"मेरी कॉन्ग्रेस में जाने की कोई इच्छा नहीं है। मैं कॉन्ग्रेस के लिए प्रचार नहीं करुँगी और मेरी राज बब्बर से कोई मुलाकात नहीं हुई है। मीडिया में जो तस्वीरें चल रही हैं, वो बहुत पुरानी हैं।"
सीएम योगी ने लिखा, “हमारी सरकार जब से सत्ता में आई है हमने लंबित 57,800 करोड़ रुपए का गन्ना बकाया भुगतान किया है। ये रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था।”
"वैसे भी लगभग हर कोई आजकल पी ही रहा है। पर लोग नकली शराब पी रहे हैं और अपने स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहे हैं। मैं पुडुचेरी से उच्च गुणवत्ता वाली शुद्ध शराब लाकर लोगों में वितरित कराऊँगा।"
अमेठी में राहुल गाँधी के द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए कार्य और स्मृति ईरानी के पिछले 4 वर्षों में किए गए कार्यों की तुलना कीजिए - सब स्पष्ट हो जाएगा। स्पष्ट यह भी हो जाएगा कि 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गाँधी पीछे चल रहे हैं जबकि स्मृति ईरानी लीड ले रही हैं।
महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण का एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें वो पार्टी से इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं। मामला खुल जाने के बाद अब बेचारे इसे निजी बातचीत कह कर पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं।
किसानों और मजदूर संगठनों पर मजबूत पकड़ रमेंद्र सिंह राठौड़ के पक्ष में नजर आती दिख रही है। किसान और मजदूर संघर्ष समिति द्वारा चलाए गए आंदोलनों में भी राठौड़ सक्रिय भूमिका में रहे। इस कारण करीब 50,000 मजदूर और डेढ़ लाख किसानों को मिलाकर लगभग 2 लाख मतदाताओं तक इनकी सीधी पकड़ के कारण विरोधियों के लिए इनसे जीत पाना आसान नहीं होगा।
इससे पहले भी राहुल गाँधी ऐसे हवाई वादे कर चुके हैं। इधर से आलू डालिये उधर सोना निकलेगा टाइप। पता नहीं राहुल गाँधी खुद नहीं समझ पा रहे या जानबूझकर ऐसे हवाई वादे कर रहे हैं, जिसके पूरा होने की संभावना शुरू से ही नहीं दिख रही।
रचनात्मकता की सभी हदें पार करते हुए राहुल गाँधी की इस पारिवारिक पार्टी के सदस्यों को उनसे ये रिक्वेस्ट करते हुए भी दिखाया गया है कि राहुल गाँधी को इस बार अमेठी नहीं, बल्कि केरल की किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।