Friday, April 19, 2024

धर्म और संस्कृति

आंध्र प्रदेश में भगवान श्रीराम की 108 फ़ीट ऊँची प्रतिमा, 10 एकड़ में फैला होगा प्रोजेक्ट: अमित शाह ने किया शिलान्यास, बोले – फैलेगा...

तुंगभद्रा नदी के किनारे 10 एकड़ में ये प्रोजेक्ट फैला होगा और इसका निर्माण कार्य पूरा होने में ढाई वर्ष का समय लगेगा। आंध्र में 108 फ़ीट ऊँची भगवान रामचंद्र की प्रतिमा।

भूतल में राम लला, प्रथम तल पर पूरा परिवार: 2023 में ही पूरा हो जाएगा राम मंदिर का निर्माण, 1 हजार साल तक नहीं...

चम्पत राय के मुताबिक अयोध्या के राम मंदिर गर्भगृह में स्थापित होने वाली मूर्ति भगवान के 5 वर्षीय बालक रूप की होगी।

सोमनाथ पर गजनवी के हमले का सच दिखाने के लिए आ रही है फिल्म: 50000+ हिन्दुओं ने दिया था बलिदान, 12 भाषाओं में रिलीज

सोमनाथ मंदिर को महमूद गजनवी के आक्रमण से बचाने के लिए हजारों लोगों ने बलिदान दिया। इसको लेकर 'द बैटल स्टोरी ऑफ सोमनाथ' नाम से फिल्म आ रही है।

भगवान सूर्य से जुड़े मंदिर में 3000 साल पुरानी सुरंग: पेरू की चाविन संस्कृति उन्नत कला के लिए प्रसिद्ध, यूनेस्को की सूची में शामिल

दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के पुरातत्वविदों ने चाविन संस्कृति से जुड़े एक प्राचीन मंदिर में करीब 3000 साल पुरानी सुरंग की खोज की है।

करोड़ों काँवड़ बनाते हैं बढ़ई, अलीगढ़ की 1000 फैक्ट्रियों में मजदूरों को रोजगार, गरीब राज्य में भी ₹2000 करोड़ का कारोबार: काँवड़ यात्रा के...

अकेले अलीगढ़ में घंटी-घुँघरू के 1000 कारखाने हैं। सिर्फ हरिद्वार में 5 करोड़ काँवड़िए पहुँचेंगे। ये काँवड़ बढ़ई बनाते हैं। बिहार जैसे गरीब राज्य में भी काँवड़ यात्रा से 2000 करोड़ रुपए का कारोबार हो जाता है।

बागेश्वर बाबा की कथा से पहले 11000 महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा: दिल्ली में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का हुजूम, धीरेन्द्र शास्त्री के क्रेज के...

बागेश्वर बाबा की कथा से पहले 11,000 महिलाओं के साथ कलश यात्रा निकाली गई। यह कलश यात्रा IP एक्सटेंशन मंडावली थाने के निकट से शुरू होकर कथा स्थल तक गई।

8 सिद्धियों में पारंगत 280 साल जीने वाला योगी, जिन्हें रामकृष्ण परमहंस ने कहा था – काशी के चलते-फिरते शिव: नदी में करते थे...

जिन्हें अंग्रेजों ने जेल में बंद दिया तो छत पर टहलते दिखे। विष का कोई असर नहीं होता था उन पर। 280 वर्ष जीवित रहे। नदी के भीतर कई दिनों तक पैठ कर साधना की। रामकृष्ण परमहंस भी उनके भक्त थे।

व्याकरण के विद्वान, वेदों के ज्ञाता, धाराप्रवाह मधुर वाणी बोलने वाले, शुद्ध उच्चारण… जान लीजिए कैसे थे हमारे हनुमान जी, बॉलीवुड नहीं वाल्मीकि रामायण...

'वाक्यज्ञ' - अर्थात जो वाक्य के मर्म को समझता हो। वाणी ऐसी मधुर कि तलवार उठाया हुआ शत्रु भी झुक जाए। वेदों के ज्ञाता थे हनुमान जी। बिना अशुद्धि धाराप्रवाह बोलते थे। उच्चारण सटीक था, भाव-भंगिमा उनकी वाणी का साथ देती थी।

जब नहीं था इस्लाम तब भी होती थी अमरनाथ यात्रा, राजतरंगिणी से लेकर नीलमत पुराण तक में मौजूद हैं प्रमाण: वामपंथियों का गढ़ा है...

'राजतरंगिणी' हो या 'नीलमत पुराण', अमरनाथ महादेव की पूजा-अर्चना सदियों से होती आ रही है। 'बूटा मलिक ने इसे खोजा था' - ये नैरेटिव हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए बनाया गया।

हूरों से अप्सरा की तुलना, उनके लिए ‘सेक्स’ जैसी बातें: शोएब जमाई ने महाभारत और वेदों को लेकर बोला झूठ, जानिए असलियत

शोएब जमाई ने अप्सराओं की तुलना हूरों से कर दी। इस दौरान उसने कैसे हिन्दू शास्त्रों को बदनाम किया, वो देखिए। गलत बातें लिखी, गलत स्रोत दिए।

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