Friday, November 15, 2024

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मजदूर पति ने लाचार पत्नी के लिए बना डाला रिमोट कंट्रोल बेड, राष्ट्रपति ने अवॉर्ड देकर किया सम्मानित

एस सरावना मुथु की पत्नी सर्जरी की वजह दो महीनों तक बेड रेस्ट पर थीं। इस दौरान उन्हें बिस्तर पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मुथु ने पत्नी के लिए कुछ करने की ठान ली और फिर उन्होंने अपनी पत्नी के लिए एक रिमोट कंट्रोल टॉयलेट बेड बना डाला। 385 लोग इस बेड का ऑर्डर अब तक दे चुके हैं।

घर से दूर हैं तो बैठे-बैठे Voter ID में ऐसे बदलें अपना पता, समझें पूरी प्रक्रिया

अगर आपने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल लिया है तो उसे वोटर आईडी पर दर्ज कराने की बहुत ही आसान प्रक्रिया है, जिसे आप घर बैठे पूरी कर सकते हैं। यहाँ हम चरणबद्ध तरीके से स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से यह प्रक्रिया समझा रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन की आड़ में JNU के नक्सलियों द्वारा कुलपति की पत्नी पर हमला कहाँ तक उचित है?

आज देश की बड़ी-बड़ी परीक्षाएँ कम्प्यूटर के माध्यम से होती हैं। ऐसे में इस कदम का विरोध करना केवल मूर्खता को दर्शाता है। लेकिन अगर इसके बावजूद किसी पढ़े- लिखे समुदाय की ‘भीड़’ को इससे शिक्षा व्यवस्था में खतरा नज़र आता है, तो हर विरोध प्रदर्शन का एक तरीका होता है।

हमें दीजिए गैर-हिंदू दर्जा, कम से कम ‘हिन्दू’ पहचान तो बचे: ‘मकड़जाल’ से बचने के लिए अय्यावली समुदाय की माँग

हिन्दू रिलीजियस एण्ड चैरिटेबल एण्डॉमेंट डिपार्टमेंट (HR&CE department) के नाम में भले ही हिन्दू हो, पर क्षेत्रीय नेताओं से लेकर राज्य के उच्च न्यायलय तक ने हिन्दुओं के मंदिरों और परम्पराओं को नुकसान पहुँचाने संबंधी टिप्पणी इस विभाग पर कर चुके हैं।

कॉन्ग्रेस के लिए देश है प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी: ‘मालिक’ चाहेगा तो ‘मैनेजर’ हट जाएगा, संतान आ जाएगी

कॉन्ग्रेस के जो लोग अपने आपको नेता, कार्यकर्ता कहते हैं, उन पर बड़ा तरस आता है। क्योंकि जहाँ कार्यकर्ता हो सकते हैं वह एकमात्र भाजपा है। कॉन्ग्रेस में कार्यकर्ता नहीं, ‘बाउंसर’ होते हैं। वे बाउंसर हैं सोनिया गांधी के, वे बाउंसर हैं राहुल के, और वे बाउंसर हैं मिसेज प्रियंका वाड्रा के।

‘हिंदू बहनों’ पर हुए अत्याचार पर नारीवादी Pak मलाला चुप भी है और ब्लॉक भी कर रही – दोहरेपन की हद है यह

मलाला का न्यूज़ीलैंड के मुद्दे पर दुख प्रकट करना और रवीना और रीना पर शांत हो जाना दिखाता है कि इंसान कितना ही प्रोग्रेसिव क्यों न हो जाए, लेकिन उसके भीतर मज़हब, और मज़हब का डर हमेशा जिंदा रहता है।

राहुल की चुनावी चाल: गरीब परिवार को ₹72000 सलाना, 5 करोड़ फैमिली और 25 करोड़ आबादी को डायरेक्ट फायदा

जिन परिवारों की आय 12,000 रुपए से कम है, उन्हें हर महीने 12,000 रुपए तक की आमदनी पर ले जाना है - शर्त यही है कि अगर उनकी पार्टी मतलब कॉन्ग्रेस लोकसभा चुनाव में जीतेगी, मतलब राहुल गाँधी पीएम बनेंगे, तभी यह वादा पूरा होगा।

गणेश शंकर विद्यार्थी की याद में: मॉब लिंचिंग का कोई मज़हब नहीं होता

झूठ का पर्दाफाश होने के बाद भी ये उम्मीद मत रखिए कि दिल्ली के ठग और #बेगुसरायकाबकैत अपनी बेशर्मी के लिए कोई माफ़ी माँगेंगे। ये वो लोग हैं जो अपने गिरोह के लोगों या खुद की की हुई यौन शोषण, बलात्कार जैसी हरकतों पर भी चुप्पी साधते हैं।

कश्मीरी बच्चे की कविता में दिखा हिन्दुस्तान-प्रेम, पाकिस्तान और अलगाववादियों को नहीं भाएँगे ये सुर

कश्मीरी बच्चे की यह कविता देश और बाकी दुनिया के लिए संदेश है कि जिस भारत के सीने को पाकिस्तान हमेशा से ही छलनी करता आया है, उसकी असलियत तो बच्चे भी जानते हैं।

‘बाप-बेटी’ ने कश्मीर दिया, अब नाती-पोते पाक के लिए कर रहे बैटिंग!

भारतीय हितों के विरुद्ध पाकिस्तान और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के पक्ष में बैटिंग करना यह सोचने पर विवश करती है कि कॉन्ग्रेस ऐसा अनजाने में नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत नेहरू की नीति का अनुसरण करते हुए करती है।

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