बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने ‘1947 में भीख में आज़ादी’ वाले अपने बयान का फिर से बचाव किया है। उन्होंने एक पुरानी खबर शेयर की, जिसमें लिखा है कि किस तरह महात्मा गाँधी इस बात को लेकर राज़ी हो गए थे कि अगर सुभाष चंद्र बोस मिलते हैं तो उन्हें अंग्रेजों को सौंप दिया जाएगा। कंगना रनौत ने लिखा, “जिन्होंने सच में आज़ादी की लड़ाई लड़ी, उन्हें उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनके खून में वो साहस, गर्मी और आग नहीं ही कि वो स्वतंत्रता के लिए लड़ सकें।”
‘थलाईवी’ की अभिनेत्री ने लिखा कि भारतीयों पर अत्याचार करने वालों के विरुद्ध लड़ने का साहस न रखने वाले कुछ नेता सत्ता के भूखे थे, धूर्त थे। उन्होंने लिखा कि ऐसे ही लोगों ने हमें सिखाया कि अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर तमाचा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो, ऐसे ही आज़ादी मिलेगी। कंगना रनौत ने लिखा कि आज़ादी ऐसे नहीं मिलती है, बल्कि इस तरह से सिर्फ भीख ही मिल सकती है। साथ ही उन्होंने लोगों को अपने नायकों को अच्छे से चुनने की सलाह दी।
कंगना रनौत ने दावा किया कि महात्मा गाँधी ने कभी भी भगत सिंह या नेताजी सुभाष चंद्र बोस का समर्थन नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि ऐसे सबूत मौजूद हैं, जो बताते हैं कि महात्मा गाँधी चाहते थे कि भगत सिंह को फाँसी पर चढ़ाया जाए। उन्होंने लोगों से कहा कि आपको चुनने की ज़रूरत है कि आप किसे अपना नायक मानते हैं, किसका समर्थन करते हैं। कंगना रनौत ने लिखा कि इन सभी को अपनी याद में एक साथ रखना और हर साल उनकी जयंती पर याद करना पर्याप्त नहीं है।
कंगना रनौत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “उन सभी को एक साथ अपनी यादों में रखना और हर साल जयंती पर याद करना केवल बेवकूफाना ही नहीं है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना और सतही भी है। लोगों को न सिर्फ अपना इतिहास पता होना चाहिए, बल्कि अपने नायकों के बारे में भी ज्ञान होना चाहिए।” बता दें कि ‘टाइम्स नाउ’ के एक शो में ‘1947 में भीख में आज़ादी मिली’ वाले उनके बयान का लिबरल और सेक्युलर गिरोह विरोध कर रहा है। कंगना ने कहा था कि हमें वास्तविक आज़ादी 2014 में मिली।
बता दें कि
मराठी और हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले ने अभिनेत्री कंगना रनौत के ‘भीख में आजादी’ वाले बयान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि कंगना रनौत ने जो कहा वह उससे सहमत हैं। मराठी थिएटर और सिनेमा के सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक माने जाने वाले विक्रम गोखले ने कहा था कि भारत को कभी भी ‘हरा’ नहीं होना चाहिए और इसे ‘भगवा’ बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा था, “बहुत से स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें फाँसी दी गई थी, बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। वे मूकदर्शक बने रहे।”