Wednesday, November 27, 2024

राजनैतिक मुद्दे

हिंदुओं के जख्मों पर ‘खेला होबे’: बंगाल ने न डायरेक्ट एक्शन डे से सीखा, न गोपाल पाठा को याद रखा

क्या यह केवल संयोग की बात है कि खेला होबे दिवस मनाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 अगस्त को चुना?

क्यों जरूरी है विभाजन के दंश को याद करना, ‘योम हाशाह’ से सीखें हिन्दू: बाबरी का मातम मनाने वाले नहीं समझेंगे

कई देशों में 'National day of mourning', अर्थात शोक का दिवस मनाया जाता है। फिर भारत के हिन्दू/सिख अपने साथ हुई त्रासदी व इसके गुनहगारों को क्यों न याद करें?

अमृत काल में विश्व स्तरीय लक्ष्य: PM मोदी का उद्योग, व्यापार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विकसित देशों की बराबरी का संकल्प

लोकतांत्रिक व्यवस्था में आलोचना के लिए हमेशा स्थान रहेगा और परंपरा के अनुसार विपक्ष प्रधानमंत्री के भाषण को एक निरुत्साह वाला भाषण भी बता सकता है पर एक आम भारतीय के लिए उनका संबोधन आशा देता है और उसे प्रेरित भी करता है। 

चीनियों पर किसने किया अत्याचार- OK, भारतीयों पर क्या-क्या जुल्म हुए- NOT OK: खूनी इतिहास को पढ़ना इसलिए जरूरी

प्रधानमंत्री का आज का वक्तव्य हमें आशावान बनाता है कि हम भविष्य में दशकों से प्रोपेगेंडा का हिस्सा रहीं कई और स्थापित धारणाओं और मान्यताओं को ध्वस्त होते हुए देखेंगे। 

अफगानिस्तान में इस्लामी सत्ता की मज़हबी लड़ाई! तालिबान पर बगले झाँकते वैश्विक समुदाय को ये चुप्पी भारी पड़ेगी

जब सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश सुधारों का जोखिम उठा सकते हैं तो पूरी दुनियाँ को सभ्यता सिखाने वाले पश्चिमी देश अफगानिस्तान से आँखें मूँदकर कैसे भाग सकते हैं?

असम में अवैध बांग्लादेशी बदल रहे डेमोग्राफी: जनसंख्या नियंत्रण, गौमांस की बिक्री सहित कई समस्याओं से जूझते हिमंत बिस्वा सरमा

यह दीर्घकालीन लोकतंत्र के हित में है कि अवैध रूप से देश में घुसने और रहने वाले विदेशी नागरिकों की वजह से लगातार बदल रही डेमोग्राफी के संभावित परिणामों पर न केवल बहस हो बल्कि इसे रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाएँ।

‘हनुमान चालीसा’ पढ़ने वाले केजरीवाल क्यों डरते हैं हिंदू शरणार्थियों की मदद से? किसका वोट बैंक खिसकने का है खौफ?

चुनाव के समय केजरीवाल हनुमान चालीसा पढ़ते हुए दावा कर रहे थे कि वो असल हिंदू हितैषी हैं, सरकार बनाने के बाद हिंदू हितों की बात पता नहीं कहाँ?

नए दलदल में ‘हाथी’, विप्रों को साधने में बिदके बसपा के मुस्लिम नेता: क्या मायावती के लिए फिर से शंख बजाएँगे ‘ब्राह्मण’

बसपा एक बार ब्राह्मणों को सफलतापूर्वक अपने साथ लाने में कामयाब हुई थी। वह उसी सफलता को दोहराना चाहती है, पर ऐसा करना उसके लिए आसान होगा?

इस्लामी आक्रांताओं की पोल खुली, सेक्युलर भी बोले ‘जय श्री राम’: राम मंदिर से ऐसे बदली भारत की राजनीतिक-सामाजिक संरचना

राम मंदिर के निर्माण से भारत के राजनीतिक व सामाजिक परिदृश्य में आए बदलावों को समझिए। ये एक इमारत नहीं बन रही है, ये देश की संस्कृति का प्रतीक है। वो प्रतीक, जो बताता है कि मुग़ल एक क्रूर आक्रांता था। वो प्रतीक, जो हमें काशी-मथुरा की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देता है।

अ शिगूफा अ डे, मेक्स द सीएम हैप्पी एंड गे: केजरीवाल सरकार का घोषणा प्रधान राजनीतिक दर्शन

अ शिगूफा अ डे, मेक्स द CM हैप्पी एंड गे, एक अंग्रेजी कहावत की इस पैरोडी में केजरीवाल के राजनीतिक दर्शन को एक वाक्य में समेट देने की क्षमता है।

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