पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से उन्होंने राजनीतिक सरगर्मियों के केंद्र में खुद को रखा है, उसे देखते हुए लगता है जैसे उत्तर प्रदेश में चुनाव का बिगुल फूँक दिया गया है।
मैं कई ऐसे RSS के सदस्यों को जानता हूँ जिन्होंने सिर्फ इसी कारण से आरएसएस को छोड़ दिया क्योंकि उन्हें लगता है कि आरएसएस बदलाव लाने के प्रति कुछ ज्यादा ही नरम है।
पाकिस्तानी सेना, इस्लामी कट्टरवाद और आतंक की दूकान चलने वालों का धंधा अब मंदा पड़ने लगा है। आतंक की इसी बुझती हुई आग को हवा देने की कोशिश थे जम्मू के ये ड्रोन हमले।