Wednesday, June 26, 2024

राजनैतिक मुद्दे

रक्षा के आत्मनिर्भर मोर्चे पर ‘108 कदम’ और चली मोदी सरकार, UPA जमाने में गोला-बारूद का भी था टोटा

देश दो वर्षों से महामारी की चपेट में है और यह सोचकर ही सिहरन हो जाती है कि अगर गलती से कॉन्ग्रेस और उसके लगुए-भगुए शासन में रहते तो क्या होता?

अब किस कठघरे में होगा सेंट्रल विस्टा… क्योंकि प्रोपेगेंडा ही उनकी फितरत

दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी सेंट्रल विस्टा पर टूलकिटी प्रोपेगेंडा बंद होगा, इसकी संभावना कम है।

…तो ट्विटर देश के भी PM नहीं रहेंगे राहुल गाँधी, ट्रेंड में अब पटक ना दें बंगाली दीदी

आज ट्विटर पर एक ट्रेंड चला #BengaliPrimeMinister जिसमें ट्वीट के जरिए ममता बनर्जी को 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने को लेकर ट्वीट देखे गए।

कश्मीर वाली ‘आग’ में अब लक्षद्वीप को झुलसाने की चाल, क्योंकि नेहरू सब बुझते थे-मोदी को कुछ पता नहीं

कश्मीर और लक्षद्वीप में समानता वह मजहबी सोच है जो चाहती है कि उनके अलावा कोई और न रहे।

न तेल, न तेल की धार, फिर यूपी की सियासी खेत में कितना दौड़ेगा ‘किसान आंदोलन’ का ट्रैक्टर

किसान आंदोलन के नेताओं ने एक बार फिर से गोल पोस्ट उठाकर दूसरी जगह रख दिया है। इससे उनका कितना भला हो पाएगा?

बांग्लादेशी अब मजदूरी नहीं रेप करते हैं: असम-बंगाल से निकल ये पूरे देश में फैल गए… लोग NRC पर चर्चा कर रहे

जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो जो लोग कल तक केवल बंगाल की राजनीति प्रभावित करते थे, आज बिहार-झारखंड को कर रहे, वही लोग कल...

जेल में चूहा नेहरू के लिए ‘टॉर्चर’, झाड़ू लगा और अंग्रेजी बॉन्ड भर सिर्फ 12 दिन में निकले: सावरकर ने 15 साल झेली प्रताड़ना

नेहरू ने अपनी आत्मकथा में भी नाभा की 'प्रताड़ना' का जिक्र किया है - कमरे की ऊँचाई कम थी, वहाँ एक चूहा था, जमीन पर सोना होता था और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं थी।

वैश्विक महामारी के दौर में और मजबूती से सामने आया ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का भारतीय दर्शन

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को पराजित किया जा सकता है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हर कोई वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को आत्मसात करे।

महात्मा गाँधी की हत्या के लिए सजा क्यों नहीं? गोडसे ने कोर्ट को क्या तर्क दिए? मुकदमे से संबंधित दस्तावेज पढ़ने पर रोक क्यों?

जब गोडसे को पूर्वी पंजाब हाईकोर्ट से सजा मिली तो अपने खिलाफ मुक़दमे और दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील का अधिकार क्यों नहीं दिया गया?

बुद्धिजीवी, प्रोपगेंडाजीवी, आन्दोलनजीवी… इकोसिस्टम ने खोले सारे ‘घोड़े’, फिर भी PM मोदी अडिग

कोई राहुल गाँधी इस बात के सहारे नहीं नहीं बैठ सकता कि कोई रवीश कुमार रोज फेसबुक पोस्ट लिखकर उसे सत्ता दिला सकता है। कोई रवीश कुमार इस सोच के सहारे नहीं बैठ सकता कि......

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