Tuesday, November 19, 2024
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माननीया मंगते चुंगनेशांग मैरी कॉम: राज्य सभा सदस्या, ओलंपियन बॉक्सर, संसद में आकर्षण की केंद्र

अगर यह कहा जाए कि सचिन तेंदुलकर के बाद मैरी कॉम राज्य सभा में पहुँचने वाली सबसे बड़ी ‘स्पोर्ट्स स्टार’ हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। लंदन ओलंपिक में काँस्य, एशियाड-कॉमनवेल्थ-विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण तो हर किसी को पता हैं लेकिन मैरी कॉम की ‘प्रोफाइल’ इन सबसे भी गहरी और ज़्यादा है। वह पशु-अधिकारों के लिए काम करतीं हैं, वह ‘अमैच्योर’ श्रेणी में हो कर भी ‘प्रोफेशनल’ श्रेणी के भारतीय एथलीटों से ज्यादा कमाई करतीं हैं और महिला बॉक्सिंग में विश्व चैंपियनशिप सबसे अधिक (10 में से 6) बार उन्होंने ही जीती है। मणिपुर-निवासी मैरी कॉम शायद भाला फेंक या 400 मीटर दौड़ की धुरंधर होतीं, अगर उनके प्रेरणा-स्रोत और मणिपुर के ही निवासी डिंगको सिंह 1998 के एशियाड में स्वर्ण पदक न लाते। इनकी जीत के बाद मैरी का ध्यान मुक्केबाजी की ओर मुड़ा।

जैकी चैन, जेट ली की फिल्मों से पड़ा बीज

टेलीग्राफ को दिए गए साक्षात्कार में मैरी ने बताया कि बचपन से ही जैकी चैन और जेट ली की एक्शन फ़िल्में उन्हें बहुत आकर्षित करतीं थीं। उन्हें मुहम्मद अली की मुक्केबाजी देखना भी बहुत पसंद था, और जब 17-18 साल की उम्र में उन्होंने मुक्केबाजी में कैरियर बनाने का निश्चय किया, तो यह ठीक से पता भी नहीं था कि महिला बॉक्सिंग जैसा कोई खेल होता भी है या नहीं। कोई ‘मेंटर’ भी नहीं था- थी तो बस ‘ज़िद’। अपनी ज़िद के बारे में मैरी बतातीं हैं कि उनके राज्य स्तर पर चैंपियनशिप जीतने तक पिता को पता ही नहीं था कि वह क्या कर रहीं हैं, क्योंकि मैरी जानतीं थीं कि घर वाले सहायता नहीं कर पाएँगे।

अपने आप को साबित करने, लोगों को ‘दिखा देने’ की ललक का भी मैरी के कैरियर के शुरू होने से लेकर लम्बा खिंचने में बड़ा हाथ है। उन्होंने नकारात्मक आलोचकों को ‘दिखा दिया’, परिवार के सामने भी खुद को साबित करना पड़ा- राष्ट्रीय स्तर के लिए राज्य स्तर पर चयन होता है, और उसकी तैयारी इतनी खर्चीली होती है कि मैरी को परिवार से मदद लेनी ही पड़ गई, और उसके साथ ही यह दबाव भी आ गया कि हार गईं तो शायद दो और बच्चों के भविष्य की चिंता के तले दबा परिवार और मदद न कर पाए। लेकिन मैरी ने लड़कर दिखाया, जीतकर दिखाया।

पति ने पूरा साथ दिया, शादी के पहले किया वादा निभाया

मैरी कॉम अपने पति ओनलर कॉम और ससुर के योगदान को भी महत्वपूर्ण मानतीं हैं। फुटबॉल में रुचि रखने वाले ओनलर से उनकी मुलाकात भी मुक्केबाजी के चलते ही हुई। राष्ट्रीय खेलों के लिए पंजाब जाते हुए सामान खोने के बाद उस समय डीयू में कानून के छात्र और नार्थ-ईस्ट के छात्रों की संस्था के अध्यक्ष ओनलर ने उनकी सामान ढूंढ़ने आदि में सहायता की थी। लेकिन 2005 में शादी करने के पहले उन्होंने साफ़-साफ़ पूछ लिया कि शादी के बाद ओनलर बॉक्सिंग कैरियर को समर्थन दे पाएँगे या नहीं; साथ ही यह वादा भी किया कि अगर ओनलर हाँ करते हैं तो वह दिखा देंगी कि किस मिट्टी की बनीं हैं।

