भरूच के नर्मदा विद्यालय में यूनिट टेस्ट में बच्चों से कुछ प्रश्न पूछे गए जो कि इस्लाम से संबंधित थे। इसे देख अभिभावकों ने और सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया कि ये क्या पढ़ाई है।
अकील नौकरी दिलाने का लालच दे कर पीड़िता को अपने साथ लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट ले गया। उसके साथ खलील, इंतज़ार और एक अज्ञात भी था। इन सभी ने एक वकील के द्वारा बनवाए गए कागजों पर पीड़िता के दस्तखत करवाए।
हाई कोर्ट ने कहा कि प्रिंसिपल से पूछताछ की जानी चाहिए, साथ ही सवाल भी उठाया कि कैसे उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेज में वही पद दे दिया गया, जबकि उन्होंने इस्तीफा दिया है।
मुनव्वर फारूकी ने अपने एक शो में कोंकणी समुदाय के बारे में अपशब्द कहे थे। वीडियो वायरल होने के बाद कई लोगों ने इसपर आपत्ति जताई और मामले में माफी माँगने को कहा।
हिमंता ने यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मेघालय (यूएसटीएम) को फ्लड जिहाद के लिए जिम्मेदार बताया है, साथ ही कहा है कि इस यूनिवर्सिटी का गेट मक्का की तरह बनाया गया है।
केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन ने सैंकड़ों लोगों की जान ले ली। न जाने कितने लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया... लेकिन इस दुख की घड़ी में भी लोगों को ठगने की खबरें आना बंद नहीं हैं।
घटना कन्नौज के कोतवाली नगर की है। यहाँ के गाँव अडंगापुर में समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव का चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय है।
पत्र में बताया गया है कि 2013 से लेकर अब तक बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले की 3600 से भी अधिक घटनाएँ हो चुकी हैं। 1971 में पाकिस्तानी फ़ौज ने 25 लाख हिन्दुओं को मार डाला था।
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद अंतरिम सरकार में प्रमुख पद की जिम्मेदारी मोहम्मद युनूस को दी जा रही है जिसके बाद लगातार उनके ऊपर से केस हट रहे हैं।
मिर्जापुर में वन विभग की जमीन पर कब्ज़ा करके अवैध चर्च बनाया गया था। बाद में इसके जरिए लोगों को धर्मान्तरण के लिए लालच दिए जाने लगे थे। अब इसी चर्च पर प्रशासन का बुलडोजर चला है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के बीच एक तरफ जहाँ तस्वीरें सामने आ रही हैं कि भारत में शरण लेने के लिए हजारों लोग सीमा पर खड़े हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत में अलग-अलग राज्यों से बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े जा रहे हैं।
'विक्टिम कार्ड' खेलने के लिए अन्य भाइयों द्वारा बनाए गए मकानों के बजाय एक जर्जर हिस्से को ही बार-बार दिखाया जा रहा है। अम्मी कहती है - बेटे उससे अलग हैं। कोई कागजी सबूत नहीं।
हिंडेनबर्ग ने ऐसा साबित करने की कोशिश की है जैसे उक्त कंपनी धवल और माधवी की ही हो जबकि उनका शेयर मात्र डेढ़ प्रतिशत का था। कौन सा नशा लेकर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है? 2015 में जब का ये मामला है, तब माधवी पुरी SEBI में थीं ही नहीं।
प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से माँग की है कि वो बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा और फिर से लोकतंत्र की बहाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाए।
सेबी ने पिछले 2 वर्षों में 300 सर्कुलर जारी किए हैं, ताकि कारोबार करना आसान होता जाए। बोर्ड के सभी सदस्य हितधारकों से राय-विचार के बाद ही फैसले लेते हैं।
क्या छात्राएँ शुरू से ही कॉलेज में पढ़ती थीं और अपनी खुद की मर्जी से हिजाब बाँध कर आईं थीं। जाँच का दूसरा बिंदु यह है कि छात्राओं को ड्रेस कोड की जानकारी थी या नहीं।