर्टेड माल’ बोल फँसे उद्धव गुट के नेता, FIR के बाद अरविंद सावंत ने माँगी माफी: संजय राउत ने पूछा- आखिर गलत क्या कहा

मुंबई की राजनीति में बीते कुछ दिनों से ‘इम्पोर्टेड माल’ बयान पर गरमाहट बनी हुई है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत के इस बयान ने महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। अरविंद सावंत ने बीजेपी की नेता शाइना एनसी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें “इम्पोर्टेड माल” कहा, जो अब महायुति की ओर से मुम्बादेवी सीट से चुनाव लड़ रही हैं। इस बयान के बाद सियासी हलकों में बवाल मच गया और महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी का आरोप लगने लगा। इसके बाद सावंत को अपनी सफाई देने के साथ माफी माँगनी पड़ी। हालाँकि संजय राउत अब भी अरविंद सावंत का बचाव करते दिख रहे हैं।

संजय राउत ने किया सावंत का बचाव

शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत सावंत के बयान का समर्थन करते नजर आए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसमें किसी महिला का अपमान नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सावंत ने सिर्फ यह कहा था कि शाइना एनसी इस क्षेत्र की नहीं हैं, वो बाहरी हैं और बाहर से आई हुई उम्मीदवार हैं। राउत ने कहा, “अगर इम्पोर्टेड माल कहा गया तो इसमें महिला का अपमान कहाँ हुआ?”

राउत ने अपने बयान में कहा कि शाइना मूल रूप से मुम्बादेवी क्षेत्र की नहीं हैं और स्थानीय नहीं हैं। यह बयान देते हुए उन्होंने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि बीजेपी ने भी सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी जैसे बड़े नेताओं के खिलाफ कई बार अपमानजनक टिप्पणियाँ की हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को सिर्फ एक राजनीतिक विवाद बताया और इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए जाने का आरोप लगाया।

साइना एनसी ने दर्ज कराई एफआईआर

सावंत के इस बयान पर शाइना एनसी ने सख्त प्रतिक्रिया दी और नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। शाइना का कहना है कि सावंत का बयान महिलाओं के सम्मान पर हमला है और इसे कतई नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। शाइना ने कहा, “यह बयान केवल एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि महिलाओं के प्रति पूरे समाज की सोच को दर्शाता है। मैंने ठान लिया है कि इस मामले को लेकर न्याय के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी।”

शाइना ने चुनाव आयोग और महिला आयोग से भी इस मामले पर ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल उनके काम के आधार पर ही जानी जानी चाहिए न कि व्यक्तिगत टिप्पणियों के आधार पर। शाइना ने बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) द्वारा महिलाओं के लिए उठाए गए कदमों को भी रेखांकित किया और विपक्ष के नेताओं पर सवाल उठाए कि वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।

अरविंद सावंत ने माँगी माफी और दी सफाई

बयान पर बढ़ते विरोध और कानूनी कार्यवाही के चलते अरविंद सावंत ने सार्वजनिक रूप से माफी माँगी। उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया और उनका किसी को आहत करने का कोई इरादा नहीं था। सावंत ने कहा, “अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुँची है तो मैं माफी माँगता हूँ। मेरे 55 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने कभी महिलाओं का अपमान नहीं किया। यह मुद्दा केवल राजनीतिक लाभ के लिए खड़ा किया गया है।”

सावंत ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया और उनके बयान को जानबूझकर विवादित बना दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महायुति गठबंधन का उद्देश्य एक झूठी और नकली कहानी बनाना है। सावंत ने हाल ही में कुछ नेताओं के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों की भी बात की और इस विवाद को राजनीतिक खेल बताया।

यह विवाद महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के करीब आने के कारण और भी बड़ा रूप ले चुका है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की बयानबाजी और उसका समर्थन दोनों ही चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं। अब देखना यह होगा कि इसका असर आने वाले चुनावों में कितना दिखाई देगा।

600 परिवारों की जमीन पर Waqf का दावा… केरल कोर्ट ने सरकारों से जवाब माँगा, याचिकाकर्ता बोले-गैर इस्लामी लोगों की संपत्ति पर क्यो हो इनका अधिकार

