Saturday, November 2, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन'आप सेलिब्रेटी हैं, लेकिन न भूलें कि आरोपित हैं': मजिस्ट्रेट खान ने कंगना को...

‘आप सेलिब्रेटी हैं, लेकिन न भूलें कि आरोपित हैं’: मजिस्ट्रेट खान ने कंगना को राहत से किया इनकार, जावेद अख्तर से जुड़ा है मामला

कंगना ने आरोप लगाया कि ऋतिक रोशन के साथ विवाद पर जावेद अख्तर ने समझौता करने के लिए दबाव बनाया था और कहा था कि नहीं मानीं तो उन्हें आत्महत्या करने की नौबत आ जाएगी। इस पर जावेद ने मानहानि का केस दायर किया था।

गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के मानहानि के मामले में मुंबई के कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangna Ranaut) को कोर्ट में पेश होने की छूट देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने अनुपस्थिति को लेकर नराजगी जताते हुए कहा कि कंगना अपने प्रोफेशनल काम में व्यस्त हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन पर केस चल रहा है और वह किसी में आरोपित भी हैं।

दरअसल, जावेद अख्तर ने कंगना पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसकी सुनवाई मुंबई स्थित अंधेरी के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के यहाँ सुनवाई चल रही है। इस मामले में पेश होने की छूट करते हुए याचिका दायर की थी।

मजिस्ट्रेट आरआर खान (Magistrate RR Khan Court) ने कहा कि कंगना रनौत इस मामले की सुनवाई अपनी शर्तों के अनुसार तय कर रही हैं। मजिस्ट्रेट ने कहा कि कंगना को कानून की स्थापित प्रक्रिया और अपने जमानत बांड के नियमों और शर्तों का पालन करना होगा।

मंगलवार (22 मार्च 2022) को सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट खान ने कहा, “यहाँ बताना आवश्यक है कि आरोपित ने मन बना लिया है कि इस केस में उनकी उपस्थिति जरूरी नहीं है और उनके वकील इस मामले में कानूनी प्रक्रिया संभालेंगे।”

मजिस्ट्रेट ने कहा कि CrPC की धारा 251 के तहत मामले में आगे की कार्रवाई के लिए आरोपित को कम से कम एक मौके पर कोर्ट में उपस्थित होना जरूरी है। उन्होंने कहा, अगर आरोपित को स्थायी रूप से छूट दे दी जाती है तो शिकायतकर्ता, जो कि सीनियर सिटीजन हैं, उनके साथ पक्षपात होगा और मामले का ट्रायल में प्रोग्रेस नहीं हो पाएगा।

कोर्ट ने कहा कि इस मामले में समन के बाद आरोपित अभी तक सिर्फ दो बार कोर्ट में उपस्थित हुई हैं। पहली बार जब केस कोर्ट में आया और दूसरी बार जब उन्होंने कोर्ट पर पक्षपात का आरोप लगाया। इसके बाद से आरोपित एक बार भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई हैं।

इसके पहले मार्च में मुंबई की सत्र अदालत ने कंगना रनौत की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अख्तर द्वारा अपने खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले को स्थानांतरित करने की माँग की थी। कंगना ने अपनी शिकायत में कहा था कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट खान की अदालत उनके प्रति पक्षपाती और पूर्वाग्रह से ग्रसित है।

क्या है मामला

कंगना रनौत ने जावेद अख्तर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ऋतिक रौशन से हुए विवाद में समझौता करने का दबाव डाला था। कंगना ने ‘रिपब्लिक टीवी’ पर बताया था कि जावेद अख्तर ने उन्हें अपने घर बुला कर कहा था, “तुम्हें आत्महत्या करनी पड़ेगी क्योंकि वह तुम्हें जेल में बंद कर देंगे। उन्होंने (ऋतिक रोशन) तुम्हारे खिलाफ़ सारे सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। वह समझ चुके हैं कि केस पूरी तरह उनके हाथों में है। तुम्हें आत्महत्या करनी पड़ेगी क्योंकि तेरा मुँह काला हो जाएगा तो तू जाएगी कहाँ?” 

कंगना की बहन रंगोली चंदेल ने कहा था कि इस विवाद के दौरान जावेद अख्तर ने कंगना को अपने घर बुलाया था। उसे अपने कहे अनुसार चलने की सलाह दी थी। वे चाहते थे कि कंगना उनकी बात मान ऋतिक से माफ़ी माँग ले। इससे इनकार किए जाने पर उन्हें जावेद अख्तर ने धमकाया था।

इस मामले में 15 नवंबर 2021 को कंगना ने कोर्ट में याचिका दायर कर दो आधारों पर पेशी से छूट माँगी थी। उन्होंने वकील के जरिए कोर्ट को बताया था कि पहला अस्वस्थ होने के कारण वो कोर्ट में पेश नहीं हो सकती हैं और दूसरा उन्होंने कहा था कि इस मामले में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने की तैयारी में हैं, जिसमें इस मामले को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की उनकी माँग को खारिज कर दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

600 परिवारों की जमीन पर Waqf का दावा… केरल कोर्ट ने सरकारों से जवाब माँगा, याचिकाकर्ता बोले-गैर इस्लामी लोगों की संपत्ति पर क्यो हो...

याचिकाकर्ताओं ने वक्फ अधिनियम की धारा 14 को असंवैधानिक बताया है, जिसमें वक्फ बोर्ड को किसी भी ट्रस्ट या सोसायटी की संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने का अधिकार दिया गया है।

बंगाल में काली पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंदुओं पर हमला, BJP नेताओं ने CM ममता बनर्जी से माँगा इस्तीफा: कहा- ‘वोटबैंक’ बेखौफ होकर...

BJP नेता सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता में माँ काली के विसर्जन जुलूस के दौरान हिंदुओं को हमले को लेकर पुलिस पर निशाना साधा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -