Tuesday, March 19, 2024
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व्यंग्य: दीपिका के NCB पूछताछ की वीडियो हुई लीक, ऑपइंडिया ने पूरी ट्रांसक्रिप्ट कर दी पब्लिक

"ये किसने लीक कर दिया… उसी रिया ने बोला होगा या फिर जया ने! You can’t trust anyone nowadays… मैंने तो सारे प्रीकॉशन लिए थे… सर! मैं तो दिन में एक-दो बार ही लेती हूँ। मुझे ऐसा कोई एडिक्शन नहीं है। पार्टी में ट्रे में ले कर आ जाते हैं…"

NCB: आप में से दीपिका कौन है?

दीपिका: मैं हूँ… आप सर उठा कर देखिए। ये जोक पुराना हो गया है।

NCB: हमें तो मारने का मौका नहीं मिला न! आप बैठिए इधर। रणवीर मैडम, सॉरी, रणवीर सर को उधर बिठाओ। इनको बगल की दुकान से एक पैंट ला कर दे दो और प्लाज्जो जो पहन कर आए हैं, वो उतरवा लो।

दीपिका: You can’t mock him like that. It is misogyny!

NCB: मिसॉजनी? लौंडा पूरे समय लौंडिया का ड्रेस पहन कर घूमता है, उसको पैंट दिला रहे हैं तो इसमें नारी-विरोध कहाँ से आ गया?

दीपिका: आप लड़कियों की पोशाक के विरोध में हैं। You are a male chauvinist pig. मुझे पता है आप लोगों से कैसे डील करना है। रुको एक मिनट… Roses Are Red, Violates Are… Violates Are… Hello Ranvir, violates are? Blue… sure? Ok. Blue.

NCB: जे… जे का हो रहो है विदुर?

दीपिका: अरे… एक मिनट रुक जा… Me and You… Hashtag Misogynist NCB Hashtag PatriarchyIsReal… ये गया ग्रुप में। दो मिनट में अब तू ट्रेंड होने लगेगा। सारी हेकड़ी निकलवा दूँगी तेरी। ये NCB बंद न करवा दी शाम तक ट्विटर से, तो मेरा नाम दीपिका नहीं।

NCB: अच्छा! ट्रेंड होने से बंद हो जाएगी NCB! जैसे आप लोगों ने कई बार मोदी से इस्तीफा ले लिया है, वैसे ही? किस तरह के लोग हैं ये!

दीपिका: और नहीं तो क्या… हम सरकारें गिरा देते हैं ट्विटर पर। आप चुपचाप सवाल पूछिए।

NCB: आपकी बातों, हरकतों और मानसिक क्षमता से तो लग रहा है कि आप ही दीपिका हैं, लेकिन ये गरीबों वाले कपड़ों से लग रहा है कि… आइ मीन, हमने कभी देखा नहीं बिना डिजाइनर कपड़ों में।

दीपिका: ये भी डिजाइनर ही है। ये मनीष का फॉल फ्रॉम ग्रेस कलेक्शन है, जो हमारे ग्रुप में बताया गया था। ये कलेक्शन हाल ही में आया है। इसमें देखिए जरी का काम है। इसका पहला कैटवॉक भी आज-कल ही में हुआ है जब मैंने, श्रद्धा और सारा ने इसे पहनने के बाद सत्रह-सत्रह फुट की लम्बी छलांग मारते हुए, छाती शरीर से बाहर निकाल कर, सर आसमान की तरफ रखते हुए, चेहरे पर गौरव का अनुभव करते हुए हम घरों से निकले और कारों में बैठे। आपने भी फोटोज़ देखी होंगी। I mean टीवी पर तो आया ही होगा, हम तो ये सब कैमरे के लिए ही करते हैं।

रणवीर: ये सब नहीं बोलना था बेबी! क्या कर रही है ये!

NCB: तुम चुप रहो जी। इनकी चोली भी उतारो। शर्ट ला कर दो इनको। पैंट लाने बोला था, तब समझ में नहीं आया कि सारे कपड़े उतार कर पुरुषों के कपड़े देने हैं… कैसे बर्दाश्त करती हैं इनको?

दीपिका: आप यही सब करेंगे कि सीरियस सवाल भी पूछेंगे?

NCB: अरे सवाल-जवाब तो होइबे करेगा… थोड़ा मजा लेने दो पहले। ऐसे बकलोल लोगों से बहुत कम मिलना होता है। तो आप बताइए कि ये गरीबों वाला मिडिल क्लास दुपट्टा जो है, वो सरोजिनी नगर से लिया कि पालिका मार्केट से?

