Saturday, October 5, 2024
Home Blog Page 5418

भारत के खिलाफ F-16 का इस्तेमाल कर पाकिस्तान ने मोल ली मुसीबत, अमेरिका ने मांगा जवाब

भारतीय वायुसेना की तरफ से जैश के आतंकी संगठनों पर किए गए एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारत के ऊपर F-16 विमान से हमला किया। भारत में F-16 से हमला करना पाकिस्तान के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

बता दें कि अमेरिका अब इस बात की जाँच-पड़ताल में जुट गया है कि कहीं पाकिस्तान ने इस विमान का उपयोग भारत के सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई करने के लिए तो नहीं किया है। अमेरिका ने इसके लिए पाकिस्तान को फटकार भी लगाई है कि उसकी अनुमति के बिना F-16 का इस्तेमाल सैन्य कार्रवाई के लिए क्यों किया गया।

हालाँकि पाकिस्तान लड़ाकू विमान F-16 के इस्तेमाल करने की बात को मानने से इंकार कर रहा है, मगर भारतीय सेना का दावा है कि पाकिस्तान ने भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए हमला किया था। भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों ने इस हमले में F-16 इस्तेमाल किए जाने के सबूत भी पेश किए हैं।

भारतीय सेना के अधिकारियों की तरफ से पेश किए गए सबूतों की जांच अमेरिकी अधिकारी द्वारा की जा रही है। अब अगर इन जांच में विमानों के इस्तेमाल करने और शर्तों के उल्लंघन करने की बात सामने आती है तो अमेरिका पाकिस्तान के साथ आगामी रक्षा सौदों को रद्द कर सकता है।

बता दें कि अमेरिका ने 80 के दशक में पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमान दिए थे। अमेरिका ने विमान देने से पहले कुछ शर्तें तय की थीं। इन शर्तों के मुताबिक, पाकिस्तान लड़ाकू विमान F-16 का इस्तेमाल आतंकी के खिलाफ अभियानों और अपने बचाव में कर सकता है, लेकिन हमले के लिए नहीं। इतना ही नहीं F-16 में लगी AAMRAM मिसाइल के इस्तेमाल के पहले भी अमेरिका की इजाजत लेनी होगी और इन शर्तों का उल्लंघन करने पर अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

‘जिहाद का युवराज’ हुआ यूएन द्वारा ब्लैक लिस्ट

आतंकवादी संगठन अल-क़ायदा के अगले प्रमुख और ओसामा बिन लादेन के आतंकी बेटे हमज़ा बिन लादेन को संयुक्त राष्ट्र ने अपनी प्रतिबंधित सूची में डाल दिया है। इस सूची में शामिल किए जाने के बाद अब हमज़ा पर यात्रा प्रतिबंध लग जाएगा, उसकी सम्पत्तियाँ ज़ब्त हो जाएँगी और हथियारों की ख़रीद-फरोख़्त पर रोक लग जाएगी। हमज़ा को अल-क़ायदा के मौजूदा सरगना अयमान अल ज़वाहिरी के सबसे संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।

सऊदी अरब ने भी पिछले साल नवंबर में शाही फ़रमान के जरिए हमज़ा की नागरिकता रद्द कर दी थी। हमजा ने कथित तौर पर, अल-क़ायदा के सदस्य के रूप में, अपने साथियों से आतंकवादी हमले करने का आह्वान किया।

अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने भी हमज़ा से जुड़ी जानकारी देने के लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक के इनाम की घोषणा की है। दो साल पहले अमेरिका ने हमज़ा को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था।

अमेरिका ओसामा का बेटा हमज़ा बिन-लादेन को आतंकवाद के उभरते हुए चेहरे के रूप में देखता है। ‘जिहाद के युवराज’ के नाम से जाने जाने वाले हमज़ा के ठिकाने का कोई अता-पता नहीं है। वर्षों से अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि वह पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सीरिया में रह रहा है या फिर ईरान में नज़रबंद है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अल-क़ायदा का हवाला देते हुए एक बयान में कहा, ‘‘हमज़ा बिन-लादेन अल-क़ायदा के सरगना ओसामा बिन-लादेन का बेटा है और वह अल-क़ायदा से जुड़े संगठनों में नेता के रूप में उभर रहा है।”

बता दें कि हमज़ा की कथित तौर पर मोहम्मद अट्टा की बेटी से शादी हुई थी। मोहम्मद अट्टा 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमलों में प्रमुख हाईजैकर था।

बांग्लादेश ने अब और रोहिंग्या शरणार्थियों को लेने से किया इंकार

बांग्लादेश ने म्यामांर से आने वाले और रोहिंग्या मुस्लिमों को शरण देने से मना कर दिया है। बांग्लादेश ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि अब वह म्यांमार से और रोहिंग्या मुस्लिमों को पनाह नहीं दे सकता है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री शाहिदुल हक ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि उनके देश में मौजूद रोहिंग्या समुदाय के लाखों लोगों की स्वदेश वापसी का संकट बद से बदतर हो गया है।

गौर करने लायक है की 2017 में रखाइन में सैन्य अभियान के बाद लगभग 7,40,000 रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश में शरण ली थी जिसे संयुक्त राष्ट्र ने सामुदायिक नरसंहार बताया था। इसके बाद बांग्लादेश और म्यामांर के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत म्यांमार कुछ शरणार्थियों को वापस लेने को राजी हो गया था। मगर संयुक्त राष्ट्र ने उस समय इस बात पर जोर दिया कि रोहिंग्या लोगों की सुरक्षा उनकी वापसी की एक शर्त होगी।

अब बांग्लादेश का कहना है कि म्यामांर के शरणार्थियों की वजह से देश की हालत खराब हो गई है। इसके साथ ही बांग्लादेश के विदेश मंत्री शाहिदुल हक ने सवाल उठाया है कि क्या बांग्लादेश पड़ोसी देश म्यामांर की उत्पीड़ित अल्पसंख्यक आबादी के प्रति सहानुभूति दिखाने की कीमत चुका रहा है।

शाहिदुल हक ने सुरक्षा परिषद से साफ साफ कह दिया है कि बांग्लादेश अब म्यामांर से आने वाले और रोहिंग्या मुस्लिमों को पनाह देने की स्थिति में नहीं है और इस बात का उन्हें बहुत दुख है। इसके साथ ही उन्होंने बैठक में निर्णायक कदम उठाने की भी अपील की है।

भीलवाड़ा के जंगल में मिला मज़दूर का अधजला शव, पुलिस ने बताई आत्महत्या लेकिन परिवार को शक!

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के तिलस्वा में एक खदान पर बागवानी का काम करने वाले गंगाराम बलाई नाम के दलित मजदूर को पेड़ से बाँधकर जिंदा जला दिया गया। पुलिस इसे एक तरफ जहाँ आत्महत्या बता रही हैं, वहीं शव की हालत देखकर लगता है कि कोई खुद अपने लिए इतनी दर्दनाक मौत आखिर क्यों चुनेगा?

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट और सोशल मीडिया से मालूम चला है कि मृतक शाहपुरा क्षेत्र के उम्मेदनगर गाँव का निवासी था और घटना बिजोलिया थाना क्षेत्र के बहादुर जी का खेड़ा के पास जंगल की है। जहाँ पर गंगाराम का अधजला शरीर सूखे पेड़ के नीचे बाइक के टायरों से लिपटा हुआ मिला।

पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर इसे आत्महत्या कहा है। जबकि परिजनों ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर हत्या की आशंका जताई है। पुलिस के अनुसार लाश के पास पड़े मिले आधार कार्ड से पहचाना गया कि मरने वाला गंगाराम था। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। लेकिन परिजन मुआवजे की मांग को लेकर अड़े हुए हैं।

