Thursday, May 16, 2024

धर्म और संस्कृति

‘कृष्ण प्रेम हैं, उनके साथ प्रेम में होने के अलावा कोई और रास्ता नहीं’: सदगुरु ने माँ यशोदा-श्रीकृष्ण के संबंधों पर दिया जवाब

अपने ट्वीट में सदगुरु ने कहा, “कृष्ण प्रेम हैं। वह प्रेम का अवतार हैं। उनके साथ प्रेम में होने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है।”

कृष्ण के लिए यशोदा का प्यार सिर्फ ‘माँ’ वाला नहीं था: सदगुरु के वायरल वीडियो पर ईशा फाउंडेशन का स्पष्टीकरण

वीडियो वायरल होने के बाद सदगुरु द्वारा संचालित ईशा फाउंडेशन ने पूरे मामले पर अपनी सफाई पेश की है। फाउंडेशन ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि सदगुरु द्वारा यशोदा और कृष्ण की बातचीत को बड़ी चालाकी से एडिट किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में बनेगा भगवान वेंकटेश्वर का भव्य मंदिर, TTD को 62 एकड़ जमीन लीज पर देने के प्रस्ताव पर लगी मुह​र

जम्मू-कश्मीर में भगवान वेंकटेश्वर के भव्य मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है। TTD को जमीन देने के प्रस्ताव पर प्रशासनिक परिषद ने मुहर लगा दी है।

इतिहास का वह दौर जब होली ईद-ए-गुलाबी या आब-ए-पाशी हो गई थी

मध्यकालीन भारतीय मंदिरों के भित्तिचित्रों और आकृतियों में होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए इसमें 17वीं शताब्दी की मेवाड़ की एक कलाकृति में महाराणा को अपने दरबारियों के साथ चित्रित किया गया है।

भारत की विविधता, संस्कृति, लोक कला, साहित्य को समेटती होली: हर राज्य में उल्लास का अलग है रंग

जहाँ ब्रजधाम में राधा और कृष्ण के होली खेलने के वर्णन मिलते हैं वहीं अवध में राम और सीता के जैसे होली खेलें रघुवीरा अवध में। राजस्थान के अजमेर शहर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गाई जाने वाली होली का विशेष रंग है।

होली के रंग में जीवन का उल्लास: होलिका, होलाका, धुलेंडी, धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन… हर नाम में छिपा है कुछ बहुत खास

आध्यात्मिक रूप से होलिका दहन का मकसद पुराने कपड़ों या वस्तुओं को जलाना ही नहीं है, बल्कि पिछले एक साल की यादों को जलाना है ताकि...

जशोरेश्वरी काली मंदिर में PM मोदी ने की पूजा, नवरात्रि में माँ काली के मेला के लिए भारत सरकार बनाएगी कम्युनिटी हॉल

PM मोदी बांग्लादेश के सतखिरा स्थित जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुँचे, यहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना की। इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।

बनारस की अड़भंगी चिता-भस्म होली: 11 तस्वीरों और 5 वीडियो से समझिए काशी की परंपरा, जहाँ मृत्यु भी है उत्सव

बनारस की होली भी बनारस के मिजाज के अनुसार ही अड़भंगी और निराली है। यह दुनिया का इकलौता शहर जहाँ अबीर, गुलाल के अलावा धधकती चिताओं के बीच चिता-भस्म से होली खेली जाती है।

काशी में क्यों खेली जाती है चिता-भस्म की होली, भूतभावन महादेव अब भी आते हैं महाश्मशान मणिकर्णिका?

बनारस की होली भी बनारस के मिजाज के अनुसार ही अड़भंगी है। दुनिया का इकलौता शहर जहाँ अबीर, गुलाल के अलावा धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली होती है।

हिन्दू मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति की मुहिम में सद्गुरु के साथ आए सहवाग, देश भर में अभियान चलाने की जरुरत

"कभी ये मंदिर था, भक्ति का, समर्पण का! अब ऐसा खंडहर है कि शराबियों और गंदगी फैलाने वालों के लिए भी सुरक्षित नहीं है। समय आ गया है कि तमिलनाडु के मंदिर मुक्त हों।"

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