Saturday, November 2, 2024
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JNU का नाम ANU करना पड़ा, पूर्व PM से जुड़ा दृश्य हटाया गया, 7 सीन काटे: ‘द कश्मीर फाइल्स’ को सेंसर बोर्ड से ‘A’ सर्टिफिकेट

एक खूँखार आतंकी के घर भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री को दिखाए जाने वाले दृश्य को भी हटा दिया गया। एक टेलीविजन चैनल के लोगों को भी हटाया गया।

नब्बे के दशक में घाटी में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार और पलायन पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को सेंसर बोर्ड ने रिलीज के लिए अनुमति दे दी है। हालाँकि, इसके लिए फिल्म में JNU का नाम बदल कर ‘ANU’ करना होगा। साथ ही CBFC (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) ने फिल्म में 7 छोटे-छोटे कट्स भी लगाए हैं। ‘द कश्मीर फाइल्स’ शुक्रवार (11 मार्च, 2022) को रिलीज हो रही है। विवेक अग्रिहोत्री फिल्म के निर्देशक हैं। फिल्म को ‘A’ सर्टिफिकेट मिला है।

हालाँकि, इस दिन रिलीज होने वाली ये अकेली फिल्म नहीं है। इसी दिन तेलुगु फिल्मों के बड़े स्टार प्रभास और पूजा हेगड़े की फिल्म ‘राधे श्याम’ भी रिलीज हो रही है, जिसका बजट 350 करोड़ रुपए के आसपास है। हाल ही में विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया था कि कॉमेडियन कपिल शर्मा ने अपने शो में इस फिल्म का प्रमोशन करने से इनकार कर दिया। ‘द कश्मीर फाइल्स’ के उस दृश्य को CBFC ने हटा दिया, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को गिरते हुए दिखाया गया था।

एक खूँखार आतंकी के घर भारत के एक पूर्व प्रधानमंत्री को दिखाए जाने वाले दृश्य को भी हटा दिया गया। एक टेलीविजन चैनल के लोगों को हटाने के साथ-साथ फिल्म में दो दिन जगह दिखाए गए पोस्टर्स में से ‘रेप’ शब्द को भी ब्लर कर दिया गया। जहाँ भी ‘हिन्दू’ या ‘पंडित’ शब्द के साथ कुछ अपशब्द थे, उन्हें हटा दिया गया है। स्पष्ट है, इस्लामी कट्टरपंथियों की भाषा को दिखाने के लिए फिल्म में इनका इस्तेमाल हुआ होगा।

साथ ही ‘डिस्को CM’ वाले शब्द को भी फिल्म से सेंसर बोर्ड ने हटा दिया है। एक यूनिवर्सिटी, जिसे फिल्म में दिखाया गया है – उसका नाम JNU से हटा कर ‘ANU’ रख दिया गया। ‘बॉलीवुड हंगामा’ से बात करते हुए निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने उन्हें फिल्म में कट्स की लंबी सूची थमाई थी, जिसके बाद उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। बोर्ड को ‘इस्लामी आतंकी’ शब्द से भी आपत्ति थी। पहले कुल दो दर्जन कट्स करने के लिए कहा गया था।

विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि उन्हें अपनी बात को साबित करने के लिए सेंसर बोर्ड के समक्ष कुछ दस्तावेज और सबूत रखने पड़े। उन्होंने पूछा कि भला तथ्यों को कोई कैसे नकार सकता है? उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी का नाम बदलने से फिल्म की भावना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, इसीलिए विवाद से बचने के लिए वो ऐसा करने को राजी हो गए। 170 मिनट (2 घंटे, 50 मिनट) की इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और पल्लवी जोशी मुख्य भूमिकाओं में हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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