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Wednesday, April 16, 2025
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खुदा, रमजान, ईद, नमाज… पेपर हिंदी का और सवाल इस्लामिक, नेटिजन्स बोले- भरूच पाकिस्तान में आता है या भारत बन चुका है इस्लामिक देश?

यह प्रश्न पत्र भरूच के जीएनएफसी नर्मदा विद्यालय में आठवीं कक्षा के छात्रों से पूछा गया। यूनिट टेस्ट 7 अगस्त को आयोजित हुआ था। पेपर की फोटो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रही है। इसमें पाँच MCQ नजर आ रहे हैं जिनमें से 4 इस्लाम संबंधित हैं।

गुजरात के भरूच के नर्मदा स्कूल में यूनिट टेस्ट में इस्लाम संबंधी प्रश्न पूछने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एक प्रश्न पत्र वायरल हो रहा है जिसमें शुरुआत के चार के चार सवाल इस्लाम मजहब से जुड़े हैं। इस प्रश्न पत्र को देख लोग कह रहे हैं कि आखिर ये स्कूल भारत में आता है या फिर पाकिस्तान में। वहीं शिक्षा जिलाधिकारी का कहना है कि पेपर नियमानुसार ही छपा है।

जानकारी के मुताबिक, यह प्रश्न भरूच के जीएनएफसी नर्मदा विद्यालय में आठवीं कक्षा के छात्रों से पूछे गए। यूनिट टेस्ट 7 अगस्त को आयोजित हुआ था। पेपर की फोटो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रही है। इसमें पाँच MCQ नजर आ रहे हैं जिनमें से 4 इस्लाम संबंधित हैं।

पेपर में देख सकते हैं कि पहला प्रश्न हैं- ‘हम संसार में किसकी इच्छा से आए?’ विकल्पों में माता, पिता, परिवार को रखा गया और अंतिम विकल्प ‘खुदा’ दिया गया। दूसरा प्रश्न है – ‘यदि ईश्वर चाहे तो (रिक्त स्थान) से हर कोई बच सकता है। जिसमें किस्मत, मन्नत, दावत और आफत जैसे शब्द विकल्प दिए गए।

तीसरा सवाल रमजान को लेकर है जिसमें पूछा गया, रमजान पूरे तीस (खाली जगह) के बाद आता है। विकल्प में विघानों, दानों और फेरों और रोजा जैसे शब्द हैं। इसके बाद चौथा सवाल में पूछा गया। ईद की नमाज़ जगह का क्या नाम है? विकल्प हैं – ईदबाग, ईदमेदान, ईदघर और ईदगाह।

बताया जा रहा है कि जब बच्चों ने अपने घर पर जाकर इस प्रश्न पत्र को दिखाया तो अभिभावकों ने इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल कर दीं। साथ ही बच्चों से इस तरह के प्रश्न पूछे जाने का विरोध भी किया।

पाठ्यक्रम से पूछे सवाल, इरादा गलत नहीं: स्कूल प्रबंधन

जब ऑपइंडिया के संज्ञान में मामला आया तो हमने भी इस मामले में आगे जानकारी के लिए स्कूल से संपर्क किया। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक, ” प्रश्न सरकारी पाठ्यपुस्तक से ही लिए गए हैं और कोई भी विषय से बाहर का प्रश्न नहीं पूछा गया है। विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि सवाल लगातार थे, लेकिन इसके पीछे पीछे स्कूल या शिक्षकों का कोई और इरादा नहीं था। यही कहना है कि प्रश्न पाठ से ही पूछे गए थे।” आगे कहा कि इस मामले में उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर कार्यालय को जवाब भी सौंप दिया है।

वहीं इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी स्वातिबा रावल का भी बयान सामने आया है। उनका कहना है कि प्रश्न नियमानुसार पूछा गया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय को राई का पहाड़ बनाया जा रहा है।‘दिव्य भास्कर’ से बातचीत में उन्होंने कहा, ” सरकारी नियमों और पाठ्यपुस्तकों के अनुसार ही प्रश्न पूछे गए हैं और वे किसी पाठ्यक्रम के अध्याय से हैं। इस पूरी घटना को किसी ने तूल देने की कोशिश की है।”

ऑपइंडिया ने इस मामले में जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी सचिन शाह से भी संपर्क किया। हालाँकि, उन्होंने कहा कि यह मामला जिला शिक्षा अधिकारी के दायरे में आता है, लेकिन उन्हें मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले पर एक रिपोर्ट राज्य सरकार को भी सौंपी गई है और प्रश्न पाठ्यपुस्तक से ही लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विवाद सुलझ गया है।

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Meghalsinh Parmar
Meghalsinh Parmar
A Journalist. Deputy Editor- OpIndia Gujarati. Not an author but love to write.

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