गंगाराम के भतीजे ने बताया कि उसके चाचा करीब 30 सालों से तिलस्वां क्षेत्र में मज़दूरी करते थे। उन्होंने करीब 27 साल तक तिलस्वा महादेव मंदिर की बगीचे में बागवानी की। लेकिन पिछले 3 साल से वह बहादुरजी का खेड़ा में कंपनी एवं तिलस्वा महादेव में बन रही सराय के काम काम पर जा रहे थे। गंगाराम का अधजला शरीर जिस पेड़ से लटका मिला वो उसके कार्यक्षेत्र से कुछ ही दूरी पर है।

पुलिस का कहना है कि लाश के पास से सुसाइड नोट मिला है जबकि दैनिक भास्कर द्वारा जारी की गई तस्वीरों से पता चलता है कि आग की लपटों में मरने वाले का शरीर पूरा झुलस गया है। ऐसी हालत में जेब में पड़ा कोई कागज़ कैसे सुरक्षित रह सकता है यह सवाल अभी बना हुआ है। फिलहाल पूरा मामला प्रारंभिक बयान और परिजनों की ओर से उठाए गए सवालों के आधार पर ही टिका है क्योंकि कहा जा रहा है कि मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपनी बेटी की शादी से आहत था, जबकि वास्तविकता में गंगाराम अविवाहित था।

दुर्भाग्यपूर्ण है एयरस्ट्राइक पर ममता का संदेह, पूर्व IPS अधिकारी की आत्महत्या मामले पर दें जवाब

गुरुवार (फ़रवरी 2, 2019) को ममता बनर्जी ने एक ऐसे मुद्दे को हवा दी जो न सिर्फ़ बेबुनियादी था बल्कि देश की जनता को आहत करने वाला भी था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का हवाला देते हुए भारतीय वायु सेना की एयरस्ट्राइक को सवालों के घेरे में ला खड़ा करने का दुस्साहस किया। ऐसा दुस्साहस, जिसकी जितनी निंदा की जाए वो कम। ममता बनर्जी ने 26 फ़रवरी को पाकिस्तान में की गई हवाई कार्रवाई की विश्वसनीयता पर ही सवालों की झड़ी लगा दी जबकि सवाल तो उन पर ख़ुद एक के बाद एक दागे जा सकते हैं।

दुनिया उनकी असलियत से भली-भाँति परिचित हो चुकी है जहाँ वो कभी ‘धरना क्वीन’ बनीं नज़र आती हैं तो कभी पूर्व IPS अधिकारी गौरव दत्त की आत्महत्या के लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार ठहराई जाती हैं। ज़िम्मेदार इसलिए क्योंकि पूर्व IPS ने ममता सरकार और ख़ुद ममता बनर्जी को आत्महत्या का दोषी ठहराते हुए सुसाइड नोट लिखा था, इसकी पुष्टि उनकी पत्नी श्रेयांशी दत्त ने की थी। ऐसे में ममता का ये बेहूदापन अपनी सीमा पार कर चुका है जहाँ वो केंद्र से पूछतीं नज़र आती हैं कि इस बात का सबूत दिया जाए की एयरस्ट्राइक की कार्रवाई पर कितने आतंकवादियों को मार गिराया गया।

ममता ने कहा, “हमें यह जानने का अधिकार है कि भारत द्वारा शुरू किए गए हवाई हमलों में कितने लोग मारे गए थे। क्या यह 300 या 350 है? मैंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में पढ़ा कि बम कहीं और गिराए गए। वास्तव में कितने लोग मारे गए?”

ममता द्वारा पूछे गए इस वाहियात प्रश्न पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि बनर्जी की टिप्पणी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। विजय वर्गीय ने कहा, “जहाँ एक तरफ पूरा देश बदला लेने के लिए कह रहा है कि वहाँ पाकिस्तान पर भारत द्वारा किए गए हमलों का सबूत माँगा जा रहा है। ऐसे समय में जब हमें देश के साथ डटकर खड़े होना चाहिए और अपनी सेना के मनोबल को बढ़ाना चाहिए, वह (ममता) पाकिस्तान के समर्थन में बयान दे रही हैं। मुझे नहीं लगता कि उन्हें जवाब देने की कोई ज़रूरत है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए लोग ऐसी हरक़त करेंगे।”

