Monday, March 10, 2025
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2023 में माँ सीता के 2 भव्य मंदिर: सीतामढ़ी आ सकते हैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति: नौ विग्रह रूप में दिखेगी माता जानकी, 108 स्वरूपों के होंगे दर्शन

सीतामढ़ी के स्थानीय परिसदन ने 19 नवंबर, 2022 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘श्रीभगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति’ के अध्यक्ष और सीतामढ़ी से जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने पत्रकारों को पहली बार आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी थी।

वर्ष 2023 सीतामढ़ी के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वर्ष सीतामढ़ी में माँ सीता की दो मंदिरों की आधारशिला रखी जाएगी। रिपोर्ट की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू इन मंदिरों के भूमिपूजन में शामिल हो सकते हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, बखरी और पुरौना धाम में इन मंदिरों को बनाया जाएगा। बखरी में 251 फीट की प्रतिमा का निर्माण होगा। मंदिर की निशुल्क रजिस्ट्री के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक़, मंदिर में सीता मैया अपने नौ विग्रह स्वरूप में दिखेंगी। साथ ही वृताकार रूप में माँ सीता के 108 स्वरूपों की प्रतिमा का भी निर्माण होगा। यह सीता माता की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा होगी।

वहीं सीतामढ़ी के स्थानीय परिसदन ने 19 नवंबर, 2022 को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ‘श्रीभगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति’ के अध्यक्ष और सीतामढ़ी से जदयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने पत्रकारों को पहली बार आधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी थी। राघोपुर बखरी के महंत रामलाल दास ने माता सीता की प्रतिमा के निर्माण के लिए 14 एकड़ जमीन भी दान में दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक तक 24.40 एकड़ जमीन के लिए करार हो चुका है।

वहीं बात अगर सीतामढ़ी के ही पुनौरा धाम की करें तो यहाँ दिव्य सीता उद्भव मंदिर की आधारशीला रखी जाएगी। इसका निर्माण मकराना पत्थर से किया जाएगा। इस दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिया गया है। यहाँ बनने वाली मंदिर को लेकर गुजरात से इंजीनियर की टीम आई थी, जिन्होंने अपना निरीक्षण कार्य पूरा कर लिया है।

मंदिर के चारों और गुम्बदनुमा 61 भव्य आक्रतियाँ बनाई जाएँगी। मंदिर के आकार की बात करें तो इसकी परिधि 194×194 फीट की होगी। सीता कुंड के मध्य एक दिव्य सीता कुंड मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इस जगह की मान्यता इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि त्रेता युग में विदेह के राजा जनक के हल चलाने के दौरान इसी जगह पर माँ सीता अवतरित हुई थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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