पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रभारी आशा कुमारी ने खुद पूर्व प्रधानमंत्री से क़रीब आधे घंटे तक मुलाकात की और आग्रह किया कि मनमोहन सिंह इस बार अमृतसर से चुनाव लड़ें।
भौगोलिक परिस्थितियाँ, जनसंख्या, सुरक्षा बलों के आवागमन, अशांत अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ व विभिन्न हिंसक संगठनों के कारण भारत में एक चरण में चुनाव संपन्न कराना संभव नहीं है। चुनावों के दौरान सुरक्षा बलों के जवान बस और ट्रेन से आवागमन करते हैं।
प्रशांत किशोर भले ही चुनावी रणनीति बनाने में सफल रहे हों, लेकिन राजनीति उनके लिए आसान नहीं। अभी हाल ही में आए उनके बयानों के बाद प्रशांत किशोर पार्टी में 'अकेले' पड़ते नजर आ रहे हैं।
जब-जब चुनावों का मौसम आता है, 'आदर्श आचार संहिता' चर्चा में आ जाती है। आज शाम 5 बजे आम चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। यहाँ जानिए क्या है ये और क्या होंगे इसके प्रभाव। साथ ही जानें इसका इतिहास।
देश के किसी भी विश्वविद्यालय में किसी भी आमूल चूल बदलाव को फासीवाद का नाम देने वाले कांग्रेस और वामदलों ने एफटीआईआई के पूर्व चेयरमैन गजेंद्र सिंह चौहान का विरोध इतने निचले स्तर पर आकर किया था कि आखिरकार उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया।
अब शायद ही कोई गठबंधन से पूछे कि कहाँ गई समानता की बात? क्या केरल में पिछड़ों को आगे बढ़ाने की बात LDF भूल गई। यह सिद्धांत उसे केवल दूसरी पार्टियों के सन्दर्भ में ही नज़र आता है।
कॉन्ग्रेस प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा, “पार्टी के कार्यकर्ता भी चाहते थे कि कॉन्ग्रेस इस तरह की बयानबाजी न करे।
आम लोग चाह रहे थे कि पूरे देश के लोगों को सेना के साथ खड़ा रहना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश कॉन्ग्रेस जैसे भी हो, कहीं न कहीं गलत कदम उठा रही थी। सेना का मनोबल तोड़ने का काम कर रही थी।”