विजयवर्गीय ने IPS अधिकारी गौरव दत्त की मौत का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने अपने सुसाइड नोट में बनर्जी को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा, “उनकी पत्नी ने मुझसे संपर्क किया था। वह दुखी हैं और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ एक नियुक्ति चाहती हैं। मुझे लगता है कि ममता के ख़िलाफ़ एक FIR दर्ज की जानी चाहिए।”

इससे पहले, राज्य के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी ममता के इसी सवाल पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि ममता बनर्जी के सुर पाकिस्तान के सुर से मेल खाते हैं। इसलिए यह पता लगाना मुश्किल है कि आख़िर पाक समर्थित उनके सुर पाकिस्तान के पक्ष में क्यों हैं?

पाकिस्तान की तारीफ़ करने वाले दामाद की ससुराल वालों ने की जमकर धुनाई, पुलिस के हवाले किया

इन दिनों भारत-पाकिस्तान के बीच का रिश्ता चर्चा का गंभीर विषय बना हुआ है। आमतौर पर होता यह है कि जब किसी विषय पर चर्चा होती है तो उसके दो पहलू भी होते हैं, एक होता पक्ष और दूसरा विपक्ष। पक्ष और विपक्ष की इसी बहस में हालात कभी-कभी इतने बिगड़ जाते हैं कि स्थिति पर क़ाबू पाना काफ़ी मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक मामला मिर्ज़ापुर का है जहाँ हथियाबांध गाँव में गुरुवार (मार्च 1, 2019) को सुबह चाय की दुकान पर एक युवक ने पाकिस्तान की तारीफ़ कर दी।

बता दें कि तारीफ़ करने वाला ये शख़्स अपने ससुराल में ही रहता है। भारत-पाकिस्तान की बहस पर पहले तो ससुसरालियों ने उसको भारत के पक्ष में काफ़ी समझाने-बुझाने की कोशिश की। लेकिन वो शख़्स किसी भी तरह कुछ मानने को तैयार ही नहीं था, बस पाक सेना की तारीफ़ों के पुल बाँधता रहा। इस पर खीझे ससुराल वालों ने अपने ही दामाद को न सिर्फ़ जमकर पीटा बल्कि उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया।

मामला जब पुलिस तक पहुँचा तो दामाद ने अपने किए की माफ़ी माँगी जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया। जानकारी के अनुसार, युवक ने पाक सेना की तारीफ़ करते हुए कहा था कि पाकिस्तानी फ़ौज ने भारत की सीमा में दिन-दहाड़े घुस गई। पाक सेना की तारीफ़ करने का मक़सद यह हो सकता है कि शायद वो युवक यह कहना चाह रहा हो कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर जो एयरस्ट्राइक की गई थी वो रात के अँधियारे में की जबकि पाक सेना ने भारत की सीमा में दिन के समय हमला किया। इसी आपसी विवाद ने गंभीर रूप ले लिया जिसके बाद मामला पुलिस की चौखट तक पहुँच गया।

हमारे देश की सीमा के भीतर ऐसे असामाजिक तत्वों का अस्तित्व होना देश के लिए हितकारी तो हो ही नही सकता बल्कि इनके निपटारे के लिए सरकार द्वारा इस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर इन्हें सही दिशा दिखाना बेहद ज़रूरी है अन्यथा ये देश की विकास यात्रा में बाधा उत्पन्न करेंगे जो हमारे देश के लिए किसी भी तरह से सही नहीं होगा।

राहुल और सोनिया की दौलत में हुआ दसियों गुना इज़ाफा: ADR रिपोर्ट का खुलासा

असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने गुरुवार (मार्च 2,2019) को अपनी रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। यह रिपोर्ट 2004 से 2017 तक यूपी में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाकर तैयार की गई है।

इस रिपोर्ट के निष्कर्ष दर्शाते हैं कि 2004 से अब तक 235 सांसदों की औसत संपत्ति ₹6.08 करोड़ थी। जबकि पिछले तीन चुनावों में लगातार जीतने वाले 5 सांसदों की संपत्ति में बड़े स्तर पर इजाफा हुआ है। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति 2004 में ₹55.38 लाख थी जो 2014 में 16 गुना से अधिक बढ़कर ₹9.40 करोड़ से भी अधिक हो गई। मुलायम सिंह यादव की संपत्ति में भी 13 गुना की बढ़त पाई गई। वहीं यूपीए संयोजक सोनिया गांधी की संपत्ति में 10 गुना का इजाफा हुआ। जबकि बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की संपत्ति में 5 गुना बढ़ौतरी हुई।

निश्चित अवधि में यूपी से संसद और विधानसभा तक पहुँचने वाले 38% राजनेताओं की पृष्ठभूमि आपराधिक है। इतना ही नहीं 23% महानुभाव तो हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा, रेप जैसे गंभीर अपराधों में आरोपित हैं। इसके अलावा यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले 3 बार से लगातार चुने जाने वाले सांसदों-विधायकों की संपत्ति में 13 साल के भीतर 10 गुना इज़ाफा हुआ है।

एडीआर के फाउंडर मेंबर प्रोफेसर त्रिलोचन शास्त्री और यूपी इलेक्शन वॉच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए यह बताया कि रिपोर्ट में 2004 से 2017 के बीच हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 19,971 प्रत्याशियों और 1,443 सांसदों और विधायकों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण है।

इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले 13 सालों में विधानसभा-लोकसभा चुनाव में 59 फीसदी करोड़पतियों को टिकट मिला। इनमें एसपी के 55 फीसदी, कॉन्ग्रेस के 42 फीसदी और बीजेपी में 52 फीसदी करोड़पतियों को तरजीह दी गई। जब जीतने वालों के आंकड़ों पर गौर किया गया तो मालूम पड़ा कि भाजपा के 73% सांसद/विधायक करोड़पति रहे हैं जबकि एसपी में यह दर 58%, बीएसपी में 42% और कांग्रेस में 52% रही हैं। 

बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार एसपी के 42 फीसदी, बीएसपी के 34 फीसदी, कॉन्ग्रेस के 35 फीसदी, भाजपा 37 फीसदी और आरएलडी से चुनकर आए 21 फीसदी प्रतिनिधियों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमों को घोषित किया है। विधानसभा पर गौर करें तो 2012 में 45% के साथ सर्वाधिक दागी चुने गए थे।

इसके अलावा साल 2016 में एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार कॉन्ग्रेस की आय 2010-11 से 2013-14 के बीच में ₹1,687.12 करोड़ आंकी गई थी, जो कि अन्य पार्टियों के मुकाबले सबसे अधिक थी।

रेडियो पाकिस्तान की बेहूदा हरकत: आतंकवादियों को बताया शहीद

भारत ने जिस तरह एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान में चल रहे आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों को ध्वस्त किया, उसके बाद ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान हमेशा के लिए ना सही, मगर कुछ समय के लिए तो आतंकियों की तरफदारी करना और सुरक्षा देना करना बंद कर देगा। लेकिन पिछले दिनों रेडियो पाकिस्तान ने जिस प्रकार आतंकियों को शहीद बताया, उससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान न तो सुधरने वाला है और न ही आतंकवादियों को लेकर अपनी नीतियों में कोई बदलाव लाने वाला है।

बता दें कि रेडियो पाकिस्तान में प्रसारित किए गए बुलेटिन में कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों को शहीद बताया गया। इतना ही नहीं, जब कुपवाड़ा में भारतीय सेना द्वारा दो आतंकियों को मारा गया तो पाकिस्तान ने उसे भी शहीद करार दिया। कुपवाड़ा में हुए मुठभेड़ के बाद पाकिस्तान की तरफ से जिसे शहीद बताया जा रहा है वह असल में आतंकी थे।

