राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न, 32 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड के साथ ही 2 खिलाड़ियों को लाइफटाइम अर्जुन अवॉर्ड भी दिया, इसमें पैरा-स्विमर मुरलीकांत पेटकर और एथलेटिस्ट में सुचा सिंह का नाम रहा।
मुरलीकांत पेटकर को मिला अर्जुन अवॉर्ड
मुरलीकांत पेटकर वही हैं, जिन्होंने खुद पुलिस स्टेशन जाकर अर्जुन अवॉर्ड न देने के लिए सरकार की शिकायत की थी। हालाँकि मोदी सरकार ने उनका सम्मान किया है और अर्जुन अवॉर्ड (लाइफटाइम) देकर सम्मानित किया है। मुरलीकांत पेटकर को सम्मानित करने के समय एक्टर कार्तिक आर्यन भी मौजूद थे, जिन्होंने उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म ‘चंदू चैंपियन’ में उनका किरदार निभाया था। ‘चंदू चैंपियन’ फिल्म के डायरेक्टर कबीर खान भी मौके पर मौजूद रहे।
बता दें कि मुरलीकांत पेटकर को मोदी सरकार मार्च 2018 में पद्मश्री से भी सम्मानित कर चुकी है। वो जिस अर्जुन अवॉर्ड के लिए थाने तक पहुँचे थे, मोदी सरकार ने उन्हें वो सम्मान राष्ट्रपति के हाथों दिलाया। मुरलीकांत पेटकर अब 80 वर्ष के हो चुके हैं। इसके बावजूद अर्जुन अवॉर्ड लेने के लिए खुद वो पहुँचे थे।
President Droupadi Murmu confers the Arjuna Award (Lifetime) to Shri Murlikant Rajaram Petkar for his outstanding achievements in Para-Swimming. A true inspiration to all.@rashtrapatibhvn @Media_SAI @MIB_India @PIB_India @YASMinistry @IndiaSports #NationalSportsAwards2024… pic.twitter.com/XrfAguwpTZ
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) January 17, 2025
कौन हैं मुरलीकांत पेटकर?
मुरलीकांत पेटकर का जन्म 1944 में महाराष्ट्र के सांगली में हुआ। वो पहलवानी करना चाहते थे, जिसके लिए वो घर से भी भाग गए। बाद में वो सेना में भर्ती हो गए और बॉक्सिंग शुरू की। सेना में रहते हुए उन्होंने कई मेडल जीते और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैडेट्स के गेम में हिस्सा लिया। साल 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में उन्होंने हिस्सा लिया, जहाँ 9 गोलियाँ लगने के बावजूद वो बच गए। 8 गोलियाँ तो शरीर से निकाल दी गई, लेकिन एक गोली उनकी रीढ़ की हड्डी में फंसी रह गई, जिसकी वजह से काफी समय तक वो लकवा के शिकार रहे। इस दौरान धीरे-धीरे वो ठीक होने के क्रम में ही स्विमिंग करने लगे और फिर अन्य खेलों में हिस्सा लेने लगे।
मुरलीकांत पेटकर ने साल 1968 के पैरालंपिक्स में टेबल टेनिस और फिर 1972 के हैडलवर्ग पैरालंपिक्स में स्विमिंग में हिस्सा लिया और मेडल जीते। हालाँकि उस समय और बाद की सरकारों ने उन्हें अनदेखा किया और कभी उनका सम्मान नहीं किया गया, जिसके बाद अपने गाँव की बदहाली की वजह से वो खुद पुलिस थाने पहुँचे थे और फिर मोदी सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। उनकी ये कहानी ‘चंदू चैंपियन’ फिल्म में भी दिखाई गई है।
LIVE: President Droupadi Murmu presents National Sports and Adventure Awards 2024 at Rashtrapati Bhavan https://t.co/DjBNkqARVD
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 17, 2025
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार समारोह के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मनु भाकर, डी. गुकेश, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीन कुमार को खेल रत्न सम्मान से नवाजा। इस दौरान 18 वर्षीय शतरंज विश्व चैंपियन डी. गुकेश और डबल ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर ने सभी का ध्यान खींचा, जबकि पैरा-एथलीट प्रवीन कुमार को सबसे ज्यादा तालियाँ मिलीं। प्रवीन ने पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। वहीं, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को भी देश के सर्वोच्च खेल सम्मान से सम्मानित किया गया। इस दौरान 5 कोचों को द्रोणाचार्य पुरस्कार, फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजा गया।