दीपिका: अरे! ये क्या हो रहा है… Why am I not being asked what I prepared for? मैं तैयारी कर के आई हूँ। आप सवाल पूछिए। जैसे कि क्या मैं ड्रग्स लेती हूँ? क्या मैं कोई व्हाट्सएप्प ग्रुप चलाती हूँ? क्या मैं रिया या जया साहा को जानती हूँ…

NCB: अरे मैडम, वो तो सबको पता है कि कौन क्या लेता है।

दीपिका: हैं! शिट्! कैसे? अब ये किसने लीक कर दिया… उसी रिया ने बोला होगा या फिर जया ने! You can’t trust anyone nowadays… मैंने तो सारे प्रीकॉशन लिए थे… सर! मैं तो दिन में एक-दो बार ही लेती हूँ। मुझे ऐसा कोई एडिक्शन नहीं है। पार्टी में ट्रे में ले कर आ जाते हैं…

NCB: ट्रे में ये सब आता है? हमारी तरफ तो बारात में साला लौंग, इलायची, सुपारी आता था! ज्यादा अमीर की बेटी हो तो पनामा सिगरेट और माचिस की डिब्बी उसी ट्रे में रहती थी। यहाँ ट्रे में ये सब दिया जाता है? खैर, आपका कन्फेशन तो हमें मिल गया। अब ये बताइए…

दीपिका: वेट! व्हाट? मैंने कब कन्फेश किया?

NCB: मैडम, अभी आपने बताया न कि दिन में एक-दो बार ही लेती हैं? वही कन्फेशन था।

दीपिका: मतलब रिया या जया ने कुछ नहीं बताया? रणवीर…

रणवीर: अरे सर! कुछ ले-दे कर सेटल करो न सर। आपको तो पता ही है कि ये सब तो चलता ही है सर!

NCB: इसके पायल खोल घुँघरू वाले… चुप करा इसको। यहाँ क्या हेलमेट का चलान कट रहा है?

दीपिका: (रोते हुए) I can’t handle this… I can’t handle this… I need a joint… I want peace…

NCB: अरे! फिर से कन्फेश कर रही हैं आप। एक बार में हो गया है। हमने रिकॉर्ड कर लिया है। आप ये बताइए कि ये जो ड्रेस है, वो क्या सच में… मतलब ऐसे कपड़े आप लोग भी पहनती हैं? मने रीयल लाइफ में? मने… कभी देखा नहीं उस तरह के कपड़ों में।

दीपिका: आप कैमरा ऑफ करेंगे तो पते की एक बात बताती हूँ।

NCB: कैमरा ऑफ (आँख मारते हुए) कर दो…

दीपिका: ऑफ हो गया?

NCB: हाँ, बिलकुल… वो जो कोने में लाल डॉट दिखा रहा है न, जहाँ लिखा हुआ है रिकॉर्डिंग? उसका मतलब है कि वो बंद हो गया है। लाल लाइट तो बंद होने का ही होता है न सिस्टम। आप लोग भी तो रेड लाइट पर रुकती होंगी। वही सिस्टम हर जगह है। बंद है, एकदम तसल्ली से सुनाइए।

दीपिका: घर के भीतर तो जैसे आम लोग रहते हैं, वैसे ही पहनती हूँ। बाहर निकलने से पहले थोड़ी तैयारी करनी होती है। कहाँ जाना है, इस पर डिपेंड करता है। जैसे कि जेएनयू वाला टाइम याद है? जाना था मुझे शहीन बाग, लेकिन उसी समय वामपंथियों ने जेएनयू में मारपीट की, एबीवीपी वालों को पीटा, सर्वर रूम तोड़ा, बच्चों को परीक्षा देने से रोका… तो जब मैं रास्ते में थी, घर से निकली तो काले कपड़े पहन कर चली थी कि CAA के विरोध में खड़े होना है। छोटा सा स्क्रिप्ट भी था PR एजेंसी का… वहाँ की दादियों के साथ खड़े होना था और बोलना था कि ‘बोल की लब आजाद हैं तेरे, Repeat after me: Fascism is real. Period.’ फिर बोला कि जेएनयू जाना है क्योंकि सारे मीडिया वाले वहीं पहुँच गए हैं। अब इतने कम समय में स्क्रिप्ट कैसे याद करती। तब पीआर वालों ने बोला कि बोलना कुछ नहीं है, छाती तान कर, गर्दन जिराफ जैसी निकाल कर भीड़ में खड़े हो जाना है। बाकी, पोस्टर आदि मिनटों में तैयार हो जाते हैं।

NCB: मैडम, आप उसी पीआर वालों की बात कर रही हो, जो कल एक जगह छपवाया था कि दीपिका का फोन कोई और इस्तेमाल कर रहा होगा ड्रग्स मँगवाने के लिए?

दीपिका: हाँ, वही लोग हैं। क्या हुआ?

NCB: कुछ नहीं, आप इन्हें ही रखो। हमारी बहुत मदद हो जाती है इनसे! आप बता रही थीं कि घर में आप आम लोगों की ही तरह…

रणवीर: अरे सटायर मारा सर ने, ये लड़की कुछ नहीं समझती है!

