Friday, September 20, 2024

संपादक की पसंद

नक़ाबपोश एक्सपर्ट के समर्थकों, तुम्हारे कपड़ों का ही नक़ाब उसने पहना है!

आख़िर सवाल यह है कि क्यों करा ली जाए जाँच? क्या लगातार हो रहे चुनावों में अलग-अलग पार्टियों की जीत इस सवाल का स्वतः जवाब नहीं दे देती?

भगवंत मान ने ‘जनहित’ में दारू छोड़ी, सड़जी खुश हुए; अन्य AAP नेताओं ने लिए चुनावी रेज़ोल्यूशन

भगवंत मान के दारू छोड़ने के बाद अमानतुल्लाह खान, सोमनाथ भारती सहित अन्य नेताओं ने भी सड़जी का 'दिल जीतने' के लिए अपना-अपना इलेक्शन रेज़ोल्यूशन तय कर लिया है।

हमारे बारे में अच्छी ख़बर लिखिए, ₹50,000/महीने का सरकारी इंतज़ाम हो जाएगा: अखिलेश यादव

साथ ही, प्रदेश में साधु-संतों को पेंशन देने की खबरों के बीच अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार से हर जगह पर रामलीला में काम करने वाले सभी कलाकारों को भी पेंशन देने की माँग कर दी है।

प्रोग्रेसिव कामरेडों की वैज्ञानिक सोच का सच

इस पूरे प्रकरण में 3000 से ज्यादा वैज्ञानिकों को गिरफ्तार किया या मार डाला गया था। उनकी नौकरियाँ छीन ली गईं और कइयों को देश से भागने पर मजबूर होना पड़ा।

वेरी शौरी साहब! आपको दलदल से कोई और नहीं, सिर्फ ‘शौरी’ ही निकाल सकते हैं

कल उन्हें 'तानाशाह' पसंद था, अब विकेन्द्रीकरण का बहाना मारते हैं। कल एक आँख के बदले दो आँख की बात करते थे, अब सेना के शौर्य को 'फ़र्ज़ीकल' स्ट्राइक बताते हैं

बजट को समझना-बूझना है तो इन 32 शब्दों को ठीक से जान लें

ज्यादातर बजट भाषण अंग्रेज़ी में दिया जाता है। ऊपर से भारी-भरकम शब्द! आदमी समझे तो समझे कैसे? इसलिए हम लेकर आए हैं एकदम बोलचाल वाली भाषा में बजट की शब्दावली

पिया वही जो दुल्हन मन भाए

विपक्ष अपने इतिहास और वर्तमान के प्रकाश में नरेंद्र मोदी के समक्ष खड़ा करने के लिए समकक्ष नेता नही ढूँढ पा रहा है

कौन बनेगा PM और कैबिनेट में होगा कौन… चुनने का आख़िरी मौक़ा सिर्फ़ यहाँ!

जीत का शंखनाद फूँका जा रहा है। देश को 'संघी-सांप्रदायिक' ताकतों से छुटकारा मिल गया है। समाजवाद-लालवाद-बेटावाद-दाढ़ीवाद से लेकर दीदी-बुआवाद सब मिलकर अब माल-वाद की मलाई खाएँगे

मुंबई से मेडिकल साइंस की एक ख़बर और महर्षि दधीचि के बलिदान की महान गाथा

आख़िर क्यों वाजपेयी ने अपनी कविता में दधीचि का जिक्र किया था? बांद्रा के शिक्षक स्वर्गीय राजेश की कहानी ले जाती है हमें हज़ारों साल पीछे। वृत्रासुर वध की महान गाथा फिर से...

सबरीमाला साइड इफ़ेक्ट: ‘अन्य मंदिरों पर भी थोपा जा सकता है संवैधानिक नैतिकता का तर्क’

"सबरीमाला मंदिर मार्ग पर एक हवाई अड्डा बनाने की योजना है, यह तभी लाभप्रद होगी जब मंदिर को 365 दिन खुला रखा जाए। इसीलिए मंदिर को एक तीर्थस्थल के बजाय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं।"

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