कुछ दिनों पहले गंगा में क्षत-विक्षत शव मिलने की खबरें आई। जिसके आधार पर योगी सरकार को घेरने की कोशिश की गई। इसमें कहा गया कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गंगा नदी के किनारे दो स्थानों पर कई शव रेत में दबे पाए गए। यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किए गए। जो कि फर्जी पाए गए हैं।
एनडीटीवी, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टीवी, डीएनए और ज़ी न्यूज़ जैसे कई मेनस्ट्रीम मीडिया हाउस ने भी इसकी रिपोर्टिंग की।
रायबरेली एडीएम ने वायरल वीडियो को बताया ‘भ्रामक’
हालाँकि, उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में प्रशासन ने पुष्टि की है कि गेगासो गंगा घाट पर रेत में दबे शवों को दिखाने वाला वायरल वीडियो वास्तव में ‘भ्रामक और फर्जी’ है। एएनआई ने रायबरेली के एडीएम (ई) राम अभिलाष के हवाले से बताया कि एडीएम (लालगंज) ने सीईओ, स्थानीय पुलिस और एसएचओ के साथ घाट का निरीक्षण किया, लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला। राम अभिलाष ने शवों को रेत में दबा दिखाए जाने वाले वायरल वीडियो को खारिज करते हुए कहा, “गलत सूचना फैलाई जा रही है।”
Misinformation is being spread. ADM (Lalganj) along with CEO, Police & SHO inspected the ghat but didn’t find anything such as such: Raebareli ADM (E) Ram Abhilash on a viral video showing many bodies buried in the sand at Gegaso ghat pic.twitter.com/tScBaNywdN
— ANI UP (@ANINewsUP) May 14, 2021
पानी में तैरती लाशों की पुरानी तस्वीरें वर्तमान का बता शेयर की जा रही
इसी तरह, गंगा में तैरते हुए 100 अज्ञात और क्षत-विक्षत शवों की रिपोर्ट आने के बाद, गंगा नदी में तैरती लाशों की दो अलग-अलग तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। तस्वीरों में से एक में कुत्तों को पानी में तैरते हुए कई विघटित शरीरों को चाटते हुए दिखाया गया है।
आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार गुप्ता ने अपने फेसबुक पेज पर तस्वीर साझा की। पोस्ट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
इसी तरह के दावे के साथ वायरल होने वाली एक अन्य तस्वीर में तैरते हुए शवों के ऊपर गिद्ध और कौवे उड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
ये दोनों तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और कई यूजर्स ने इन्हें हाल की घटना बताकर शेयर किया। हालाँकि, इन दोनों तस्वीरों को अभी का बता कर शेयर किया जा रहा है, लेकिन यह वास्तव में 2015 की हैं।
पहली तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि यह तस्वीर स्टॉक फोटो वेबसाइट गेटी इमेजेज पर 14 जनवरी 2015 को अपलोड की गई थी।
नदी के पास इधर-उधर उड़ते गिद्धों और कौवे की दूसरी तस्वीर भी इसी घटना की है। गेटी इमेजेज की इस तस्वीर में यह भी कहा गया है कि यह 14 जनवरी, 2015 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव में परियार घाट पर ली गई थी।
2015 में, एएनआई ने भी इसी तस्वीर को एक कैप्शन के साथ ट्वीट किया था, जिसमें लिखा गया था, “उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में गंगा नदी और उसके किनारे में सैकड़ों शव तैर रहे हैं।”
Scores of dead bodies float in river Ganga and its bank in Uttar Pradesh’s Unnao district pic.twitter.com/ZLEVe6F3ZB
— ANI (@ANI) January 13, 2015
सर्च करने पर पता चला कि द इंडियन एक्सप्रेस और एनडीटीवी जैसे कई मीडिया हाउसों ने 14 जनवरी 2015 को इस घटना की रिपोर्टिंग की थी।
मलयालम भाषा के समाचार चैनल एशियानेट न्यूज नेटवर्क, जिसने भी एक तस्वीर साझा की, ने यह जानने के बाद माफी माँगी कि यह तस्वीर 2015 की है।
This is an error that shouldn’t have happened .
— Asianet News (@AsianetNewsML) May 14, 2021
The photograph was removed from the gallery once it was pointed out. We are extremely sorry for the error.
गंगा में शव मिले थे, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर हाल की नहीं
तो अब यह पर्याप्त रूप से स्पष्ट है, कि हालाँकि पिछले एक सप्ताह में गंगा से कई शव बरामद किए गए हैं, लेकिन नदी में शवों के आसपास इकट्ठा होने वाले कुत्तों और कौवे की ये वायरल तस्वीरें 2015 की हैं और रायबरेली प्रशासन के अनुसार, वायरल तस्वीरें गेगासो घाट पर रेत में दबे कई शवों को दिखाने वाला वीडियो भी भ्रामक और फर्जी है।