Sunday, May 18, 2025
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मोदी सरकार ने चुपके से हटा दी कोरोना वॉरियर्स को मिलने वाली ₹50 लाख की बीमा: लिबरल मीडिया के दावों में कितना दम

पिछले साल केंद्र सरकार ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि इससे 22 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को फायदा मिलेगा। इसमें सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉयज, आशा कर्मचारी, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य के कार्य में लगे टेक्निशियंस, डॉक्टर्स और स्पेशलिस्ट सहित सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को कवर किया गया था।

सोशल मीडिया में मीडिया रिपोर्टों के हवाले से अफवाह फैलाई जा रही है कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने चुपचाप स्वास्थ्यकर्मियों को मिलने वाले बीमा वापस ले ली है। ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ ने ये प्रोपेगेंडा फैलाया, जिसे ‘द हिन्दू’ की निस्तुला हेब्बर ने आगे बढ़ाया। इस खबर में दावा किया गया है कि कोरोना की ड्यूटी के दौरान मरने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 50 लाख की बीमा योजना केंद्र सरकार ने वापस ले ली है। ‘द न्यूज मिनट’ ने भी इस खबर को आगे बढ़ाया।

जबकि सच्चाई कुछ और है। असल में केंद्र सरकार ने मार्च 2020 में ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज’ का ऐलान किया था, जिसकी अवधि अप्रैल 24, 2021 तक 3 बार बढ़ाई गई। इसके जरिए स्वास्थ्यकर्मियों को एक सुरक्षा कवच प्रदान किया गया गया, अगर कोरोना की ड्यूटी के दौरान उनके साथ कुछ गड़बड़ होती है तो सरकार ने उनके परिवार के लिए ये व्यवस्था की थी। PMKGP के तहत ही 50 लाख का बीमा कवर का प्रावधान था।

जिन्होंने भी अब तक कोरोना की ड्यूटी के दौरान अपनी जान गँवाई थी, उनके परिजनों को ये रकम बीमा मुआवजा के रूप में प्रदान की गई। इंश्योरेंस कंपनी ने अब तक इसके तहत 287 क्लेम का भुगतान किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस योजना ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लगे स्वास्थ्यकर्मियों के मनोबल को मजबूत करने में मनोवैज्ञानिक रूप से एक बड़ी भूमिका निभाई है। अप्रैल 24 तक इसके सभी क्लेम सेटल कर लिए जाएँगे।

इसके बाद मंत्रालय ने जो कहा, उसे ही मीडिया संस्थानों ने गलत तरीके से पेश किया। असल में अप्रैल 24, 2021 के बाद कोरोना वॉरियर्स के लिए एक नई व्यवस्था आने वाली है, जिसके तहत उन्हें सहायता मिलेगी। इसके लिए मंत्रालय ‘न्यू इंडिया इंश्योरेंस’ नामक एक कंपनी के साथ बातचीत भी कर रही है। अब नई और बेहतर व्यवस्था आएगी तो स्पष्ट है कि पुरानी वाली हटेगी, जिसे लेकर मीडिया अफवाह फैला रहा है।

पिछले साल केंद्र सरकार ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि इससे 22 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को फायदा मिलेगा। इसमें सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉयज, आशा कर्मचारी, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य के कार्य में लगे टेक्निशियंस, डॉक्टर्स और स्पेशलिस्ट सहित सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को कवर किया गया था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि कोरोना से अब तक 739 MBBS डॉक्टरों की जान गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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