Thursday, April 25, 2024

विचार

घर में फैले टमाटर.. टूटी गाड़ियाँ.. नारेबाजी और हिंसा… कॉन्ग्रेस नेताओ, अब तो मुँह खोल कर बता दो असहिष्णु कौन?

नरेंद्र मोदी जब से गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तभी से उन्हें गालियाँ पड़ ही रही हैं। लेकिन, BJP कार्यकर्ताओं ने कॉन्ग्रेस नेताओं की गाड़ियाँ नहीं तोड़ीं। टमाटर नहीं फेंके।

साल भर सेक्युलरिज्म, दीवाली पर प्रदूषण: सरकारी आदेश जो ‘छठ’ पर निकलता है, ‘ईद’ पर फाइलों में बंद रहता है

हिंदू त्योहारों पर पर्यावरण विभाग के साथ नेता भी चौकन्ने हो जाते हैं और साल भर सेक्युलरिज्म को लेकर चिंतित नेताजी इन दिनों प्रदूषण को लेकर चिंतित रहते हैं।

जब नेहरू ने JRD टाटा से छीन लिया ‘एयर इंडिया’, नहीं सुनी उनकी बात: ₹70000 करोड़ के नुकसान की जिम्मेदार कॉन्ग्रेस?

JRD टाटा मानते थे कि नेहरू द्वारा विमान सेवा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण एक अच्छा फैसला नहीं है और इससे एक सटीक एयर ट्रांसपोर्ट सिस्टम का निर्माण नहीं होगा।

बदल गया भारत पर कॉन्ग्रेस अभी 1990 के दशक में, सत्ता की छटपटाहट के बीच सिब्बल के सवाल कितने प्रासंगिक

प्रश्न यह है कि पार्टी जिस स्थिति में पहुँची है उसके लिए क्या इस ग्रुप में शामिल नेता जिम्मेदार नहीं हैं? इन नेताओं का अपना जनाधार कैसा है?

दिल्ली के बच्चे तो पढ़ेंगे ही, पर CM केजरीवाल खुद कब पढ़ेंगे ‘देशभक्ति’ का पाठ

देशभक्ति पढ़ाने का प्रस्ताव या पाठ्यक्रम वो सरकार लाई है जिसकी अगुवाई करने वाले नेता ही समय आने पर खुलकर देशभक्ति का प्रदर्शन नहीं कर पाते।

कॉन्ग्रेस के युवराज का फैलाया रायता समेटने में लगे ‘पत्रकार’, क्योंकि पंजाब जाए भाड़ में राहुल गाँधी का ‘इकबाल’ बना रहे

पंजाब में गहराए राजनीतिक संकट के बीच मीडिया गिरोह राहुल गाँधी की छवि बचाने के लिए सीमावर्ती राज्य को लेकर व्यक्त की जा रही हर चिंता को सिरे से नकार रहा है।

मुख्य सचिव पर CHC की टिप्पणियाँ ममता और अफसरशाही पर चोट, इस पर ‘मीडिया गिरोह’ की चुप्पी में छिपी है गहरी साजिश

मुख्य सचिव के बारे में न्यायालय की इस टिप्पणी को मीडिया और विशलेषकों द्वारा जानबूझकर महत्वहीन बना देना शायद सेक्युलर रणनीति का अहम पहलू है।

कन्हैया कुमार की ‘डिमोशन’ और राहुल गाँधी की ‘प्रमोशन’ यात्रा: कॉन्ग्रेस का गटर ही जेएनयू के वामपंथ का किनारा

कन्हैया कुमार का कॉन्ग्रेस ज्वाइन करना आश्चर्य व्यक्त करने वाली घटना नहीं है। वर्तमान भारतीय राजनीति के सेक्युलर दलों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम चल रहा है।

अवैध कब्जे हटाने के लिए नैतिक बल जुटाना सरकारों और उनके नेतृत्व के लिए चुनौती: CM योगी और हिमंता ने पेश की मिसाल

तुष्टिकरण का परिणाम यह है कि देश के बहुत बड़े हिस्से पर अवैध कब्जा हो गया है और उसे हटाना केवल सरकारों के लिए कानून व्यवस्था की चुनौती नहीं बल्कि राष्ट्रीय सभ्यता के लिए भी चुनौती है।

यूपी में बहुसंख्यकों पर बेअसर राहुल-प्रियंका, वोटों की आस ले मुस्लिमों की शरण में कॉन्ग्रेस: क्या बचेगी लाज

प्रश्न यह है कि कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए उसकी यह रणनीति काफी होगी? ऐसा करने के साथ यही पार्टी बीजेपी पर यह आरोप लगाने की भी तैयारी कर रही होगी कि भाजपा चुनाव के मौके पर सांप्रदायिक राजनीति करती है।

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