Thursday, April 25, 2024
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिभए प्रगट कृपाला: 70 साल पहले आधी रात हुई अलौकिक रोशनी, भाइयों संग प्रकट...

भए प्रगट कृपाला: 70 साल पहले आधी रात हुई अलौकिक रोशनी, भाइयों संग प्रकट हुए रामलला

"कोई 12 बजे के आसपास बीच वाले गुंबद के नीचे अलौकिक रोशनी हुई। रोशनी कम होने पर मैंने जो देखा उस पर विश्वास नहीं हुआ। वहॉं अपने तीन भाइयों के साथ भगवान राम की बालमूर्ति विराजमान थी।"

अयोध्या में 22 और 23 दिसंबर 1949 की उस दरम्यानी रात तीन गुंबदों के नीचे क्या हुआ था, यकीनी तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है। एक मुस्लिम कॉन्स्टेबल के बयान का हवाला देकर एक पक्ष वहॉं भगवान के प्रकट होने की बातें करता है तो दूसरा पक्ष फैजाबाद के तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट गुरुदत्त सिंह और जिलाधिकारी केकेके नायर की भूमिका को संदिग्ध बताकर दावा करता है कि मूर्तियॉं बाहर से लाकर रखी गई थी।

वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा अपनी किताब ‘युद्ध में अयोध्या’ में लिखते हैं कि उस रात कड़ाके की ठंड थी। अयोध्या घने कोहरे में लिपटा था। घुप्प अँधेरा पसरा था। कुछ दिख नहीं रहा था। राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा में तैनात कोई दो दर्जन पुलिसवाले (पीएसी) तंबू में सो रहे थे। अंदर दो सिपाहियों की ड्यूटी बारी-बारी से थी।

पिछले नौ दिन से वहॉं रामचरितमानस का नवाह पाठ चल रहा था। यज्ञ-हवन का दिन होने के कारण वहॉं इतने ज्यादा पुलिस वाले तैनात थे। अमूमन समूचा परिसर तीन-चार पुलिसवालों के हवाले ही रहता था। रात 12 बजे से कॉन्स्टेबल अब्दुल बरकत की ड्यूटी थी। बरकत समय से ड्यूटी पर नहीं पहुॅंचे। रात एक बजे के बाद कॉन्स्टेबल शेर सिंह उन्हें नींद से जगा ड्यूटी पर भेजते हैं। जगमग रोशनी में अष्टधातु की मूर्ति देख सिपाही बरकत को काटो तो खून नहीं। बिल्कुल अवाक! उन्होंने एफआईआर में बतौर गवाह पुलिस को बताया- कोई 12 बजे के आसपास बीच वाले गुंबद के नीचे अलौकिक रोशनी हुई। रोशनी कम होने पर मैंने जो देखा उस पर विश्वास नहीं हुआ। वहाँ अपने तीन भाइयों के साथ भगवान राम की बालमूर्ति विराजमान थी।

बरकत का बयान अयोध्या में राम जन्मभूमि कार्यशाला के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है। इसमें बरकत के हवाले से कहा गया है- मस्जिद के भीतर से नीली रोशनी आ रही थी, जिसे देख मैं बेहोश हो गया। हालाँकि ‘युद्ध में अयोध्या’ में हेमंत शर्मा ने उस रात का जो विवरण दिया है उससे प्रतीत होता है कि मूर्तियाँ बाहर से लाकर रखी गई थी। शर्मा ने लिखा है कि एक घंटा देरी से ड्यूटी पर पहुँचने के कारण कॉन्स्टेबल बरकत को भलाई इसी बात में दिखी कि वे रामलला के प्रकट होने की कहानी का समर्थन करें। उनका यह बयान मूर्ति लाने वाले समूह​ के लिए फायदेमंद था, क्योंकि बरकत का बयान चमत्कार का प्रमाण था।

शर्मा लिखते हैं कि सुबह चार बजे के आसपास रामजन्मभूमि स्थान में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई थी। बाहर टेंट में खबर आई कि भगवान प्रकट हो गए हैं। तड़के साढ़े चार बजे के आसपास मंदिर में घंटे-घड़ियाल बजने लगे, साधु शंखनाद करने लगे और वहॉं मौजूद लोग जोर-जोर से गाने लगे,
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी।
भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी॥

ये पंक्तियॉं गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस के बालकाण्ड में लिखी है, भगवान के जन्म लेने के मौके पर। कितना दिलचस्प संयोग है कि तुलसीदास ने इन पंक्तियों की रचना उसी कालखण्ड में की थी, जब अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद बनाई गई थी!

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अजीत झा
अजीत झा
देसिल बयना सब जन मिट्ठा

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मार्क्सवादी सोच पर नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

मोहम्मद जुबैर को ‘जेहादी’ कहने वाले व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने दी क्लीनचिट, कोर्ट को बताया- पूछताछ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला

मोहम्मद जुबैर को 'जेहादी' कहने वाले जगदीश कुमार को दिल्ली पुलिस ने क्लीनचिट देते हुए कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe