सऊदी अरब द्वारा राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाने वाला जायेद मेडल सबसे बड़ा सिविल सम्मान है। अबुधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद ने पीएम मोदी के लिए इस सम्मान का ऐलान करते हुए भारतीय समाज की सहिष्णुता की भी सराहना की।
अमेरिका में बच्चों को साइबर क्राइम का शिकार होने से बचाने के लिए चिल्ड्रेन्स ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट के तहत एक कानून है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे ही कानून बनाने पर राय माँगी है। मीडिया को भी टिक-टॉक पर बने वीडियो का प्रसारण रोकने को कहा गया।
ख़बर मिज़ोरम की है। एक बच्चे से गलती से अपने पड़ोसी के चूजे पर साईकिल चढ़ जाती है। इस दौरान मासूम बच्चे को अपराधबोध का एहसास होता है और वो उसके इलाज के लिए अपने पास जमा पूरी पॉकेट मनी लेकर तुरंत अस्पताल पहुँच जाता है।
अब देखना ये है कि लोकसभा चुनाव तक ये पूरा गिरोह और कौन-कौन से रंग दिखाता है? कितना नीचे गिरता है? कौन-कौन सी संस्थाओं पर आरोप मढ़ता है? खुद जज बनकर फैसले सुना, उनका असर न होता देख क्या-क्या हरकत करता है? खैर, जनता तो इनके पूरे मजे लेने को तैयार है।
कोलकाता की गलियों में बड़े हो रहे निरहुआ के पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे। उनका बचपन कोलकाता की झुग्गियों में बीता लेकिन आज वो भोजपुरी सिनेमा के फलक का ध्रुवतारा हैं। अब निरहुआ ने भोजपुरी सिनेमा को अश्लीलता से मुक्त करने का संकल्प लिया है।
प्रदर्शनकारी गैलरी में बनी काँच की दीवार से सटकर खड़े थे और इनकी पीठ सांसदों की तरफ थी। इनकी छाती पर 'सबकी जिंदगी के लिए' (For All Life) जैसे नारे लिखे थे।
अपनी फिल्मों के प्रचार के लिए अनाप-शनाप बयान देने के लिए मशहूर आमिर खान ने कहा था कि देश का माहौल देखकर उन्हें लगने लगा है कि वो भारत से बाहर चले जाएँ। इसके अलावा, कुछ दिन पहले ही आलिया भट्ट की माँ और महेश भट्ट की पत्नी सोनी राजदान ने भी कहा था कि वह पाकिस्तान में ज्यादा खुश रहेंगी।
ईसाई 2010 के 216 करोड़ से बढ़कर 2050 में 290 करोड़ हो जाएँगे। वहीं हिन्दू 2010 में 103 करोड़ से 2050 में 138 करोड़ तक पहुँचेंगे। जबकि मुस्लिम 2010 में महज 159 करोड़ की जनसंख्या के मुकाबले 2050 में 276 करोड़ के आस-पास होंगे।
सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने 14 जांच अधिकारियों, 6 कानून अधिकारियों, 46 कार्यकारी और 46 कार्यकारी और मंत्रालयिक कर्मचारियों और 2 तकनीकी अधिकारियों को निदेशक सीबीआई के प्रशस्ति पत्र और उनके अनुकरणीय कार्य के लिए नकद पुरस्कार से सम्मानित किया है।
सोशल मीडिया पर अक्सर हम देखते हैं कि मोटिवेशनल कोट्स और पंक्तियों को किसी भी शायर या बड़े लेखक के नाम से 'वायरल' कर दिया जाता है। इस प्रचलन के सबसे बड़े शिकार अब तक सबसे ज्यादा गाँधी, ग़ालिब, रूमी और चाणक्य हुए हैं।