इस दौरान ममता ने ओल्ड दीघा बीच पर पुरी की तरह 2 एकड़ के प्लॉट पर जगन्नाथ मंदिर स्थापित करने की घोषणा की। सीएम ने कहा कि पर्यटक लक्ष्मी का रूप होते हैं और दार्जिलिंग में बवाल के कारण अब दीघा को वैश्विक पर्यटन स्थल बनाया जाएगा।
संत रविदास मंदिर पर राजनीति कर रहा चंद्रशेखर वही व्यक्ति है, जिसने अयोध्या में राम मंदिर की जगह बुद्ध मंदिर की माँग की थी। "अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी" लिखने वाले संत रविदास अगर आज ज़िंदा होते तो उनके नाम पर राजनीति करने वाले और दलितों को 'राम अमंदिर आंदोलन' से दूर रहने की सलाह देने वाले चंद्रशेखर को अपना भक्त तो नहीं ही मानते।
उत्तराखंड के वरुण गहलोत कॉन्ग्रेस के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे। उन्होंने अपने 25 साथियों के साथ बीजेपी की सदस्यता ली। इनमें कॉन्ग्रेस की पूर्व सांसद प्रतिनिधि शीतल जोशी, कोमल सिंह भी शामिल हैं।
8 साल पहले 30 जून 2011 को पी चिदंबरम की मौजूदगी में सीबीआई मुख्यालय का उद्घाटन किया गया था। वह यहाँ मुख्य अथिति के रूप में समारोह में शामिल हुए थे। शायद उस समय उन्हें मालूम नहीं था कि कुछ समय बाद उन्हें यहाँ एक दोषी की तरह लेकर आया जाएगा।
निज़ाम ने स्वीकार किया कि उसने पुलिस के डर से आत्मसमर्पण किया है। उसने कहा कि अपने दोनों साथियों को गोली लगने की ख़बर के बाद वह घबराया हुआ था। उसने सरेंडर करने के दौरान अपना पिस्तौल भी पुलिस को सौंप दिया।
समुदाय विशेष को यह सोचने की ज़रूरत है कि विवेकानंद के 'सर्व-धर्म-समभाव' वाले पन्ने पर क्यों विभाजन की खूनी दास्ताँ लिखी, क्यों मुस्लिम-बहुल कश्मीर को हिन्दू-बहुल भारत का साथ मंज़ूर नहीं और क्यों कश्मीरी पंडितों के साथ वो किया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था।
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि वादा करना और किन्हीं परिस्थितियों में उसे नहीं निभा पाना वादा कर धोखा देना नहीं है। कोर्ट ने कहा, " झूठे वादे कर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने में और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने में फर्क है।
जिन पूर्व सांसदों ने अभी अपना सरकारी आवास खाली नहीं किया है, उनकी संख्या अब घटकर केवल 109 रह गई है। एक अधिकारी ने बताया कि अगले कुछ दिनों में 90% सरकारी आवास खाली होने की संभावना है।
सावरकर की प्रतिमा को एनएसयूआई दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय ने जूते की माला पहनाई। उसने समर्थकों संग मिल कर प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दिया। इस दौरान एनएसयूआई के छात्रों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प भी हुई।
अगर एनडीटीवी को सीबीआई के दीवार फाँदने पर मर्यादा और 'तेलगी को भी सम्मान से लाया गया था' याद आ रहा है तो उसे यह बात भी तो याद रखनी चाहिए पूर्व गृह मंत्री को कानून का सम्मान करते हुए, संविधान पर, कोर्ट पर, सरकारी संस्थाओं पर विश्वास दिखाते हुए, एक उदाहरण पेश करना चाहिए था।