Wednesday, May 8, 2024
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’72 हूरें’ से उस हिरोइन को दिक्कत, जो फिल्मों के लिए सबीहा शेख से बनी ‘रानी चटर्जी’: कहा- कुरान किसी की जान लेना नहीं सिखाता

"इस फिल्म में कुरान को गलत तरीके से दिखाया गया है। कुरान किसी की जान लेना नहीं सिखाता। अगर '72 हूरें' के मेकर्स या डायरेक्टर ने कुरान पढ़ी होती तो वे इस तरह के डायलॉग का इस्तेमाल नहीं करते।"

इस्लामी आतंकवाद के चेहरे को उजागर करती फिल्म ’72 हूरें (72 Hoorain)’ चर्चा में है। ‘रानी चटर्जी (Rani Chatterjee)’ के नाम से फिल्मों में काम करने वाली भोजपुरी एक्ट्रेस सबीहा शेख ने इस फिल्म पर आपत्ति जताई है। कहा है कि ऐसी फिल्में लोगों को धार्मिक आधार पर बाँटने के लिए बनाई जाती है। उन्होंने यह भी कहा है कि फिल्म मेकर्स और डायरेक्टर पैसा कमाने के लिए लोगों की भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सबीहा शेख (Sabiha Shaikh) ने ’72 हूरें’ का ट्रेलर देखने के बाद फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “इस फिल्म में कुरान को गलत तरीके से दिखाया गया है। कुरान किसी की जान लेना नहीं सिखाता। अगर ’72 हूरें’ के मेकर्स या डायरेक्टर ने कुरान पढ़ी होती तो वे इस तरह के डायलॉग का इस्तेमाल नहीं करते।”

सबीहा ने आगे कहा है कि हाल ही में आई फिल्म ‘आदिपुरुष’ में कई चीजों को गलत तरीके से दिखाया गया है। इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँची है। चाहे वह हिन्दू हों या मुस्लिम सभी को गलत ही लगा है। भारत में रहकर और टीवी में देखकर उन्होंने रामायण के विषय में जितना भी जाना है, उसके हिसाब से तो ‘आदिपुरुष’ देखकर बुरा ही लगेगा।

उन्होंने यह भी कहा है कि ‘द केरल स्टोरी’ के हिट हो जाने के बाद लोगों ने इसे एक ट्रेंड बना लिया है। नफरत या तो राजनीति के माध्यम से फैलाई जा रही है या फिल्मों के माध्यम से। आम जनता का इससे कोई लेना-देना नहीं है। सबीहा शेख ने कहा, “नई पीढ़ी को इस तरह की घृणित फिल्में दिखाकर आखिर क्या हासिल करना चाहते हैं? कुरान लोगों को मारने के लिए कहाँ कहता है? क्या आप इसे मुझे दिखा सकते हैं? इससे समाज में गलत मैसेज जा रहा है। यह नफरत फैलाने के एजेंडे का हिस्सा है।”

सबीहा ने आगे कहा, “मैं एक मुस्लिम हूँ। लेकिन क्या आप मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को आतंकवादी कहेंगे? ‘द केरल स्टोरी’ से पता चला है कि लड़कियों का जबरन इस्लाम में धर्मांतरण किया जा रहा है। दक्षिण भारत में, लोगों को ईसाई बनाया जा रहा है। लेकिन कोई भी इसके बारे में बात नहीं करना चाहता? आप मुस्लिम विरोधी फिल्म बना रहे हैं। देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिल्म  ’72 हूरें’ के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है। लेकिन इससे जो नफरत फैलेगी उसकी भरपाई कौन करेगा?”

सबीहा शेख से रानी चटर्जी कैसे बनीं?

जून 2020 में हिंदुस्तान को दिए एक इंटरव्यू में सबीहा शेख ने कहा था, “अपनी पहली फिल्म ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’ की शूटिंग के दौरान मैं गोरखनाथ मंदिर में थी। फिल्म के एक सीन में मुझे भगवान शिव की मूर्ति के पास अपना सिर मारना था। शूटिंग के दौरान वहाँ कई मीडियाकर्मी मौजूद थे। ऐसे में डायरेक्टर को लगा कि अगर लोगों को मेरा असली नाम पता चल गया तो वे इस सीन की शूटिंग नहीं होने देंगे। यदि वह सीन शूट न हो पाता तो फिल्म के लिए नुकसानदायक हो सकता था। ऐसे में डायरेक्टर ने मुझे ‘रानी’ नाम का उपयोग करने के लिए कहा था। फिल्म में भी मेरा यही नाम था।”

सबीहा शेख ने यह भी कहा था, “किसी ने फिल्म मेकर सुधाकर पांडे से मेरी जाति पूछी थी। उन दिनों रानी मुखर्जी का नाम मशहूर हो चुका था। इसलिए, उन्होंने मेरा नाम रानी मुखर्जी की तरह ‘रानी चटर्जी’ कर दिया। अखबारों में नाम प्रकाशित होने के बाद, मेरे माता-पिता इस नए नाम से खुश नहीं थे। लेकिन बाद में यह नाम मेरे करियर के लिए बहुत अच्छा साबित हुआ।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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