Tuesday, April 30, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकमीडिया फ़ैक्ट चेकPIB ने प्रोपेगेंडा पोर्टल 'द वायर' की खबर के दावे को बताया फर्जी: Fact...

PIB ने प्रोपेगेंडा पोर्टल ‘द वायर’ की खबर के दावे को बताया फर्जी: Fact Check में खुली पोल, जानें क्या है मामला

इस खबर में कहा गया था कि एमआईबी ने आईटी नियमों के तहत स्व-नियामक निकाय के लिए एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया है। अब इस पर सरकार की ओर से सफाई आई है। पीआईबी ने द वायर के इस दावे को गलत बताया है।

वामपंथी समाचर पोर्टल ‘द वायर’ ने हाल ही में सरकार के द्वारा बनाए गए नए आईटी नियमों को लेकर एक खबर छापी थी। इस खबर में कहा गया था कि एमआईबी ने आईटी नियमों के तहत स्व-नियामक निकाय के लिए एक रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया है। अब इस पर सरकार की ओर से सफाई आई है। पीआईबी ने द वायर के इस दावे को गलत बताया है।

द वायर की खबर पर पीआईबी की फैक्ट चेक विंग ने ट्वीट कर इस दावे को फर्जी बताया है। उनका कहना है कि इस निकाय का गठन पब्लिशर्स द्वारा किया जाएगा। इसे ना तो एमआईबी और ना ही एमआईबी द्वारा बनाए गए पैनल से गठित किया जा सकता है। इसका नेतृत्व सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट / हाईकोर्ट का न्यायाधीश या एक प्रतिष्ठित व्यक्ति कर सकता है। पीआईबी ने द वायर की खबर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है।

पहले भी वायर का रहा है फेक न्यूज़ फैलाने का लम्बा इतिहास:

गौरतलब है कि बीते दिनों खराब वेंटिलेटर्स को लेकर अहमदाबाद चर्चा का विषय रहा था। इसके बाद ‘द वायर’ की पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस मामले पर एक रिपोर्ट लिखी। रिपोर्ट का लब्बोलुआब ये था कि खराब वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनी के प्रमोटर भाजपा नेताओं के करीबी हैं।

रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया था कि गुजरात सरकार ने जिस कंपनी द्वारा ‘दस दिनों’ में कोविड मरीज़ों के लिए वेंटिलेटर्स बनाने का दावा किया था, उसके राज्य के डॉक्टरों ने मानकों पर खरा न उतरने की बात कही है। यह भी दावा किया गया था कि इस कंपनी के प्रमोटर्स उसी उद्योगपति परिवार से जुड़े हैं, जिन्होंने साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनका नाम लिखा सूट तोहफ़े में दिया था।

रिपोर्ट के संज्ञान में आने के बाद पीआईबी ने फैक्ट चेक किया। पीआईबी ने पत्रकार रोहिणी सिंह के इस दावे को खारिज किया था कि अहमदाबाद सिविल अस्पताल में खराब पाए गए वेंटिलेटर घटिया और खरीदे गए थे। पीआईबी ने बताया कि गुजरात सरकार के अनुसार, जिन वेंटिलेटर्स को खराब बताया गया, वो खरीदे नहीं गए थे। असल में ये दान में दिए गए थे, जो आवश्यक चिकित्सा मानकों पर खरे उतरते थे।

वहीं द वायर ने झूठ फैलाया था कि कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के पास दर्ज शिकायतों में 8 गुना वृद्धि देखी गई। प्रोपेगेंडा पोर्टल की रिपोर्ट में परोसे गए झूठ की पोल खुद पीआईबी ने फैक्ट चेक कर खोल दी थी। पीआईबी फैक्ट चेक की ट्वीट में कहा गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने शिकायत में 8 गुना वृद्धि को स्पष्ट रूप से नकार दिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

T20 क्रिकेट विश्वकप के लिए भारतीय टीम घोषित: फिनिशर और मजबूत मिडिल ऑर्डर के बिना जीतेंगे कप? इस टीम से आपको कितनी उम्मीदें?

बीसीसीआई ने रोहित शर्मा की अगुवाई में 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की है, जिसकी उप-कप्तानी की जिम्मेदारी हार्दिक पांड्या को दी गई है।

भक्तों से चढ़ावा लेने पर तमिलनाडु पुलिस ने 4 पुजारियों को किया गिरफ्तार: जानिए अंग्रेजों का काला कानून हिंदुओं को कैसे कर रहा प्रताड़ित

तमिलनाडु के एक मंदिर के चार पुजारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने भक्तों द्वारा चढ़ाए गए पैसे को अपने घर ले गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -