Wednesday, November 27, 2024

हास्य-व्यंग्य-कटाक्ष

संघी पायल घोष ने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया – जया बच्चन

जया बच्चन का कहना है कि अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाकर पायल घोष ने जिस थाली में खाया, उसी में छेद किया है।

व्यंग्य: आँखों पर लटके फासीवाद के दो अखरोट जो बॉलीवुड कभी टटोल लेता है, कभी देख तक नहीं पाता

कालांतर में पता चला कि प्रागैतिहासिक बार्टर सिस्टम के साथ-साथ 'पार्टनर स्वापिंग' जैसे अत्याधुनिक तकनीक वाले सखा-सहेलियों के भी बार्टर सिस्टम भी इन पार्टियों में हुआ करते थे।

रेपिस्ट अब्दुल या असलम को तांत्रिक या बाबा बताने वाले मीडिया गिरोहों के लिए जस्टिस चंद्रचूड़ का जरूरी सन्देश

सुदर्शन न्यूज़ के कार्यक्रम पर जस्टिस चंद्रचूड़ मीडिया को सख्त संदेश दिया है कि किसी एक समुदाय को निशाना नहीं बनाया जा सकता है। लेकिन समुदाय का नाम नहीं लिया गया।

व्यंग्य: नाराजदीप और तिरिया चक्रवर्ती का एक्सक्लूसिव और धमाकेदार इंटरव्यू | Satire: Tiriya Chkraborty speaks with Narajdeep

“शुरू में मुझे लगा कि सीबीआई का मतलब ‘क्यूटिया बॉलीवुड इनवेस्टिगेशन’ होता है, जिसमें स्वरा दीदी, तापसी दीदी, सोनम दीदी, नसीर सर और अनुराग सर जैसे लोग होंगे।”

कॉन्ग्रेस के गाँधी को गुस्सा क्यों आता है… क्योंकि तीसरी बार हारने पर लूडो में भी खिलाड़ी को गुस्सा आ जाता है

वैसे तो जैसा कि कॉन्ग्रेस में सदा से होता आया है, कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष कोई गाँधी ही होता है और गाँधी कभी त्यागपत्र नहीं देते।

राहुल गाँधी होंगे अब से ‘राओल विंची’ ताकि बहन पिरंका की बात बनी रहे सच कि ‘बिना गाँधी’ नाम वाला हो अध्यक्ष

गुप्त सूत्रों से यह खबर भी आ रही है कि पिरंका जी अब अपनी बात से मुकर रही हैं क्योंकि रात में उन्हें माताजी का एक वीडियो कॉल आया और उन्होंने कहा, “अे कीया कार डीया बेटी! असा नेही केना ठा।”

अब्दुल अब्दुल अब्दुल… : अजीत भारती का अब्दुल वाला वीडियो । Ajeet Bharti roasts Ravish Kumar and Rahat Indori

बंगलुरु में दंगे हो गए, कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे ने किसी हिन्दूघृणा से रिसते पोस्ट के नीचे कोई कमेंट किया और अल्पसंख्यक समुदाय को बुरा लग गया।

अब्दुल अब्दुल अब्दुल… सौ में लगा धागा, अब्दुल आग लगा कर भागा

अब्दुल आग लगाएगा, फिर ह्यूमन चेन बनाएगा, फिर फोटो भी खिंचवाएगा, फिर अच्छा अब्दुल कहलाएगा! पर अब्दुल भाई ये तो बोलो, अपने दिल के राज तो खोलो, मंदिर को बचा रहे थे किस से? जलाने वाले थे किस मजहब के!

व्यंग्य: बकैत रवीश कुमार भूमिपूजन पर बोले- बर्नोल न भेजें, घर में बर्फ की सिल्ली रखता हूँ

पूरे दिन बर्फ की सिल्ली पर बैठा रहा और जलन ऐसी कि 'जिया जले, जाँ जले, सिल्ली पर धुआँ चले' हो गया। जैसे ऊर्ध्वपाती पदार्थ होते हैं न जो ठोस से सीधा गैसीय अवस्था को प्राप्त कर जाते हैं, वैसे ही आप यकीन मानिए कि बर्फ की सिल्ली ठोस बर्फ से सीधे वाष्पीकृत हो रही थी और रत्ती भर भी पानी नहीं बन पा रहा था।

‘ये मेरा भारत नहीं रहा’ कहने वालों के लिए विमान लेकर इन्तजार कर रहे सोनू सूद, कोपभवन से नहीं निकल रहे लिबरल्स

जब हिन्दू मेजोरिटी वाले भारत में रह कर भारत और हिन्दुओं को गाली दी जा सकती है और उन्हें बदनाम किया जा सकता है तो फिर कहीं और जाने से क्या फायदा?

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