मोदी सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाकर दिन की शुरुआत करने वाले मीडिया गिरोह और राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद भी अपने प्रोपेगेंडा में मशगूल हैं। आज सुबह से ही पूर्व सैनिकों द्वारा लिखित एक कथित चिट्ठी भी मीडिया एवं सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एक एक ओर जहाँ चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर दूसरी गतिविधि को चुनावी स्टंट बताने वालों की शिकायत पर तुरंत प्रतिक्रिया दे देता है, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार की ख़बरें अपना मकसद पूरा कर के चुपचाप दबा दी जाती हैं।
सरकार द्वारा सेना के राजनीतिकरण के विरोध में चिठ्ठी लिखने की है अफवाह
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सेना के राजनीतिकरण के खिलाफ चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में यह शिकायत की गई है कि सत्ताधारी दल सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय ले रही है। साथ ही, सेना को मोदी जी की सेना के तौर पर बताया जा रहा है।
मोदी सरकार के विरोध में होने के कारण इस अफवाह को NDTV से लेकर जनसत्ता जैसे लगभग सभी प्रमुख मीडिया चैनल्स ने तत्परता से प्रकाशित किया है। इसमें दावा किया गया है कि चुनाव प्रचार के दौरान सेना और सैनिकों की वर्दी का इस्तेमाल करने पर कई सैन्य अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की है और पूर्व सेना प्रमुख एस एफ रोड्रिग्स और शंकर राय चौधरी समेत करीब 156 पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इसको लेकर चिट्ठी लिखी है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस चिट्ठी को लिखने वालों में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के पूर्व प्रमुख भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि पत्र राष्ट्रपति के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी भेजा गया है।
क्या है सच्चाई?
इस खबर के वायरल होने के बाद राष्ट्रपति भवन ने खंडन करते हुए इस प्रकार के किसी भी पत्र के मिलने की खबरों से इंकार कर दिया है। राष्ट्रपति भवन ने स्पष्ट किया है कि तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा लिखी गई कोई चिट्ठी उन्हें नहीं मिली है, जो मीडिया में चल रहा है।
Rashtrapati Bhavan Source denies receiving any letter supposedly written by armed forces veterans to the President which is circulating in the media. pic.twitter.com/rOWedMumsk
— ANI (@ANI) April 12, 2019
राष्ट्रपति को भेजी गई चिठ्ठी पर जिन लोगों के हस्ताक्षर बताए गए हैं, उनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) एसएफ रोड्रिग्स, जनरल (सेवानिवृत्त) शंकर राय चौधरी और जनरल (सेवानिवृत्त) दीपक कपूर, भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एन सी सूरी शामिल हैं। इसके अलावा पत्र लिखने वालों में 8 पूर्व चीफ आफ स्टॉफ के भी नाम हैं।
जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने बताया कि उनके नाम पर अफवाह फैलाई जा रही है
वहीं दूसरी ओर, पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में अपना नाम शामिल होने की खबर का जनरल एसएफ रोड्रिग्स ने खंडन किया है। उन्होंने कहा कि वो अराजनीतिक व्यक्ति, पता नहीं कौन यह झूठ फैला रहा है। उन्होंने बताया कि अपने जीवनभर वो राजनीति से दूर रहे हैं और सेवानिवृत्ति के 42 वर्ष बाद अपने निर्णय को बदलने के लिए बहुत देर हो चुकी है।
Gen SF Rodrigues: Don’t know what it(purported letter written by armed forces veterans to Pres)is all about.All my life,we’ve been apolitical.Aftr,42 yrs as officer,it’s a little late to change.Always put India first.Don’t know who these ppl are,classic manifestation of fake news pic.twitter.com/Cgpo57sVhq
— ANI (@ANI) April 12, 2019
इसके अलावा एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने इस तरह के किसी भी खत को लिखने से इनकार किया है। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में एयर चीफ मार्शल एनसी ने कहा है, “मैं उस पत्र में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे सहमत नहीं हूँ।”
Air Chief Marshal NC Suri to ANI: This is not Admiral Ramdas’ letter (purported letter written by armed forces veterans to President) & it has been done by some Major Chaudhary. He has written this & it was coming on WhatsApp & emails. 1/2 pic.twitter.com/hWeg3apB4M
— ANI (@ANI) April 12, 2019
मोदी सरकार के दौरान पिछले 4-5 सालों में अक्सर देखा गया है कि कॉन्ग्रेस ने सरकारी संस्थाओं और पूर्व पदाधिकारियों को ढाल बनाकर जनता के सामने हर बार झूठे तथ्य पेश कर जनता को गुमराह करने के अथक प्रयास किए हैं। इस प्रोपेगैंडा के कारोबार में मीडिया गिरोहों ने भी इनका खूब साथ दिया है। हमने देखा है कि वास्तविक तथ्यों से परे, राफेल डील से लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक पर मीडिया गिरोहों ने हर रोज सरकार और संस्थाओं को अपमानित करने का प्रयास कर उनका समय बर्बाद किया है।
पूर्व सैनिकों के नाम पर सरकार को के खिलाफ भड़काने जैसी झूठी अफवाहों पर क्या यही मीडिया गिरोह और कॉन्ग्रेस दल स्वीकार करेगा कि सेना का इस्तेमाल और सेना का राजनीतिकरण मोदी सरकार नहीं बल्कि वो स्वयं कर रहे हैं?
कॉन्ग्रेस से लेकर मीडिया गिरोहों ने इस कथित पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
INC COMMUNIQUE
— INC Sandesh (@INCSandesh) April 12, 2019
Press statement by @priyankac19, Convenor- Communications and National Spokesperson, on the letter written to the President of India by veterans of Armed Forces. pic.twitter.com/bf8ecIltxK
ट्विटर यूजर्स ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह सत्ता और ताकत पाने के लिए की जाने वाली सबसे खतरनाक हरकतों में से एक है। कॉन्ग्रेस और राहुल गाँधी देश के लिए शर्मिंदगी से ज्यादा और कुछ नहीं हैं।
This is probably the most derogatory thing a party can do for power. Shame on you @INCIndia and @RahulGandhi. You people are disgrace to India.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) April 12, 2019
कॉन्ग्रेस के साथ ही मीडिया गिरोह के कुछ निष्पक्ष पत्रकारों ने भी इस खबर को ‘महत्वपूर्ण’ बताते हुए ट्वीट किया है।
This is SO Important. https://t.co/P7EDHMqidi
— barkha dutt (@BDUTT) April 11, 2019
Modi may try to use soldiers for votes, but it’s clear that soldiers stand with India and not the BJP.
— Congress (@INCIndia) April 12, 2019
156 Veterans of the Indian Armed Forces including 8 former Chiefs of Staff write to the President of India urging him to act against Modi for trying to use soldiers for votes. https://t.co/NHUVDH2BeY