Sunday, November 3, 2024
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शौहर पाकिस्तानी, बीवी बांग्लादेशी… कर्नाटक में हिंदू नाम रख YouTube पर देता था इस्लामी ज्ञान, गाजियाबाद में रामलीला करने वाले 3 मुस्लिम गिरफ्तार

गाजियाबाद में पुलिस ने तीन मुस्लिमों वजीर खान, राहुल (जिसका असली नाम सामने नहीं आया), और नानक को देवी मंदिर में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया।

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की दो अलग-अलग घटनाओं ने एक बार फिर अवैध प्रवासियों और मजहबी पहचान छिपाकर भारत में रहने वालों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रामलीला के मंच पर हिंदू पहचान लेकर काम कर रहे मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया, तो दूसरी ओर कर्नाटक में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुस्लिमों के एक ग्रुप को भी गिरफ्तार किया गया जो हिंदू नाम और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रह रहे थे।

गाजियाबाद में गलत पहचान बताकर रामलीला, हिंदू नामों से आधार कार्ड

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजियाबाद में पुलिस ने तीन मुस्लिमों वजीर खान, राहुल (जिसका असली नाम सामने नहीं आया), और नानक को देवी मंदिर में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया। इन तीनों पर आरोप है कि ये अपनी असल पहचान छिपाकर रामलीला में हिंदू पात्रों का अभिनय कर रहे थे और मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। यह गिरफ्तारी उस समय हुई, जब तीनों आरोपित गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जहाँ महंत नरसिंहा नंद गिरी ने धर्म विशेष के लोगों के प्रवेश पर रोक लगा रखी है। पुलिस ने इनके पास से हिंदू नाम और पहचान के आधार कार्ड बरामद किए, जो इनके वास्तविक नाम से मेल नहीं खाते थे।

पुलिस जाँच के दौरान इन युवकों ने बताया कि उनका परिवार पुश्तैनी रूप से रामलीला मंचन से जुड़ा हुआ है। ये लोग रामलीला में कैकई, मंथरा जैसे किरदार निभाते हैं और ढोलक बजाने तथा नृत्य का भी कार्य करते हैं। गिरफ्तार युवकों का दावा है कि वे मथुरा के रहने वाले हैं और रामलीला मंचन करना उनकी आजीविका का हिस्सा है। हालाँकि, पुलिस ने यह साफ किया कि मामले की जाँच जारी है और तब तक कुछ ठोस कहा नहीं जा सकता।

डासना देवी मंदिर का यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील माना जाता है। यहाँ हमेशा पुलिस बल तैनात रहता है, खासकर महंत नरसिंहानंद गिरी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए। महंत का कहना है कि धर्म विशेष के लोगों के मंदिर में प्रवेश को रोकने के पीछे उनका धार्मिक और सुरक्षा से जुड़ा कारण है।

कर्नाटक में हिंदू पहचान के साथ पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिक

दूसरी घटना कर्नाटक के पीन्या इलाके की है, जहाँ तीन और पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें सैयद तारिक और उसकी पत्नी अनीला शामिल हैं, जबकि उनकी 17 वर्षीय बेटी को हिरासत में लिया गया है। पुलिस के अनुसार, यह परिवार पिछले आठ साल से भारत में गैरकानूनी तरीके से रह रहा था और हिंदू नामों का इस्तेमाल कर अपनी असली पहचान छिपा रहा था। तारिक अपने यूट्यूब चैनल पर इस्लामिक उपदेश देता था, जबकि उसकी पत्नी घरेलू महिला है। इन लोगों के पास से पुलिस ने आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट बरामद किए हैं, जो सभी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए थे।

इस परिवार के बारे में जानकारी तब मिली जब पहले गिरफ्तार किए गए अन्य पाकिस्तानी नागरिकों ने इनके बारे में पुलिस को बताया। पुलिस ने शंकर शर्मा के नाम से रह रहे राशिद अली सिद्दिकी को भी हाल ही में गिरफ्तार किया था, जो अपनी बांग्लादेशी पत्नी और ससुरालवालों के साथ फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहा था। राशिद का मामला भी तारिक से जुड़ा हुआ पाया गया है। अकेले कर्नाटक में ही कुल 11 पाकिस्तानी-बांग्लादेशियों को फर्जी हिंदू पहचान के साथ गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस की शुरुआती जाँच से पता चला है कि यह परिवार पहले कोच्चि में रह रहा था और चार साल पहले बेंगलुरु आया था। तारिक को हर महीने 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल के माध्यम से मिलती थी, जिसका मुख्य उद्देश्य इस्लामी तकरीरें करनी थी। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इन अवैध पाकिस्तानी नागरिकों को पैसा कैसे और कहाँ से मिल रहा था, और क्या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।

कर्नाटक पुलिस अब इस बात की भी जाँच कर रही है कि राज्य में और कितने पाकिस्तानी फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे हैं। हाल ही में बेंगलुरु के बाहरी इलाके जिगानी में भी चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जो इसी प्रकार फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि कर्नाटक और देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे कई लोग हो सकते हैं जो अवैध रूप से रह रहे हों और अपनी मजहबी और राष्ट्रीय पहचान छिपाकर काम कर रहे हों।

सावधान करने वाली हैं दोनों घटनाएँ

इन दोनों घटनाओं में एक चीज समान है: आरोपितों द्वारा अपनी मजहबी पहचान को छिपाना। गाजियाबाद में गिरफ्तार आरोपित मुस्लिम युवक हिंदू नामों के साथ रामलीला में काम कर रहे थे और मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जबकि कर्नाटक में पकड़े गए पाकिस्तानी नागरिक हिंदू नाम और फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। दोनों ही मामलों में मजहबी पहचान को छिपाकर अवैध कार्यों को अंजाम देने का प्रयास किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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