आज भी वह पति के समर्थन की कितनी ज़रूरत महसूस करतीं हैं, इसका पता इस बात से चलता है कि 2013 में उन्होंने 2016 के रियो ओलम्पिक को ही अपना आखिरी माना था, लेकिन आज पति और परिवार के अपने पीछे खड़े होने से उनकी एक और सुनहरे तमगे की ज़िद 2020 के टोक्यो ओलम्पिक के लिए उनसे तैयारी करा रही है। सी-सेक्शन सर्जरी, छोटी-बड़ी चोटें, दर्द, थकता शरीर- इन सबसे बड़ी जीतने की भूख है।

‘हाथी जंगल में अच्छे लगते हैं, हमारी बेड़ियों में नहीं’

यह कई लोगों के लिए अचरज का विषय हो सकता है, लेकिन मुक्केबाजी जैसे ‘हिंसक’ खेल में कैरियर बनाने और खुद माँसाहारी होने के बाद भी मैरी कॉम जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था PETA (पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स) से जुड़ी हुईं हैं। उन्होंने सर्कसों में हाथियों के इस्तेमाल और उनके साथ होने वाले क्रूर व्यवहार के खिलाफ 2014 में आवाज़ उठाई थी। उन्होंने एक खुला पत्र लिख कर करुणा, मानवीयता और पशुओं का सम्मान करने को बच्चों की शिक्षा का अंग बनाए जाने की माँग की थी

Mary Kom Knocks Out Circuses for Abusing Elephants
लोहे का मुक्का, कोमल दिल… cliche है, cheesy है, लेकिन सच है!

स्पष्टभाषी, थोड़ी-सी गुस्सैल

मैरी कॉम स्पष्टभाषी हैं- इस हद तक कि उनकी बात चुभ भी सकती है। वह टेलीग्राफ़ को दिए गए इंटरव्यू में नई पीढ़ी के एथलीटों में दीर्घकालिक जिजीविषा और जुझारूपन की कमी पर सीधे उँगली रख देतीं हैं (“मैं देखती हूँ कि युवा लड़के-लड़कियाँ पहला मेडल जीतने के बाद दूसरी बार के लिए कोशिश नहीं करते। ऐसा नहीं चल सकता। अगर लम्बे समय तक चलना है, तो यह मानसिकता नहीं चलेगी…”) वह बहुत जल्दी सफलता को सर पर चढ़ जाने देने वाले युवाओं को सीधे-सीधे कहतीं हैं, “प्रदर्शन में तुम मेरे सामने (फ़िलहाल) कुछ नहीं हो। मेरी उपलब्धियों की कोई बराबरी नहीं कर सकता।”

एशियाड में काँस्य जीतने वाली निखत ज़रीन की “मैरी कॉम से (इंडिया ओपन, मई 2019) मुकाबले में मैं अपना 100% दूँगी। उम्मीद है कि यह मुकाबला टूर्नामेंट का सबसे अच्छा मुकाबला होगा।” को जब मीडिया रिपोर्टों में उन्होंने ‘नई लड़की की चुनौती’ के रूप में पढ़ा तो झल्लाई हुई मैरी कॉम ने निखत को सेमीफाइनल में हराने के बाद नए मुक्केबाज़ों को नसीहत दी कि वह भाग्यशाली हैं कि उनके (मैरी) साथ मुकाबला कर सीखने का अवसर मिल रहा है, अतः बातें बाद में करें और खुद को पहले बॉक्सिंग रिंग में साबित करें

ऑब्ज़र्वर की भूमिका में भी सक्रिय

2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य सभा में नामित की जाने वालीं मैरी कॉम बॉक्सिंग के खेल में सरकार की ऑब्ज़र्वर भी हैं। और उनके लिए यह केवल एक दिखावटी पद या टाइटल नहीं रहा है, उन्होंने परिस्थिति के अनुसार इस भूमिका का सक्रिय निर्वहन भी की किया है- 2017 में महिला बॉक्सिंग के पहले विदेशी कोच स्टेफान कोट्टालोर्डा ने भुगतान में देरी और राष्ट्रीय संघ के गैर-पेशेवर रवैये का कारण बताकर नियुक्ति के कुछ ही महीनों में इस्तीफ़ा सौंप दिया तो मैरी कॉम ने न केवल व्यक्तिगत तौर पर मामले में हस्तक्षेप कर स्टेफान का फैसला बदलने की कोशिश की, बल्कि प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा मामले को लेकर।

