लुधियाना के अंकुजा आनंद नगर की रहने वाली एकता लव जिहाद में मारी गई। उसे मारने वाले शाकिब (Shakib) ने अमन बनकर उसे प्रेमजाल में फँसाया। करीब छह माह प्यार का नाटक किया। उसके बाद दौराला के लोइया गाँव में लाकर स्वजनों के साथ मिलकर एकता को मौत के घाट उतार दिया।
लेकिन क्या इस घटना में हत्यारोपित शाकिब पुलिस एनकाउंटर में मारा गया?
हिन्दुस्तान टाइम्स, ट्रिब्यून इंडिया से लेकर अन्य बड़े मीडिया संस्थानों ने शाकिब (Shakib) की मौत को लेकर खबर प्रकाशित की हैं। द ट्रिब्यून (The Tribune) ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि शाकिब की पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में उसे गोलियाँ लगीं और अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार (जून 02, 2020) को अस्पताल में साकिब की मौत हो गई।
यही नहीं, ट्रिब्यून ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से लिखा है कि एसएसपी ने खुद उन्हें बताया कि एकता की हत्या में आरोपित शाकिब की मौत हो गई है और इस मुठभेड़ में घायल कॉन्स्टेबल का भी इलाज चल रहा है।
‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ ने भी 04 जून को प्रकाशित रिपोर्ट में शाकिब के अस्पताल में मौत की खबर का जिक्र किया है।
सोशल मीडिया पर हिन्दुस्तान टाइम्स और ट्रिब्यून की इन दो रिपोर्ट्स के आधार पर ही बड़ी मात्रा में लोग इसे ‘हैदराबाद मॉडल’ कहते हुए शेयर कर रहे हैं।
क्या है शाकिब की मौत की हकीकत
वास्तव में, एकता की हत्या में आरोपित शाकिब की अस्पताल में मौत की खबर एकदम बेबुनियाद हैं और उसका अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
एकता के मामा से जब ऑपइंडिया ने इस बारे में बात की तो उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा-
“हमने भी मीडिया में शाकिब की मौत की ख़बरें देखीं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। उसे गोली से जख्म लगा है, और उसे छूकर गोली निकली थी और उसे ज्यादा जख्म नहीं हुए थे। उसे 4 गोलियाँ हाथ और पैर में लगी हैं, लेकिन उसकी मौत की खबर सिर्फ अफवाह हैं और मीडिया ने अपने अनुमान से कही हैं। वो गोलियों से सिर्फ घायल हुआ था और शाकिब अभी जेल में है। यदि ऐसा होता तो हमें सबसे पहले खबर होती।”
मेरठ ‘लव जिहाद’ केस के विवेचना अधिकारी एमपी सिंह से जब ऑपइंडिया ने सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि शाकिब की मौत नहीं हुई और वो अभी जेल में है। मेरठ के क्राइम रिपोर्टर ने भी विवेचना अधिकारी की बात को ही दोहराते हुए बताया कि शाकिब की मौत की खबर समाचार एजेंसी पीटीआई की गलती के कारण हुआ है और जो भी समाचार स्रोत उसकी मौत की खबर प्रकाशित कर रहे हैं, वह पीटीआई की खबर को ही आधार बनाकर इसे प्रकाशित कर रहे हैं जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है और शाकिब की मौत की खबर सिर्फ अफवाह है।
शाकीब की मौत की अफवाह फैलाने के प्रथम दोषी पीटीआई को बताते हुए एसएसपी ने यहाँ तक कहा है कि वो उन्हें तलाश रहे हैं और उन्हें नोटिस भेजने की भी तैयारी कर रहे हैं।
(नोट- ऑपइंडिया के पास इन सभी बातचीत का ऑडियो सुरक्षित है)
गिरफ़्तारी के बाद भी शाकिब ने की थी भागने की कोशिश
पुलिस ने बताया कि सोमवार (जून 1, 2020) को जब शाकिब को हत्या की जगह पर ले जाया जाने लगा, तो उसने एक कॉन्स्टेबल की पिस्टल छीनी और रास्ते में पुलिस पर फायरिंग करके भागने की कोशिश की। जवाबी फायरिंग में इस शातिर को गोली लगी। साथ ही एक कॉन्स्टेबल को भी गोली लगी है। शाकिब के पैर में चार गोली लगने के बाद पुलिस उसका अस्पताल में उपचार करा रही है, जबकि उसकी दोनों भाभी रेशमा और इस्मत को जिला जेल भेज दिया गया। मुसर्रत, अयान और मुस्तकीम को अस्थाई जेल में भेजा गया। उनके क्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद जिला जेल भेजा जाएगा।