केरल के मुनम्बम में 600 परिवारों की जिन जमीनों पर वक्फ बोर्ड ने अपना फर्जी दावा किया है, उस जमीन विवाद को लेकर राज्य और केंद्र सरकार को केरल हाई कोर्ट ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। यह मामला मुनम्बम के निवासी जोसेफ बेनी और अन्य सात लोगों द्वारा दायर की गई याचिका के आधार पर सामने आया है।

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड उन्हें और लगभग 600 अन्य परिवारों को जमीन से बेदखल करने की तैयारी में है, यह दावा करते हुए कि यह जमीन वक्फ की संपत्ति है। जोसेफ और अन्य निवासियों ने फारूक कॉलेज, कोझिकोड के प्रबंध समिति से यह जमीन खरीदी थी, लेकिन अब राजस्व अधिकारियों ने वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अनुरोध पर जमीन के दस्तावेजों का म्युटेशन करने से इनकार कर दिया है।

याचिकाकर्ताओं ने वक्फ अधिनियम की धारा 14 को असंवैधानिक बताया है, जिसमें वक्फ बोर्ड को किसी भी ट्रस्ट या सोसायटी की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का अधिकार दिया गया है। उनका कहना है कि यह प्रावधान प्राकृतिक न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है और गैर-इस्लामिक धर्म के लोगों की संपत्ति को लेकर वक्फ बोर्ड को इस प्रकार के अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए। इसके अलावा, याचिका में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को कब्जाधारियों को बेदखल करने का अधिकार देना संविधान के अनुच्छेद 300 ए का उल्लंघन है।

इस बीच, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने विवादित जमीन को वक्फ संपत्ति न मानते हुए सरकार से इस मुद्दे को जल्द सुलझाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इस विवाद को दस मिनट में हल कर सकती है। सतीसन ने मुनम्बम में एक बैठक में हिस्सा लिया और आंदोलनरत लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि लोग इस क्षेत्र में पहले से बसे हुए थे, और ऐसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकता।

सतीसन के अनुसार, नासर आयोग जिसे आच्युतानंदन सरकार ने नियुक्त किया था, ने इस जमीन को वक्फ संपत्ति के रूप में पहचाना था। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति बिना किसी शर्त के होती है, जबकि इस जमीन के दस्तावेजों में शर्तें दर्ज हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि फरूक कॉलेज प्रबंधन ने इस जमीन का कुछ हिस्सा बेच दिया था, जबकि वक्फ संपत्ति का वित्तीय लेन-देन संभव नहीं होता।

सतीसन ने यह स्पष्ट किया कि यह विवाद नए वक्फ अधिनियम से जुड़ा नहीं है, और पूर्व की यूडीएफ सरकार ने भी इस जमीन को वक्फ संपत्ति न मानने का रुख अपनाया था।

बता दें कि करीब पाँच साल पहले साल 2019 वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि केरल में मुनम्बम, चेराई और पल्लिकाल के इलाके उसकी संपत्ति हैं। यह इलाका न केवल केरल के 600 से अधिक परिवारों का घर है, बल्कि यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं, जिनके पास 1989 से जमीन के वैध कागजात हैं। इसके बावजूद, वक्फ बोर्ड ने इस इलाके पर अपना दावा ठोक दिया। इन परिवारों ने अपनी जमीन को वैध रूप से खरीदा था, लेकिन अब उन्हें जबरन खाली करने के आदेश दिए जा रहे हैं, जो उनके संवैधानिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।

दीवाली के दिन देवी माँ के मंदिर पर लिखा ‘786’, बरेली के गाँव में माहौल बिगड़ा: हाफिजगंज में पटाखे फोड़ने पर बढ़ी बात, मुस्लिम भीड़ ने हिंदू परिवार पर हमला किया

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में दीपावली के दिन मंदिर पर 786 लिखने का मामला सामने आया है। इससे हालत तनावपूर्ण हो गए। यह मंदिर देवी माँ का है, जो आसपास के गाँवों में आस्था का बड़ा केंद्र है। आक्रोशित लोगों ने इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। पुलिस ने भी घटना का संज्ञान लेकर जाँच शुरू कर दी है। मंदिर की पुताई करवा दी गई है।

वहीं इसी जिले में दूसरे थाना क्षेत्र में दीवाली पर ही पटाखे फोड़ने के विवाद में पत्थरबाजी हुई है। पहला मामला बरेली जिले के थाना क्षेत्र आँवला का है। यहाँ गाँव गोठा खंडुआ में माँ गामा देवी का मंदिर है। मंदिर ग्रामीणों की आस्था का बड़ा केंद्र है दीपावली की सुबह जब यहाँ लोग पूजा पाठ के लिए पहुँचे, तब इसकी दीवाल पर लाल रंग से 786 लिखा मिला।

कुछ ही देर में खबर गाँव और आसपास फ़ैल गई। लोग इसे दीपावली में अशाँति फैलाने की साजिश बताते हुए विरोध करने लगे। पुलिस से दोषियों को चिन्हित कर के कार्रवाई की माँग की जाने लगी। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस फ़ौरन ही मौके पर पहुँची। लोगों को समझाबुझा कर शाँत करवाया गया।

जिस जगह 786 लिखा गया था, उसे मिटा कर मंदिर को फिर से पहले जैसी स्थिति में किया गया। हिन्दू संगठनों ने भी इस मामले में बरेली पुलिस से आरोपितों को खोजकर कार्रवाई की माँग की है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस मामले की जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है।

पटाखे फोड़ने पर पथराव

दूसरा मामला बरेली के ही थाना क्षेत्र हाफिजगंज का है। यहाँ दीपावली पर पटाखे फोड़ रहे एक हिन्दू युवक के घर पर मुस्लिम भीड़ ने पथराव कर दिया। पीड़ित युवक सचिन ने 31 अक्टूबर को इस घटना की तहरीर पुलिस में दी। तहरीर में सचिन ने बताया कि दीपावली पर वह पटाखे फोड़ रहा था। तभी उसके पड़ोस में रहने वाले नासिर, इमरान अंसारी और अनस ने पटाखे फोड़ने से मना किया।

सचिन ने अपना त्यौहार और अपने घर के आगे पटाखे फोड़ने की दलील दी तो आरोपित भड़क गए। सचिन का आरोप है कि आरोपितों ने उनको धमकाते हुए कहा, “साले, हम तुझको और जितने भी तेरे साथ पटाखे फोड़ रहे हैं, उनके घरों में आग लगा देंगे।” इसके बाद इमरान, अनस और नासिर सचिन से मारपीट पर उतारू हो गए। अपनी बचत में सचिन ने भी कुछ लोगों को बुलवाया।

इस घटना के बारे में कुछ ही देर में खबर गाँव और आसपास फ़ैल गई। लोग इसे दीपावली में अशांति फैलाने की साजिश बताते हुए विरोध करने लगे। शिकायत में अंत में सचिन ने यह भी बताया है कि आरोपित आए दिन उनको व उनके परिवार को ऐसे ही प्रताड़ित करते हैं। ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है। पत्थरबाजी की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुँची और हालात को सामान्य किया।

इंदौर में आमिन खान ने अमन बनकर फँसाई हिंदू छात्रा, ड्रग्स देकर किया रेप, फिर मारने की धमकी: केस दर्ज होने के बाद हिंदू संगठन सड़क पर उतरे

मध्य प्रदेश के इंदौर से लव जिहाद का मामला सामने आया है। यहाँ आमिन खान पर खुद को अमन बता कर एक हिन्दू छात्रा से पहले दोस्ती फिर रेप का आरोप लगा है। बुधवार (30 अक्टूबर 2024) को इस मामले की शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में जाँच जारी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना इंदौर के लडूसिया थानाक्षेत्र की है। यहाँ के महालक्ष्मीनगर इलाके में बीकॉम की एक छात्रा अपने परिवार के साथ रहती है। वह आजीविका चलाने के लिए शेयर मार्किट का भी काम करती है। बुधवार को पीड़िता ने अपने परिजनों संग थाने में जा कर तहरीर दी। तहरीर में पीड़िता ने बताया कि लगभग 1 महीने पहले वह एडमिशन लेने कॉलेज गई थी। यहाँ पर उसे एक युवक मिला जिसने खुद को अमन बताया।

अमन ने एडमिशन लेने में पीड़िता की मदद की। इसी दौरान दोनों के मोबाइल नंबर बँट गए और आपस में बातचीत होने लगी। बातचीत के दौरान युवक ने पीड़िता को विश्वास में लिया और उसके घर पहुँच गया। आरोप है कि यहाँ पर उसने पीड़िता से रेप किया। रेप से पहले आमिन ने पीड़िता को पेय पदार्थ में ड्रग्स मिला कर दिया था। जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो युवक ने शादी का झाँसा देकर उसे चुप करवा दिया। बाद में वह अपने वादे से मुकरने लगा तो पीड़िता ने उसकी खोजबीन शुरू की।

खोजबीन के ही दौरान पीड़िता को पता चला कि जिसे वो हिन्दू युवक अमन समझ रही थी वो असल में कय्यूम का बेटा आमिन खान है। अपनी पोल खुल जाने पर आमिन खान ने पीड़िता को जान से मार डालने की धमकी भी दी। धमकाने वालों में आमिन का अब्बा कय्यूम भी शामिल है। उसने पीड़िता से कहा, “यह इंदौर है। कहाँ गायब हो जाएगी तेरे परिवार को भी पता नहीं चलेगा।” आखिरकार छात्रा ने पूरी बात अपने परिजनों को बता दी।

पीड़िता के भाई ने आमिन से बात करने की कोशिश की। हालाँकि आमिन किसी भी तरह की बातचीत के मूड में नहीं था। उलटे उसने पीड़िता को धमकाते हुए कहा, “तू इंदौर की हवा से अभी वाकिफ नहीं है क्या? रोज़ लड़कियों के बारे में पेपर में आता है। पढ़ती है न? अब अंजाम भुगतने को तैयार रह।” अंत में परिजनों की ही सहमति से बुधवार को पुलिस में शिकायत दी गई। पुलिस ने आमिन को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में जाँच व अन्य जरूरी कानूनी कार्रवाई जारी है। इस मामले की सूचना मिलते ही हिन्दू संगठनों ने भी हंगामा करना शुरू कर दिया है। बजरंग दल ने आमिन खान पर कड़ी कार्रवाई की माँग उठाई है।

बंगाल में काली पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंदुओं पर हमला, BJP नेताओं ने CM ममता बनर्जी से माँगा इस्तीफा: कहा- ‘वोटबैंक’ बेखौफ होकर मचा रहे उत्पात

बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने शुक्रवार (1 नवंबर) को कोलकाता के राजाबाजार इलाके में माँ काली के विसर्जन जुलूस के दौरान हिंदुओं को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहने पर पुलिस पर निशाना साधा। सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि जुलूस के दौरान हिंदुओं पर हमला किया गया। उन्होंने राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों की बहाली की माँग की।

सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में सुवेंदु अधिकारी ने इसका एक वीडियो शेयर किया। नंदीग्राम से भाजपा विधायक ने जोर देकर कहा, “तुष्टिकरण की राजनीति अपने चरम पर है। कोलकाता के राजाबाजार में माँ काली के विसर्जन जुलूस पर हमला हुआ। नारकेलडांगा पुलिस कार्रवाई करने और भक्तों की सुरक्षा करने में विफल रही।”

उन्होंने कहा, “कोलकाता के पुलिस आयुक्त, यदि आप अभी भी अपनी गहरी नींद से नहीं जागे हैं तो आम और निर्दोष भारतीयों के हित में तुरंत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का अनुरोध करें, जो बार-बार पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों के हमले का सामना कर रहे हैं।”

वहीं, भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने भी पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की मुखिया एवं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए उनसे तत्काल कार्रवाई करने या मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का आग्रह किया।

मालवीय ने पोस्ट किया, “काली पूजा के दौरान हिंदू मंदिरों और भक्तों पर हमले जारी हैं। कोलकाता के राजाबाजार में माँ काली के विसर्जन के जुलूस पर पथराव और हमला किया गया। नारकेलडांगा पुलिस भक्तों की रक्षा करने में विफल रही। ममता बनर्जी या तो तुरंत कार्रवाई करें या पद छोड़ दें। आपका ‘वोट बैंक’ बेखौफ होकर उत्पात मचा रहा है और हिंदुओं को निशाना बना रहा है। बहुत हो गया।”

वहीं, कोलकाता पुलिस ने शनिवार (2 नवंबर) को दावा किया कि विसर्जन जुलूस पर हमला नहीं हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि बाइक पार्किंग को लेकर दो व्यक्तियों के बीच हाथापाई हुई थी, जो बाद में बढ़ गई। एक्स पर एक पोस्ट में कोलकाता पुलिस ने कहा, “सोशल मीडिया पर नारकेलडांगा की घटना के बारे में फर्जी कहानी बनाने की कोशिश की गई। माँ काली विसर्जन जुलूस पर हमला नहीं किया गया।”

कोलकाता पुलिस ने आगे कहा, “यह मुद्दा बाइक की पार्किंग से जुड़ा था, जिसके कारण दो व्यक्तियों के बीच झगड़ा हुआ और मामला आगे बढ़ गया। पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया।” पुलिस ने आगे कहा, “निर्धारित काली पूजा विसर्जन जुलूस शांतिपूर्वक और बिना किसी बाधा के पूरा हुआ।”

भीम आर्मी चीफ के गाँव के बगल दलित युवक मोंटी की लोहे की रॉड से पिटाई: सद्दाम गिरफ्तार, राकिब और फरमान की तलाश में जुटी UP पुलिस

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया है। यहाँ फरमान, सद्दाम और राकिब ने साथियों सहित मोंटी नाम के युवक की बेरहमी से पिटाई की है। पीड़ित अनुसूचित जाति से है जिसका घर भीम आर्मी चीफ रावण के मकान से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। मोंटी को बचाने आए उसके अन्य परिजनों पर भी हमला करके चोटिल कर दिया गया है। घटना सोमवार (28 अक्टूबर 2024) की है। गुरुवार (31 अक्टूबर) को पुलिस ने सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य हमलावरों की तलाश जारी है।

यह घटना सहारनपुर जिले के थानाक्षेत्र मिर्जापुर की है। यहाँ 28 अक्टूबर को मोंटी नाम के एक दलित युवक ने पुलिस में तहरीर दी है। तहरीर में मिर्जापुर पोल गाँव के मोंटी ने बताया कि सोमवार की दोपहर लगभग 4 बजे को वो चौराहे पर किसी का इंतज़ार कर रहे थे। तभी उनके ही गाँव का फरमान वहाँ आया और मोंटी को गालियाँ देते हुए बोला , “भं$, #ढा, *मार।”जब मोंटी ने फरमान की इस हरकत का विरोध किया तो वो आग बबूला हो गया।

आरोप है कि फरमान ने थोड़ी ही देर में हमलावरों की भीड़ जमा कर ली। इस भीड़ में फरमान के साथ राकिब और सद्दाम भी शामिल थे। सभी के हाथों में लाठी-डंडे और सरिया आदि थी। ये सभी मिल कर मोंटी को पीटने लगे। जब पीड़ित को बचाने उसके गाँव के लोग व कुछ अन्य परिजन आए तो हमलावरों ने उनकी भी पिटाई कर दी। खुद पर हुआ हमला साजिश बताते हुए मोंटी ने आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है।

मोंटी की इस तहरीर पर पुलिस ने राकिब, सद्दाम और फरहान को नामज़द आरोपित बनाते FIR दर्ज कर ली है। इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (2) और 352 के साथ SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। गुरुवार (31 अक्टूबर) को पुलिस ने सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया है। वह अपने ही गाँव के पास कासमपुर पुलिस के पास छिपा था और कहीं भागने की फिराक में था।

फरार चल रहे अन्य आरोपितों की तलाश सहित मामले में जाँच व अन्य कानूनी कार्रवाई की जा रही है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है। बताते चलें कि मोंटी का परिवार भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण के गाँव से महज कुछ ही दूरी पर है।

अयोध्या में दीवाली के दिन ‘राम भजन’ सुन भड़के मुस्लिम पड़ोसी, कुल्हाड़ी-सरिया लेकर BJP नेता पर किया जानलेवा हमला: बबलू खान और उनके 3 बेटे घायल

अयोध्या के भाजपा नेता बबलू खान पर जानलेवा हमला किया गया है। बबलू खान अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का समर्थन करते रहे थे। बताया जा रहा है कि दीपावली के मौके पर बबलू खान भगवान राम का भजन बजा रहे थे। इसको लेकर मुहल्ले के मुस्लिम समाज के लोगों ने उनके साथ विवाद कर दिया और फिर उन पर हमला कर दिया।

यह घटना जिले के दर्शन नगर चौकी क्षेत्र के मिर्जापुर माफी गाँव की है। बबलू खान ने अयोध्या कोतवाली में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई है। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि उनके कैंप कार्यालय पर भाजपा का झंडा लगा हुआ है। वहाँ दिवाली के दिन उनके कुछ मित्र आए हुए थे। उन लोगों ने इनकी गाड़ी में ‘राम आएँगे तो अंगना सजाएँगे’ भजन बजा दिया।

भजन के साथ ही वे लोग नाचने लगे। भजन बजाने और नाचने की वजह से उनके पड़ोसी नाराज हो गए और वे आकर उन्हें अपशब्द कहने लगे। बबलू खान ने आगे कहा कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन पर और उनके बेटों पर हमला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि हमलावरों के हाथों में कुल्हाड़ी, सरिया और बंदूक थे।

बबलू खान का कहना है कि वे साल 2014 से अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का समर्थन कर रहे हैं। इसको लेकर उनके आसपास के मुस्लिम समाज के लोग उनसे नाराज रहते हैं। इसी कारण उन्होंने दिवाली के मौके पर भजन बजाया तो उनके और उनके परिवार पर हमला कर दिया गया। बबलू खान का एक नाम अनीश खान भी है।

‘चुनाव में सलाह देने के लेता था ₹100 करोड़+’: प्रशांत किशोर ने मुस्लिमों के आगे कबूली अपनी फीस, बोले- हमें कमजोर समझते हैं क्या आप?

जन सुराज के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खुलासा किया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या नेता को चुनावी सलाह देने के लिए वह 100 करोड़ रुपये से अधिक फीस लेते हैं। प्रशांत ने यह बात गुरुवार (31 अक्टूबर 2024) को बिहार विधानसभा उपचुनावों के प्रचार के दौरान कही।

बिहार के बेलागंज में एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि लोग अक्सर उनसे पूछते हैं कि उनके चुनावी अभियान का खर्च कैसे पूरा होता है।

प्रशांत किशोर ने कहा, “मेरी रणनीतियों पर दस राज्यों में सरकारें चल रही हैं। क्या आपको लगता है कि मुझे अपने अभियान के लिए तंबू और अन्य व्यवस्थाओं का खर्च उठाने में दिक्कत होगी? बिहार में किसी ने मेरी जैसी फीस के बारे में नहीं सुना है। एक चुनाव में सलाह देकर मैं 100 करोड़ रुपये से अधिक कमा लेता हूँ, जो मुझे अगले दो साल तक अपने अभियान को चलाने के लिए पर्याप्त है।”

जन सुराज पार्टी ने आगामी उपचुनावों के लिए चार विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बेलागंज से मोहम्मद अमजद, इमामगंज से जितेंद्र पासवान, रामगढ़ से सुशील कुमार सिंह कुशवाहा और तारारी से किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। बिहार के इन चार विधानसभा क्षेत्रों – बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़, और तारारी – में 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं, और इनके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

प्रशांत किशोर का यह बयान चुनावी रणनीतिकार के रूप में उनकी फीस और फंडिंग को लेकर चल रहे सवालों का जवाब था।

कौन हैं प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर एक जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार हैं, जिन्होंने भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी अभियान तैयार किए हैं। उनका करियर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार से चर्चा में आया, जब उनकी बनाई रणनीतियों ने बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की। इसके बाद उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार, दिल्ली में आम आदमी पार्टी, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस और आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कॉन्ग्रेस जैसे कई दलों के साथ काम किया​

प्रशांत किशोर की कंपनी इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) ने विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनावों में रणनीतियाँ तैयार कीं, जिससे वे राजनीति में एक भरोसेमंद नाम बन गए। हालाँकि वे कई बार कॉन्ग्रेस में शामिल होने की अटकलों में भी रहे हैं, लेकिन आखिर में उन्होंने खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई है।