Thursday, April 25, 2024
Homeविविध विषयअन्यहमारा सिस्टम लेफ्ट-राइट नहीं जानता, यह पूरी तरह भारतीय App: Koo पर उठे...

हमारा सिस्टम लेफ्ट-राइट नहीं जानता, यह पूरी तरह भारतीय App: Koo पर उठे सवालों का संस्थापक ने दिया जवाब

अप्रमेय ने सबसे पहले उन लोगों के सवालों के जवाब दिए जिन्होंने फ्रेंच हैकर का हवाला देकर पूछा कि वह इस ऐप से डेटा ले सकता है। अप्रमेय ने बताया कि 95% यूजर्स Koo पर मोबइल नंबर के जरिए लॉग इन कर रहे हैं। कई लोग ईमेल लॉग इन के लिए नहीं इस्तेमाल करते थे तो उनकी प्राथमिकता में कभी ईमेल से लॉग इन का सिस्टम नहीं था।

डिजिटल यूजर्स के बीच Koo की बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई आलोचक इस ऐप्लीकेशन पर तरह तरह के सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में सभी आशंकाओं पर विराम लगाते हुए इसके सह संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्णा ने सारे सवालों के जवाब दिए हैं। उन्होंने बताया कि आखिर कैसे उनकी ऐप से डेटा लीक होने वाली बात फर्जी है और कैसे उनकी ऐप पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत की ऐप है।

अप्रमेय ने सबसे पहले उन लोगों के सवालों के जवाब दिए जिन्होंने फ्रेंच हैकर का हवाला देकर पूछा कि वह इस ऐप से डेटा ले सकता है। अप्रमेय ने बताया कि 95% यूजर्स Koo पर मोबइल नंबर के जरिए लॉग इन कर रहे हैं। कई समुदाय ईमेल लॉग इन के लिए नहीं इस्तेमाल करते थे तो उनकी प्राथमिकता में कभी ईमेल से लॉग इन का सिस्टम नहीं था। इसे अभी हाल में लाया गया है। और जो लोग ये कह रहे हैं कि इस ऐप पर डेटा विजिबल है, वह वो डेटा है जो यूजर ने डाला है। इसे डेटा लीक नहीं कहा जाएगा। अगर आप यूजर की प्रोफाइल तक जाएँगे तो वैसे भी वो आपको दिखेगा ही।

वह कहते हैं, “हम सिर्फ़ 10 माह पुराने प्लेटफॉर्म हैं। इस तरह यूजर्स की भरमार हमारे लिए बहुत अनापेक्षित थी। हम अपने प्लेटफॉर्म को हर दिन बेहतर बना रहे हैं। ये कोई ऐसी दिक्कतें नहीं है जिनसे आप निपट नहीं सकते या फिर इन्हें इम्प्रुव नहीं किया जा सकता।”

अप्रमेय अपनी ऐप पर चीनी निवेश को लेकर कहते हैं कि ये पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर भारत की ऐप है। बुक माय शो के आशीष हेमरजनी, बाउंस के विवेकानंद, जेरोधा के निखिल कमात समेत कई भारतीय उद्यमी KOO में निवेश कर रहे हैं। हाल में बॉम्बिनेट टेक्नॉलॉजी ने निवेश किया है। कू की पेरेंट कंपनी 3one4Capital है।

शुनवेई का हालिया फंडिंग में कोई रोल नहीं है। ढाई साल पहले उससे पूँजी जुटाई गई थी। उसने वोकल प्रोडक्ट में निवेश किया था जो भारतीय भाषाओं में जवाब देती थी। हालाँकि, अब यह पूर्ण रूप से अलग हो रही है। ये स्टेक्स कोई और खरीदेगा। वर्तमान में इसके स्टेक्स 3one4Capital, कलारी के पास हैं। कुछ अन्य कंपनियाँ भी कुछ स्टेक्स खरीदेंगी। ये ऐप पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर भारत की ऐप है जिसके संस्थापक भी भारतीय हैं।

इस ऐप्लीकेशन को लेकर एक बहस ये भी हो रही है कि ये एक सरकार समर्थित व दक्षिणपंथी ऐप है। जब इस संबंध में कू के सह संस्थापक से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनका सिस्टम ये राइट लेफ्ट नहीं समझता। सिस्टम सिर्फ़ प्रति व्यक्ति को यूजर के तौर पर देखता है। वह कहते हैं, “हमें अपने सामर्थ्य के हिसाब से सबको अच्छी सुविधा देनी है और सबसे बेहतर एक्सपीरियंस देना है।”

उनके अनुसार, “उनके और उनके साथी का कोई पॉलिटिकल कनेक्शन नहीं है। वह एक प्लेटफॉर्म चला रहे हैं जो पूरी तरह भारतीय है और भारतीय कानून व भारतीय संविधान के अंतर्गत काम करेगा।” वह कहते हैं, “संविधान की तरह हमारा सिद्धांत भी सिर्फ़ ‘लोगों का, लोगों के लिए, लोगों के द्वारा’ पर आधारित है। अभी हमारे पास रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, बीएस येदियुरप्पा, शिवराज चौहान, समेत कुछ नाम हैं जिन्होंने इस प्लेटफॉर्म को चुना। उम्मीद है कि आने वाले समय में हर विचार वाला व्यक्ति इससे जुड़ेगा। हमारा उद्देश्य सिर्फ़ स्थानीय भाषाओं में उभरकर देश से गहराई तक जुड़ना है।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe