झूठ का पर्दाफाश होने के बाद भी ये उम्मीद मत रखिए कि दिल्ली के ठग और #बेगुसरायकाबकैत अपनी बेशर्मी के लिए कोई माफ़ी माँगेंगे। ये वो लोग हैं जो अपने गिरोह के लोगों या खुद की की हुई यौन शोषण, बलात्कार जैसी हरकतों पर भी चुप्पी साधते हैं।
कश्मीरी बच्चे की यह कविता देश और बाकी दुनिया के लिए संदेश है कि जिस भारत के सीने को पाकिस्तान हमेशा से ही छलनी करता आया है, उसकी असलियत तो बच्चे भी जानते हैं।
भारतीय हितों के विरुद्ध पाकिस्तान और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद के पक्ष में बैटिंग करना यह सोचने पर विवश करती है कि कॉन्ग्रेस ऐसा अनजाने में नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत नेहरू की नीति का अनुसरण करते हुए करती है।
कॉन्ग्रेस की चिड़चिड़ाहट का कारण केवल और केवल पीएम मोदी हैं। यह चिड़चिड़ाहट और बौखलाहट किसी न किसी रूप में सामने आती रहती है। इस बार यह झुंझलाहट पी चिदंबरम के रूप में सामने है।
एक रोती हुई माँ, बाहर विनती करता पूरा परिवार, मौलवियों-उलेमाओं द्वारा मस्जिद के लाउडस्पीकर से आग्रह, सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को बचाने की कोशिश, इन सबके बीच आतंकियों ने कुछ ऐसा किया जो उनसे सहानुभूति रखने वालों की पोल खोल देगा।
अब वो ज़माना गया जब डॉन ब्रैडमैन के एक छक्के पर दर्शकों को मुफ़्त में कोल्डड्रिंक और चिप्स नसीब होती थी। अब वो ज़माना भी गया जब श्रीकांत के छक्के से टूटी काँच को सहेज कर रख दिया जाता था। यह धूम-धड़ाके का युग है।
"मेरी कॉन्ग्रेस में जाने की कोई इच्छा नहीं है। मैं कॉन्ग्रेस के लिए प्रचार नहीं करुँगी और मेरी राज बब्बर से कोई मुलाकात नहीं हुई है। मीडिया में जो तस्वीरें चल रही हैं, वो बहुत पुरानी हैं।"
"वैसे भी लगभग हर कोई आजकल पी ही रहा है। पर लोग नकली शराब पी रहे हैं और अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं। मैं पुडुचेरी से उच्च गुणवत्ता वाली शुद्ध शराब लाकर लोगों में वितरित कराऊँगा।"
भाजपा में एक साधारण कार्यकर्ता नेता बन सकता है, नेता से क्षत्रप, क्षत्रप से राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री तक बन सकता है, लेकिन वह चाहकर भी पार्टी को हायजैक नहीं कर सकता है, चाहे वह कितना भी कद्दावर बना रहे।
रचनात्मकता की सभी हदें पार करते हुए राहुल गाँधी की इस पारिवारिक पार्टी के सदस्यों को उनसे ये रिक्वेस्ट करते हुए भी दिखाया गया है कि राहुल गाँधी को इस बार अमेठी नहीं, बल्कि केरल की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।