पक्ष-विपक्ष सब कायल, संसद में सक्रियता ‘भगवान’ से अधिक

प्रधानमंत्री मोदी से लेकर विपक्ष के सबसे जाने-माने चेहरे डॉ. शशि थरूर तक मैरी कॉम के प्रशंसक राजनीति की हर धारा और विचार धारा में हैं।

वह संसद में सक्रिय भी खासी रहीं हैं- बावजूद इसके कि उनका कैरियर पूरे उफ़ान पर है, और उन्होंने खिताबी मुकाबले जीतना बंद नहीं किया है, वह संसद में पिछले साल के अगस्त तक 53% उपस्थित रहीं। और इस आँकड़े की महत्ता तब और बढ़ जाती है जब हम राज्य सभा में नामित होने के एक साल के भीतर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लेने के बावजूद संसद में महज़ 8% उपस्थिति रखने वाले सचिन तेंदुलकर से तुलना करें।

कई संसदीय स्तरों में तो मैरी मँजे हुए नेताओं की तरह 70-75% तक मौजूद रहीं, और उन्होंने चार चर्चाओं में भाग भी लिया। वह भोजन, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों में संसद की प्रवर समिति की भी सदस्या हैं।

Video: स्मृति ईरानी ने अपनी ऐंबुलेंस में महिला को पहुँचाया अस्पताल

उत्तर प्रदेश के अमेठी दौरे पर आईं स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वो एक बीमार युवती की मदद करती नजर आ रही हैं। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार अमेठी के दौरे पर आईं ईरानी का काफिला अमेठी के एक गाँव से गुजर रहा था तभी उन्होंने महिला को व्हीलचेयर पर अस्पताल जाते देखा। इसके बाद उन्होंने उसे अपने काफिले में सरकारी सेवा में लगे ऐंबुलेंस से अस्पताल पहुँचाया।

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास व कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी अपने दो दिवसीय दौरे पर शनिवार (जून 22, 2019) को अमेठी पहुँची। अमेठी के तिलोई में स्मृति ईरानी ने जन कल्याण योजनाओं की शुरुआत की। अमेठी पहुँचने के साथ ही स्मृति ईरानी बरौलिया पहुँचीं। यहाँ उन्होंने पूर्व ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान स्मृति के साथ गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जिला प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि, इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी अमेठी के एक गाँव में लगी आग के दौरान ईरानी खुद आग बुझाने में लग गई थीं। उनका यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह की हत्या हो जाने पर स्मृति का उनके शव को कंधा देने को लेकर भी उनकी काफी सराहना की गई थी।

एक 17 साल के लड़के को पुलिस ने मारी गोली, ऐसा बंगाल में ही हो रहा है: BJP नेता अहलूवालिया

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव को दौरान शुरू हुई हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। बंगाल के उत्तर 24 परगना के भाटपारा में हुई हिंसा के बाद हालात का जायजा लेने के लिए शनिवार (जून 22, 2019) को भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाटपारा पहुँचा। इस दौरान लोगों ने पुलिस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों ने पुलिस और ममता बनर्जी के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाए।

जानकारी के मुताबिक, भाजपा प्रतिनिधिमंडल के वहाँ से वापस जाने के बाद पश्चिम बंगाल के भाटपारा में फिर से झड़पें हुईं, बम फेंके गए, हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। उत्तर 24 परगना के प्रभावित इलाकों में तनाव को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई। एसएस अहलूवालिया ने कहा कि भाटपारा में हुई हिंसा से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह काफी दुखी हैं। ऐसी घटनाएँ केवल पश्चिम बंगाल में हो रही हैं। वो इस बारे में संबंधित व्यक्तियों से बात करेंगे और गृह मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे।