पाकिस्तान को लेकर ऐसा माना जाता है कि वहां की फ़ौज जो कहती है, सरकार वही करती है। पुलवामा हमले के बाद भी जब इमरान खान का बयान सामने आया था तो इस तरह की बातें सामने आ रही थीं कि इमरान खान वही बोल रहे हैं, जो कि पाकिस्तानी सेना ने उन्हें लिखकर दिया है।

पाकिस्तान में चलने वाले ज्यादातर ट्रेनिंग कैंप सेना और आईएसआई के नियंत्रण में है, इसलिए सरकार के पास कुछ करने की ज्यादा पावर नहीं है। सैन्य विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि पाकिस्तान जान बूझकर आतंकवादी गतिविधियों को बंद नहीं करता है।


एयरफ़ोर्स ने बताया कब-कब, क्या-क्या हुआ, साझा की तस्वीरें

भारतीय वायु सेना ने अपने ट्विटर और फेसबुक पोस्टों के माध्यम से 27 फ़रवरी से लेकर आज तक के पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। पूरा देश अभी विंग कमांडर अभिनंदन के 55 घंटों के अंदर पाकिस्तान द्वारा भारत को सौंपे जाने पर आह्लादित है। अपने पायलट को वापस पाकर एयरफ़ोर्स ने आधिकारिक रूप से ‘डायरी ऑफ़ इवेंट’ के नाम से ट्विटर और फेसबुक पर पूरी जानकारी साझा की।

पहले ट्वीट में एयरफ़ोर्स की तरफ से 27 फ़रवरी की घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा गया: 27 फ़रवरी 2019 को 10:00 बजे के क़रीब भारतीय वायु सेना के रडार पर पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों के भारत के झांगर इलाके की तरफ आने के सिग्नल मिले। उन्होंने भारतीय वायु क्षेत्र में राजौरी के पश्चिम में सुंदरबनी की तरफ से घुसपैठ की।

आने वाले विमान अलग-अलग लेवल पर थे। इंडियन एयरफ़ोर्स से MiG-21 Bison, Su-30MKI, और Mirage-2000 को घुसपैठियों को इंटरसेप्ट करने का कार्य सौंपा गया। पाकिस्तानी एयरफ़ोर्स के विमान भारतीय मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन भारतीय वायु सेना के विमानों ने उन्हें इंटरसेप्ट किया और उनकी योजना पर पानी फेर दिया। 

हालाँकि, पाकिस्तानी बम इंडियन आर्मी फॉर्मेशन कम्पाउंड में तो गिरे, लेकिन उनसे हमारे सैन्य ठिकानों को कोई क्षति नहीं पहुँची। इसके बाद हवाई लड़ाई में पाकिस्तान का एक F16 भारत के MiG-21 Bison द्वारा मार गिराया गया। F16 क्रैश करते हुए लाइन ऑफ़ कंट्रोल के पार जा गिरा। 

भारतीय वायु सेना ने अपने मिग को इस लड़ाई में खो दिया और हमारे पायलट सुरक्षित इजेक्ट हो गए। उनका पैराशूट हवा के कारण पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में जा गिरा जहाँ उन्हें पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया।

अंतिम पोस्ट में एयरफ़ोर्स ने विंग कमांडर अभिनंनदन के स्वदेश लौटने की ख़बर साझा करते हुए लिखा: विंग कमांडर अभिनंनदन अब हमारे साथ हैं। भारतीय वायु सेना अपने एयर वॉरियर अभिनंदन पर गर्व करती है। 

बिलकुल जूते के लायक है केजरीवाल: परेश रावल

एक तरफ जहाँ देश आतंक, आतंकवादियों और उनके संरक्षणकर्ताओं के ख़िलाफ़ एकजुट है। वहीं एक बाद एक अपने घर में ही छुपे आस्तीन के साँप रह-रह कर विषवमन कर रहे हैं। किसी के प्रति नफ़रत, व्यक्तिगत कुंठा आपको कहाँ पहुँचा सकती है, इसके कई नमूने आजकल देखने-सुनने में आ रहे हैं। कुछ से आप परिचित होंगे, जो छूट गए उनसे परिचय कराता हूँ।

शायद आपकी उत्सुकता बढ़ रही होगी ऐसे महानुभाव से परिचित होने के लिए तो जनमानस में तरह-तरह के नामों से विख्यात, बच्चे की क़सम खा राजनीति में नए-नए ड्रामे रचने वाले, धरनाप्रसाद ने फिर एक नया कारनामा किया है।

शायद नाम आप समझ गए होंगे! हाल ही में एक वीडियो शेयर हुआ जहाँ अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली विधान सभा में कुछ यूँ उद्गार व्यक्त किए, “मैं इनसे (नरेंद्र मोदी) पूछना चाहता हूँ कि लोकसभा चुनाव में 300 सीटें जीतने के लिए क्या-क्या करोगे? सीमा पर कितने जवानों को शहीद करोगे? कितनी लाश और चाहिए तुम लोगों को? हमारे कितने जवानों के घर बर्बाद करोगे? कितने परिवार बर्बाद करोगे, कितनी माओं के बच्चे छीनोगे और कितनी औरतों को बेवा करोगे? लानत है ऐसी पार्टी के ऊपर, लानत है ऐसी सरकार पर।”

केजरीवाल के इस वीडियो को एक ट्वीटर यूज़र ने शेयर किया। फिर क्या था, पुलवामा आतंकी हमला से दुखी, सर्जिकल स्ट्राइक- 2 से राहत महसूस कर रही और अब जाँबाज पायलट के अभिनन्दन में खड़ी जनता का गुस्सा फूट पड़ा। सब ने जम कर केजरीवाल पर अपनी भड़ास निकाली।

सांसद परेश रावल भी खुद को रोक नहीं पाए और अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए बोल उठे, “ये बिलकुल जूते के लायक है पर अफ़सोस इस बात का है जूता भी इनको छूने के बाद इतना गंदा हो जाएगा कि दुबारा पहनने के लायक़ नहीं रहेगा।”

फिर क्या था, लोगों ने अपना धैर्य खो दिया। सबने अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का आज ही उपयोग कर लिया। बीजेपी के तेजिंदर सिंह बग्गा ने कहा, “इमरान खान के हिन्दुतानी दलालों सम्भल जाओ नहीं तो जनता सड़क पर लेके पीटेगी।”

संबित पात्रा ने भी फटकार लगाई, “धिक्कार है! किस किस से लड़ें? पाकिस्तान से… घर में बैठे आस्तीन के साँपों से… किस किस से ??”

एक और ट्वीटर यूजर ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, “इस आदमी को गाली दो तो गाली बुरा मान जाती है पर इस पर कोई असर नहीं होता। निर्लज्ज, निकम्मा, नकारा, नामाकूल, नल्ला, नमकहराम।”

राजनीतिक बयानबाज़ी का गिरता स्तर

आजकल राजनीतिक बयानबाज़ी का स्तर गिरता ही जा रहा है। इस तरह के शब्दों का प्रयोग, एक सम्मानित कलाकार और सांसद द्वारा पूरी तरह से गलत है। अरविन्द केजरीवाल निजी जीवन या पब्लिक लाइफ में जैसे भी हों, उनका मुख्यमंत्रीत्व जैसा भी रहा हो, उसकी आलोचना की जानी चाहिए। उस आलोचना की शब्दावली सभ्य होनी चाहिए न कि अभद्र, जैसा की परेश रावल ने किया है। केजरीवाल जी द्वारा इस्तेमाल किए हुए शब्द भी गलत हैं, और निंदनीय भी, जब उन्होंने मोदी को पुलवामा के बलिदानियों का हत्यारा बताने की कोशिश की।

दिनों-दिन नेताओं में एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए प्रयुक्त शब्दों का स्तर गिरता ही जा रहा है। भले ही अरविन्द केजरीवाल ने भी पहले आपत्तिजनक और भद्दे शब्दों का सहारा लिया हो, लेकिन इस तरह की बातों को बढ़ावा देना अनुचित है।