दीपिका: तुम चुप रहो, लेट मी टॉक टू सर। कैमरा बंद है। हाँ, तो जैसे जेएनयू वाला कांड मैनेज्ड था, वैसे ही कल रात ही व्हाट्सएप्प पर आ गया था कि हमें क्या पहनना है, कैसे चलना है, कैसे जमीन की जगह आसमान को देखना है… ये सब तो सर करना पड़ता है। पब्लिक लाइफ में हैं सर, इतना तो देखना पड़ता है। इतने कैमरे वाले हैं, इमेज की बात है सर। एंटरटेनमेंट वाले अखबारों और वेबसाइटों पर छपवाते हैं कि the real queen, courageous, infectious aura… skoda लहसुन… आपको पता ही है सर!

NCB: हाँ जी, पता तो है ही सब! खैर, आप ये बताइए कि ये जो कान में टॉप्स हैं, उसके स्टोन असली हैं? मेरा मतलब है हीरे-वीरे लगे होंगे इनमें तो?

दीपिका: अरे नहीं, ये तो मेरी सिस्टर ने दिए थे। ये तो उसने शनि बाजार से लिए थे। बीस के दो पड़े। बात वही है न सर कि गरीब के कान का सोना भी पीतल ही कहा जाता है। हम पीतल भी पहन लें तो कुंदन!

NCB: एक मिनट रुकिए, ये वाली लाइन लिख लेता हूँ मैं। आपसे बिना स्क्रिप्ट के ऐसे दर्शन की उम्मीद नहीं थी।

दीपिका: अरे सर! आप तो एकदम फैमिली टाइप हो रहे हैं अब। आपसे क्या छुपाना। एक बार पता है… मैं न एक पार्टी में गई थी और इतना फूँका-इतना फूँका कि ओ मा गॉड… एकदम न भंड हो गई मैं… एकदम भंड… I mean, I couldn’t say Ranbir from Ranvir… मुँह से लेने का था, तो किसी ने नाक से लिवा दिया… फिर तो बॉस मैं तो हवा में उड़ने लगी। लोग मेरे पाँव पकड़ के उतार रहे थे, मैं और ऊपर जा रही थी। फिर मैं एक बोइंग प्लेन से टकरा गई। फिर मैंने पायलट को नशे में ही किस कर लिया… वो वाला टाइम मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने कहा, “जया, तू यार ये रोज लाया कर, असली मजा इसी में है।” सर, हम लोग सब कुछ फोन से ही मैनेज कर लेते हैं।

NCB: अच्छा! फोन पर ही सब मैनेज हो जाता है? जरा दिखाइए फोन तो…

दीपिका: (अपने हाथ में छुपाई चिट देख कर) ओह गॉड… मुझे पैनिक अटैक्स आ रहे हैं, मैं पैनिक कर रही हूँ, मुझे तो अटैक आ रहे हैं…

रणवीर: अरे बेबी! ये सब करना था, बोलना नहीं था! मेरी बेइज़्ज़ती करवा दी तुमने सबके सामने।

NCB: फोन लाओ इधर, देखें क्या है चैट्स में…

दीपिका: सर, आप ऐसा नहीं कर सकते। मैं रोने लगूँगी… You just can’t do it.

NCB: ये इमोशनल ड्रामा बंद करो। ये सब विक्टिम कार्ड इधर नहीं चलेगा। फोन जब्त करो इनका।

दीपिका: अरे! ऐसे कैसे? ये फासीवाद है! गरीब लोगों की आवाज दबाई जा रही है। एक औरत को जबरन परेशान किया जा रहा है। किसी भी मर्द का नाम क्यों नहीं है इस केस में? मैं किस तरह के स्ट्रगल के बाद यहाँ पहुँची हूँ, कितनी मेहनत की है मैंने, अपने दम पर करियर बनाया है। आपके इस तरह के व्यवहार के कारण मैं डिप्रेशन में जा रही हूँ। रिपीट आफ्टर मी, डिप्रेशन इज़ रीयल।

NCB: निकालो इसको यहाँ से फोन ले कर! नौटंकी लोग। और इस लौंडे से शर्ट-पैंट के पैसे ले लो। इसका प्लाज्जो-चोली ऑक्शन करवाओ और पैसे गरीबों में बाँट दो। और हाँ, इस इंटेरोगेशन के कुछ हिस्से लीक कर दो। ऑपइंडिया के अजीत भारती को भेज दो।

कॉन्स्टेबल: अरे सर! ऑपइंडिया तो बहुत छोटी संस्था है…

NCB: छोटी? स्क्रॉल, वायर, क्विंट, न्यूजलॉन्ड्री सब वामपंथियों को अकेले बाँस किए हुए है, और कह रहे हो छोटी है। तुम यार लीक करो, हमसे बहस न किया करो। बुआ के लड़के हो, इसलिए बर्दाश्त कर रहे हैं।

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अजीत भारती
अजीत भारती
पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

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