आगे अहलूवालिया ने कहा कि 17 साल के एक लड़के को उस समय गोली मारी गई जब वह कुछ खरीदने जा रहा था। पुलिस ने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से उसके सिर में गोली मार दी। एक वेंडर की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई। तीसरा अस्पताल में है। 7 लोगों को गोली लगी। पुलिस गुंडों के लिए डंडे और निर्दोष लोगों के लिए गोलियों का इस्तेमाल करती है। इसकी जाँच होनी चाहिए। पुलिस ने मासूम लोगों को गोली मार दी। पुसिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा था कि उन्होंने हवाई फायरिंग का सहारा लिया था। अगर ऐसा था तो गोली लोगों के शरीर में के अंदर कैसे घुस गई? ये बड़े ही दुर्भाग्य की बात है। इससे छोटे विक्रेताओं के परिवार खत्म हो गए।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। धारा 144 लागू होने के बावजूद शुक्रवार (जून 21, 2019) को दो बाइक सवारों ने देसी बम फोड़कर तनाव और बढ़ा दिया। हिंसा के चलते भाटपाड़ा और काकीनाड़ा में कई लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं।

वहाँ पर इंटरनेट सेवाएँ बंद कर दी गई हैं और भारी तादाद में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है। सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा से संबद्ध दो गुटों के बीच बृहस्पतिवार (जून 20, 2019) को हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी और 11 घायल हो गए थे। भाजपा ने राज्य प्रशासन पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाया है।

रेप आरोपित BSP सांसद ने वाराणसी कोर्ट में किया आत्मसमर्पण, 14 दिन की न्यायिक हिरासत

बलात्कार के आरोपित, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद असुल राय ने आज (22 जून) वाराणसी की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने अतुल राय को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, अतुल राय ने वाराणसी के जेएम प्रथम की अदालत में आत्मसमर्पण किया। दरअसल, मई (2019) में यूपी कॉलेज की एक पूर्व छात्रा ने उन पर केस दर्ज करवाया था। छात्रा ने यह आरोप लगाया था कि अतुल राय ने उसे अपनी पत्नी से मिलाने के बहाने अपने आवास पर बुलाया था और फिर मौक़े का लाभ उठाते हुए उसने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने इस बात का भी ख़ुलासा किया था कि अतुल राय ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी।

ख़बर के अनुसार, मामला दर्ज होने के बाद न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने राय की गिरफ़्तारी के आदेश दे दिए थे। इसके बाद अंतरिम ज़मानत के लिए राय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी, लेकिन वहाँ से भी उसे निराशा ही हाथ लगी। अतुल राय के ख़िलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। साथ ही देश भर के एयरपोर्ट में भी अलर्ट जारी किया गया था। आख़िरकार, उसे वाराणसी की अदालत में आत्मसमर्पण करना ही पड़ा।

अतुल राय लोकसभा चुनाव प्रचार के समय से ही लापता था। पिछले दिनों संसद में शपथ ग्रहण के दौरान भी अतुल राय वहाँ मौजूद नहीं था, इसलिए भी वो चर्चा का विषय बना हुआ था। बीएसपी सांसद राय ने घोसी क्षेत्र में कोई चुनाव प्रचार नहीं किया था, बावजूद इसके, उसने लोकसभा चुनाव में प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के हरिनारायण को एक लाख 22 हज़ार वोटों से हराया था। बता दें कि अतुल राय मतदान और रिज़ल्ट वाले दिन भी ग़ायब था।

जानकारी के अनुसार, अतुल राय ने वादा किया था कि वो जल्द ही जनता के समक्ष आएगा। उसने कहा था कि जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है और जनता ने उसे निर्दोष करार दिया है। इसके अलावा उसने क़ानूनी दाँव-पेंच से जल्द मुक्त होने की बात भी कही थी। अतुल राय के आत्मसमर्पण के बाद बीजेपी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर निशाना साधा था। आत्मसमर्पण न करने पर पुलिस ने अतुल राय की सम्पत्तियों को ज़ब्त करना शुरू कर दिया था।

अलीगढ़ के बाद उन्नाव में मासूम की ईंट से कूचकर हत्या, रेप की आशंका

अलीगढ़ के बाद यूपी के उन्नाव से शुक्रवार (जून 21, 2019) देर रात दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक 11 वर्षीय नाबालिक बच्ची का रेप करने के बाद ईंट से कूँच-कूँच कर हत्या कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपित बच्ची का रिश्ते में चाचा बताया जा रहा है। मामलें में पॉक्सो और सम्बंधित धाराओं में फिलहाल FIR दर्ज कर लिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, सफीपुर के देवगाँव में घर के बाहर सो रही 11 वर्ष की बच्ची को रात के अंधेरे का फायदा उठाकर एक युवक उसे उठा ले गया और घर से करीब 50 कदम दूरी पर बच्ची के चेहरे पर कई वार कर मौत के घाट उतार दिया। सुबह बच्ची के घर पर ना होने से परिजन परेशान हो गए। खोजबीन के दौरान घर के पीछे ही एक बाग़ में बच्ची को नग्न अवस्था में व चेहरा बुरी तरह कुचला देखकर चारों तरफ मातम का माहौल है। बच्ची की स्थिति देखकर उससे दुष्कर्म की आशंका भी जताई जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, अलीगढ़ की घटना से सबक लेते हुए तत्काल पुलिस सक्रिय हो गई है। सूचना मिलने पर सफीपुर कोतवाली पुलिस के अलावा एसपी व एएसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँच गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जाँच पड़ताल शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि बच्ची के गर्दन, चेहरे और प्राइवेट पार्ट पर गहरे जख्म के निशान पाए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या में रिश्ते के चाचा के शामिल होने के शुरूआती साक्ष्य मिले हैं जो फरार है और जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्नाव एसपी एमपी वर्मा ने टीमें गठित कर मामले के जल्द खुलासे की बात कही है। वही आईजी जोन ने घटना स्थल का निरीक्षण कर आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। हालाँकि, बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है कि नहीं के सवाल पर आईजी ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ भी बताने की बात कही है।

MP में परेशान ग्रामीणों ने पंचायत सचिव को बिजली के खंभे से बाँधा

मध्य प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच बुनियादी सुविधाएँ (सड़क, पानी, नाली) न मिलने से परेशान भीमाखेड़ी गाँव के लोग इतना भड़क उठे कि उन्होंने गाँव की व्यवस्था देखने आए पंचायत सचिव को ही बिजली के खंभे से बाँध दिया। हालाँकि मौक़े पर पहुँची पुलिस ने उन्हें नाराज़ लोगों के चंगुल से छुड़ा लिया, लेकिन इस बीच किसी ने इस घटना की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो फिलहाल खूब वायरल हो रहा है।

खबरों के अनुसार रतलाम के भीमाखेड़ी गाँव में पंचायत सचिव ग्रामीणों की शिकायत सुनने पहुँचे थे, लेकिन मूलभूत जरूरतों के पूरा न होने के कारण लोगों का गुस्सा उनपर फूट पड़ा। इस बीच गाँव वालों और पंचायत सचिव के बीच बहस भी हुई जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें खंभे से बाँध दिया।

अपने साथ हुई इस घटना पर पंचायत सचिव ने कहा, “गाँव में एक नाले का निर्माण किया जा रहा था, जिसका मूल्यांकन नहीं हुआ था, मैंने इंजीनियर से कार्यों के मूल्यांकन के लिए कहा था, लेकिन इस दौरान बदमाशों ने हमें ऐसा करने से मना कर दिया। वो लोग हमें उस जगह से दूर ले गए और बिजली के पोल से बाँध दिया। बाद में पुलिस ने मुझे बचाया।”

जनसत्ता में प्रकाशित खबर के मुताबिक भीमाखेड़ी गाँव के लोगों का कहना है कि उनके गाँव में विकास का कोई भी कार्य नहीं हुआ है। यहाँ तक कि सड़कों के गड्ढे पर और नालियों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि वे लोग इस मुद्दे पर कई बार उच्चाधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन तब भी समस्या दूर नहीं हुई। अपनी परेशानियों के लिए ग्रामीणों ने सचिव को ही उत्तरदायी बताया है।

क्या कपिल मिश्रा के खुलासे के बाद केजरीवाल ने की ‘पैरेंट्स को कसम खिलाने वाली’ मीटिंग रद्द?

नई वाली राजनीति का जुमला लेकर दिल्ली की राजनीति में आए दिन नई नौटंकी रचने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक नया कारनामा किया है। यदि आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा की मानें तो अरविन्द केजरीवाल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को मीटिंग के बहाने बुलाकर आगामी विधानसभा चुनाव में AAP को ही वोट दिलवाने की कसम खिलाने वाले थे। लेकिन अब केजरीवाल ने यह प्लान रद्द कर दिया है।

इस बात पर यकीन करना मुश्किल था लेकिन हम सभी आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल की प्रतिभा से अच्छी तरह से परिचित हैं। कपिल मिश्रा के इस खुलासे को तब बल मिला जब सोशल मीडिया पर कपिल मिश्रा की इस मीटिंग की सच्चाई बताने के बाद अचानक अरविन्द केजरीवाल ने इस मीटिंग को रद्द करने का फैसला कर लिया।

दिल्ली में कुछ ही समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही आम आदमी पार्टी ने चुनावी चकल्लस शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों में हो रही राजनीतिक मीटिंगों पर रोक लगाने की माँग की थी।

कपिल मिश्रा इस मामले में कोर्ट भी जाने की तैयारी कर रहे हैं। कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा, “21 जून से 24 जून हर माता पिता को स्कूल बुलवाकर केजरीवाल को वोट देने की कसम खिलवाने का लिखित निर्देश दिया जा रहा है। इसे तुरंत रोकिए, ये सरकारी स्कूलों में गैरकानूनी हरकत है, अगर इसे नहीं रोक गया तो हमें कोर्ट जाना पड़ेगा।”

इसके बाद एक ट्वीट में कपिल मिश्रा ने लिखा कि ये एक टीचर ने उन्हें व्हाट्सएप किया है- “टीचर्स को जबर्दस्ती स्कूल बुलवाया गया है, टीचर्स फ़ोन करके पेरेंट्स को बुलाएँगे। अगले चार दिनों में हर पेरेंट्स के साथ एसएमसी मेंबर मीटिंग करेगा और केजरीवाल को वोट देने की कसम खिलवाई जाएगी। स्कूलों में इतनी भद्दी राजनीति कभी नहीं हुई।”

कपिल मिश्रा के बाद बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने भी ट्वीट करते हुए कहा, “दिल्ली सरकार के स्कूलों में सरकारी ख़र्च से ‘आप’ के कार्यकर्ता और नेता अभिभावकों को ज़बरन बुलाकर आने वाले विधान सभा चुनावों में पार्टी के उम्मीदवारों को वोट देने का पाठ पढ़ाएँगे। बीजेपी विधायक उपराज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप की माँग करेंगे।”

कपिल मिश्रा के इन आरोपों के ठीक एक दिन बाद उन्होंने आज एक और ट्वीट करते हुए बताया है कि अरविन्द केजरीवाल ने इस मीटिंग को रद्द करने का फैसला किया है और फिलहाल के लिए यह स्थगित कर दी गई है। इस ट्वीट में कपिल मिश्रा ने लिखा है, “स्कूलों में होने वाली मीटिंग कैंसिल। जनता की बड़ी जीत, सिसोदिया और केजरीवाल के झूठ की पोल खुली। आखिर हमारा दबाव रंग लाया। वीडियो, अभिभावकों की शिकायतें, सब सामने आ गईं तो आखिर मीटिंग रद्द करने पर मजबूर स्कूलों में केजरीवाल को राजनीति नहीं करने देंगे।”

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अरविन्द केजरीवाल राजनीति के नाम पर अपनी इस प्रकार की निम्नस्तरीय हरकतों से बाज नहीं आएँगे। खैर, जो भी हो, कम से कम यह तो स्पष्ट है कि अरविन्द केजरीवाल मनोरंजन में कोई कमी नहीं होने देते हैं।

लालू के बेटा-बेटी की बनाई फर्जी कंपनी की संपत्ति होगी जब्त IT विभाग ने लगाई मुहर

चारा घोटाला के विभिन्न मामलों में सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेनामी संपत्ति जब्त की जाएगी। आयकर विभाग की प्रथम अपीलीय अथॉरिटी ने बेनामी संपत्ति और अवामी बैंक के दर्जनों खातों को जब्त करने पर मुहर लगा दी है। बेनामी संपत्ति पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार से जुड़ी है। वहीं अवामी कोआपरेटिव बैंक में नोटबंदी के दौरान मजदूरों के नाम पर एक राजद नेता ने दर्जनों फर्जी खाते खोलवाए और उसमें दो से ढाई लाख के पुराने नोट जमा कराए थे। ऐसे फर्जी खातों में लगभग 80 से 85 लाख रुपए जमा किए गए थे।

जिस बेनामी संपत्ति को जब्त करने पर आयकर विभाग की मुहर लगी है, वह पटना के बेली रोड हवाई अड्डा के पास स्थित विशाल मकान है। यह फेयर ग्रो होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है। दरअसल, फेयर ग्रो शेल कंपनी का ना तो कोई कारोबार था, ना ही यह कंपनी कोई टैक्स देती थी, फिर भी कंपनी के नाम पर करोड़ों की संपत्ति थी। लालू यादव के दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव व दो बेटियाँ रागिनी व चंदा इस कंपनी में वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक निदेशक रहे हैं।

हालाँकि, आयकर विभाग द्वारा मामले की जाँच शुरू किए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग ने इन दोनों मामलों में पहले ही छापेमारी कर इन संपत्तियों को सील कर दिया था। इसके बाद बेनामी संपत्ति मामले में इन्हें जब्त करने के लिए यह मामला नई दिल्ली स्थित एडजुकेटिंग ऑथरिटी में चल रहा था। अब ऑथरिटी ने शुक्रवार (जून 21, 2019) को इन्हें जब्त करने से संबंधित फैसला दे दिया है।

आसिया को बेटा नहीं हुआ तो अंसार ने तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाला

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बार-बार बेटी को जन्म देने से नाराज़ शौहर ने अपनी बीवी को तीन तलाक देकर छोड़ दिया। पीड़ित महिला ने अपने शौहर समेत पाँच लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है।

मीडिया खबरों के अनुसार बुलंदशहर के पास पहासू थाना क्षेत्र निवासी आसिया उर्फ़ आशा का निकाह दस साल पहले अलीगढ़ के छपरा निवासी अंसार अहमद से हुआ था। निकाह के बाद आसिया ने 4 लड़कियों को जन्म दिया जिनमें से दो की मौत हो गई।

ऐसे में बार-बार बेटी को जन्म देने के कारण ससुराल वाले आसिया को शारीरिक व मानसिक रूप से यातनाएँ देकर प्रताड़ित करने लगे। जब महिला ने 5वीं बार भी बेटी को जन्म दिया तो 19 जून को आसिया के पति ने उसे तीन बार तलाक बोला और धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया।

गौरतलब है एक ओर सरकार मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण बिल-2019 पारित कराने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर ऐसी घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। तीन तलाक के कारण आसिया का जीवन नासूर की तरह हो गया है। वह इन दिनों अपने पिता के घर पहासू में रह रही है।

जानकारी के मुताबिक पीड़िता के भाई कमरुद्दिन ने बताया है कि आसिया के ससुरालवालों की शिकायत थी कि उसके बेटा पैदा नहीं हो रहा है। जिसके कारण उन्होंने आसिया के साथ मार-पिटाई की और बाद में गाँव के बाहर स्कूल के पास छोड़कर चले गए।

फिलहाल, आसिया की शिकायत पर पुलिस ने आसिया के पति अंसार अहमद, जेठ बशीर अहमद, सास कनीर, ससुर नसीर अहमद, और ननद शबनम के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही कहा है कि इस मामले में जाँच के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी।

J&K: मस्जिद में छिपा जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर ढेर, गोला-बारूद बरामद

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में लुकमान नामक एक आतंकवादी मारा गया है। बताया जा रहा है कि यह आतंकी जैश का टॉप कमांडर था। इसके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।

आज तक में प्रकाशित खबर के अनुसार जैश का यह आतंकी दक्षिण कश्मीर से उत्तर कश्मीर की ओर जा रहा था, जिससे पाकिस्तान से आए आतंकियों को भी उनके काम पर लगाया जा सके। लेकिन, इसी दौरान सुरक्षाबलों को इसकी खुफिया जानकारी मिली और लुकमान मारा गया।

कुछ अन्य मीडिया खबरों के अनुसार मारा गया ये आतंकी मस्जिद में छिपा हुआ था। सुरक्षाबलों ने उसे पकड़ने के लिए जैसे ही मस्जिद में घुसने की कोशिश की, वहाँ से फायरिंग शुरू हो गई। राहत की बात है कि सुरक्षाबलों को इस फायरिंग में कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन जवाबी कार्रवाई में आतंकी ढेर हो गया। इस मुठभेड़ में मस्जिद को भी थोड़ा नुकसान पहुँचा है।

बता दें उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के बोनियार के बुजथलन इलाके में शनिवार सुबह आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच शुरू हुआ एनकाउंटर अब भी जारी है। सुरक्षाबलों ने क्षेत्र की घेराबंदी कर रखी है और दोनों ओर से गोलीबारी चल रही है।